‘मेक इन इंडिया’ से मित्र देशों के साथ संबंध अधिक मजबूत होंगे – प्रधानमंत्री  मोदी  का भरोसा

नई दिल्ली – पिछले ४ सालों  में मोबाइल फोन के निर्माण करनेवाले देश के प्रकल्प की संख्या दो से १२० पर गई है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसका स्वागत किया है। नई दिल्ली के पास नोएडा में सॅमसंग  इस मोबाइल फोन के निर्माण में अग्रणी कंपनी के नए प्रकल्प का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष मून जे- इन के हाथों संपन्न हुआ है। उस समय प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया प्रकल्प का महत्व रेखांकित किया है।

‘मेक इन इंडिया’, उद्घाटन, मून जे- इन, नरेंद्र मोदी, निवेश, नई दिल्ली, अमरिका

लगभग ५००० करोड़ रुपयों के निवेश करके सॅमसंग ने यह प्रकल्प निर्माण किया है। इस प्रकल्प से महीने के आखिर तक एक करोड़ मोबाइल फोन का निर्माण किया जा सकता है। इस प्रकल्प का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी एवं फिलहाल भारत के दौरे पर होने वाले दक्षिण कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष के हाथों किया गया है। मोबाइल निर्माण के क्षेत्र में अग्रसर होनेवाली सॅमसंग कंपनी करोड़ों भारतीयों से जुड़ी जा रही है। भारतीय मध्यम वर्गीय सॅमसंग के उत्पादनों का उपयोग करते हैं, इस का दाखिला इस समय प्रधानमंत्री ने दिया है।

इस प्रकल्प की वजह से कोरियन तंत्रज्ञान एवं भारत की निर्माण क्षमता एवं सॉफ्टवेयर से जुड़ने की वजह से दुनिया को जबरदस्त उत्पादन मिलेंगे। इससे दोनों देशों के एक समान दृष्टि का अनुभव सारी दुनिया को होगा, ऐसा विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया है।मेक इन इंडिया यह भारत सरकार ने हाथ लिया उपक्रम केवल आर्थिक धारणाओं का भाग नहीं है, बल्कि इसकी वजह से मैत्रीपूर्ण संबंध होनेवाले दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ संबंध अधिक व्यापक करने का उद्देश्य भारत के सामने है, ऐसा प्रधानमंत्री ने उस समय कहां है।

भारत की पारदर्शक बनी व्यापारी संस्कृति का लाभ लेने के लिए उत्सुक होनेवाले देशों को निवेश के लिए खुला निमंत्रण दिया जा रहा है। भारत की गतिमान प्रगति कर रही वित्त व्यवस्था और उदय हो रहे नए मध्यम वर्ग के विविध व्यापारी अवसर, इस पर प्रधानमंत्री ने ध्यान केंद्रित किया है। दौरान राष्ट्राध्यक्ष मून जे-इन के इस भारत भेंट में दोनों देशों में आर्थिक एवं व्यापारी सहयोग अधिक दृढ़ होंगे ऐसे संकेत मिल रहे हैं।

फिलहाल अमरिका के चीन तथा यूरोपीय महासंघ के साथ व्यापार युद्ध शुरू हुआ है और जल्द ही उसके भीषण परिणाम सामने आएंगे। इस व्यापार युद्ध के नुकसान सहन करने पड़ रहे हैं। फिर भी उसके अनेक लाभ भी भारत तथा दक्षिण कोरिया जैसे देश को मिल सकते हैं। पर इसका लाभ लेने के लिए गतिमान आर्थिक सहायता विकसित करने की आवश्यकता होने की सलाह दक्षिण कोरिया वित्त दुनिया ने अपने राष्ट्राध्यक्ष को दी थी। उनके इस भारत भेंट के पहले ही मिली यह सलाह औचित्यपूर्ण मानी जा रही है। तो भारत के लिए ही भी उतनी ही जारी होती दिखाई दे रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.