जापान के ओकिनावा द्वीप पर चिनी विमानों का मँड़राना शुरू

टोकिओ: ‘ईस्ट चायना सी’ में सेंकाकू द्वीपसमूह का झगड़ा बरक़रार रहते हुए, चीन ने जापान के ओकिनावा द्वीप की सीमा में लड़ाकू, बॉम्बर्स तथा जासूसी विमानों को भेजकर नये झगड़े को न्यौता दिया| चीन की इस छेड़ख़ानी के बाद जापान ने अपने लड़ाकू विमानों को भेजकर चिनी बॉम्बर्स विमानों को पीछे हटने पर मजबूर किया| इसी दौरान, जापान के दक्षिण में ओकिनावा द्वीप पर अमरिकी सेना तथा नौसेना का अड्डा है| इसके कारण चीन की इस हवाई गश्ती पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है|

ओकिनावा द्वीपचीन की ‘पिपल्स लिब्रेशन आर्मी’ पिछले कुछ हफ्तों से प्रशांत महासागर में अभ्यास कर रही है| चीन की वायुसेना भी इस अभ्यास में हिस्सा ले रही होकर, पश्‍चिमी प्रशांत महासागर में चीन के लड़ाकू विमान और बॉम्बर्स शरीक होने की जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट की गयी है| अब तक का यह हवाई अभ्यास नियोजित समयसारणी के अनुसार संपन्न हुआ, ऐसा चीन ने कहा है| साथ ही, अपना यह हवाई अभ्यास अन्य किसी भी देश के खिलाफ नहीं है, ऐसा चिनी वायुसेना के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया|

लेकिन चीन के विमानों ने अपनी हवाई सीमा का उल्लंघन करके ओकिनावा द्वीप समूह पर गश्ती लगायी होने का आरोप जापान के रक्षामंत्रालय ने किया है| चीन के दो ‘सुखोई-३०’ लड़ाकू विमानों ने, जापान के ओकिनावा और सेंकाकू द्वीपसमूह के ‘मियांको’ द्वीप में घुसपैंठ की| इस घुसपैंठ के तुरंत बाद चीन के लंबी दूरी के दो ‘एच-६के’ ये बॉम्बर्स विमान भी ओकिनावा के हवाई सीमा में मँड़राये| इसके अलावा चीन के ‘सिग्नल इंटलिजन्स’ के दो विमान भी इस गश्ती में शामिल हुए थे| इन विमानों ने कुछ मिनटों के लिए ओकिनावा द्वीप समूह की हवाई सीमा में गश्ती की थी| जापान की हवाई सीमा में आने से पहले चिनी विमानों ने, फिलिपाईन्स से होकर तैवान की हवाई सीमा का भी उल्लंघन किया था|

ओकिनावा द्वीपसिंतबर महीने में चीन के लड़ाकू विमानो ने सेंकाकू और ओकिनावा द्वीप समूह की हवाई सीमा में घुसपैंठ की थी| कुल आधे घंटे तक चीन के विमानों ने जापान की हवाई सीमा में मँड़राना जारी रखा था| जापान के लड़ाकू विमानों द्वारा रोके जाने के बाद चीन के विमान पीछे हटे थे| लेकिन ‘विमानों ने आंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन ना करते हुए अपने हवाई सीमा में अभ्यास किया था’ ऐसा दावा चीन ने किया था| जापान के हवाई दल द्वारा जारी की जानकारी के अनुसार, इस साल के पहले छह महिनों में, जापान को कुल ४०७ बार चिनी विमानों को रोकने के लिए अपने लड़ाकू विमान भेजने पड़े हैं| लेकिन जापान के इस इल्ज़ाम को नकारते हुए, उल्टे जापान के विमानों ने ही अपनी हवाई सीमा में घुसपैंठ की है, ऐसा उल्टा इल्ज़ाम चीन ने लगाया है|

चीन और जापान के बीच का यह सागरी झगड़ा दिनबदिन बढ़ता जा रहा है| यह झगड़ा चर्चा की माध्यम से सुलझाने के लिए चीन लिमा में हुए बैठक में राज़ी हुआ था| लेकिन इस ऐलान के कुछ ही दिन बाद, चीन के युद्धपोत ने सेंकाकू की सीमा में घुसपैंठ करने की कोशिश की थी| चीन ने सेंकाकू द्वीप और उसकी हवाई सीमा पर अपना हक़ जताया है| लेकिन इस द्वीप पर अपना हक्क है, ऐसा कहकर जापान इस मामले में सबूत प्रस्तुत करता आया है| लेकिन चीन को जापान के ये सबूत मंज़ूर नहीं| चीन इस द्वीप की सागरी सीमारेखा में अपने युद्धपोत तथा लड़ाकू विमानों की घुसपैंठ करता रहा है|

ओकिनावा द्वीपसमूह पर अमरीका का सबसे बड़ा लष्करी अड्डा है| इस द्वीपसमूह के हवाईअड्डे पर अमरीका के विमानों के बड़े स्क्वाड्रन तैनात हैं| इसमें लड़ाकू विमानों के साथ ही, ऑस्प्री, चिनूक और अवॅक यंत्रावली से लैस विमान शामिल हैं| इससे पहले भी चीन के विमानों ने ओकिनावा द्वीपसमूह के नज़दीक से गश्ती की थी| लेकिन इस समय चीन ने, एकसाथ लड़ाकू, बॉम्बर्स और जासूसी विमानों द्वारा ओकिनावा द्वीपसमूह के नज़दीक गश्ती करके अमरीका को चुनौती दी है|

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