भारत के हितसंबंधों के विषय में चीन संवेदनशीलता बरते – भारतीय विदेश सचिव ने किया निवेदन

बीजिंग – भारत के विदेश सचिव विजय गोखले चीन की यात्रा पर है| चीन के विदेशमंत्री वँग ई इनके साथ बातचीत के दौरान भारतीय विदेश सचिव ने ‘मसूद अजहर’ का मुद्दा उपस्थित किया| भारत और चीन एक-दुसरे के हितसंबंधों के विषय में संवेदनशीलता दिखाए, यह निवेदन करके विदेश सचिव गोखले इन्होंने ‘अजहर’ के मुद्दे पर भारत ‘संवेदनशील’ है, यह बात चीन के सामने रखी|

पुलवामा में हुए हमलें में भारत ने अपने ४० सैनिक खोने के बाद अमरिका, फ्रान्स और ब्रिटेन इन देशों ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में ‘मसूद अजहर’ पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव रखा था| यह प्रस्ताव तकनिकी कारण आगे करके चीन ने ठुकराया था| इसपर भारत के साथ अमरिका, फ्रान्स और ब्रिटेन ने कडी प्रतिक्रिया जताई थी| इस देशों ने ‘अजहर’ पर कार्रवाई को लेकर चीन को इशारा दिया था| इस बारे में चीन को इन देशों ने अवधी देने के समाचार भी प्राप्त हुए थे| चीन ने यह बात ठुकराई है, फिर भी भारत के साथ अमरिका, फ्रान्स और ब्रिटेन के दबाव के कारण चीन अपनी भूमिका में बदलाव करने की तैयारी में होने के आसार दिखाई दे रहे है|

चीन ने अपनी भूमिका में बदलाव करके अजहर पर कार्रवाई करने का मार्ग खुला करने की तैयारी दिखाई है| लेकिन, इस बारे में चीन सन्मान के साथ हल निकालने की कोशिश में है| ऐसे में अब चीन अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रखकर ‘अजहर’ पर कार्रवाई करने की मांग पूरी करेगा, यह संकेत प्राप्त होने लगे है| इस पृष्ठभूमि पर रविवार के दिन भारत के विदेश सचिव विजय गोखले चीन की यात्रा के लिए निकल पडे है|

विजय गोखले इन्होंने चीन के विदेशमंत्री वँग ई से बातचीत की है| इस दौरान ‘अजहर’ का मुद्दा रहा, यह जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय ने दी है| भारत और चीन एक-दुसरे के हितसंबंधों को लेकर संवेदनशीलता दिखाए, यह निवेदन विदेश सचिव गोखले इन्होंने इस बातचीत के दौरान किया|

पिछले वर्ष चीन के वुहान शहर में प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग के बीच बातचीत होने के बाद दोनों देशों ने एकदुसरे के हितसंबंधों के विषय में संवेदनशीलता दिखाने की बात स्वीकारी थी| इसका दाखिला देकर विदेश सचिव गोखले इन्होंने वँग ई से बातचीत की शुरूआत की|

साथ ही गोखले इन्होंने चीन के अन्य नेताओं से भी भेंट करने का वृत्त है| इस दौरान पुलवामा हमले के बाद ‘मसूद अजहर’ पर सुरक्षा परिषद की कार्रवाई ज्यादा समय तक रोकना मुमकिन नही होगा, यह एहसास चीन ने पाकिस्तान को पहले ही कराया है| फिर भी चीन ने चौथी बार अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करके ‘अजहर’ की रक्षा की थी| लेकिन, अगले समय में यह मुमकिन नही होगा, ऐसा चीन के विदेशमंत्री ने पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में कहा था, यह जानकारी पाकिस्तानी माध्यमों ने ही प्रसिद्ध की थी|

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