हॉंगकॉंग में बनी अराजकता खतम करने के लिए प्रशासन को चीन का पूरा समर्थन – प्रधानमंत्री ली केकिआंग

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरहॉंगकॉंग – हॉंगकॉंग के चीन समर्थक प्रशासन ने विवादित विधेयक के मुद्दे पर वापसी की है, फिर भी प्रदर्शनकारियों के बीच असंतोष अभी भी कम नही हुआ है| बुधवार के दिन विधेयक पीछे लेने का ऐलान करने के बावजूद हॉंगकॉंग में प्रदर्शन शुरू है और शनिवार के दिन फिर एक बार हवाई अड्डा और नजदिकी क्षेत्र को बंद करने का इशारा प्रदर्शनकारियों ने दिया है| इस पृष्ठभूमि पर चीन के प्रधानमंत्री ली केकिआंग ने हॉंगकॉंग में शुरू हिंसा और अराजक खतम करने के लिए चीन की हुकूमत हॉंगकॉंग के प्रशासन के पीछे डटकर खडी रहेगी, यह इशारा दिया है|

जून महीने से हॉंगकॉंग में विवादित प्रत्यर्पण विधेयक के मुद्दे पर प्रदर्शन शुरू हुए थे| लगातार तीन महीने बाद हॉंगकॉंग के प्रशासन ने विधेयक से वापसी की है फिर भी यह प्रदर्शन आगे भी शुरू रहेंगे, यह स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे है| प्रदर्शनों के बीच हॉंगकॉंग की सुरक्षा यंत्रणा ने की कार्रवाई प्रदर्शनकारियों समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के आलोचना का लक्ष्य साबित हुई है| लेकिन, इस मुद्दे पर प्रशासन झुकने के लिए तैयार नही है और मतदान का अधिकार और अन्य सुधारसंबंधी भी इन्कार कर रहा है|

इस वजह से हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों ने अपनी पांचों भी मांगे पूरी होने तक पीछे नही हटेंगे, यह निर्धार व्यक्त किया है| बुधवार के दिन हॉंगकॉंग के प्रशासकिय प्रमुख कैरी लैम ने वापसी का ऐलान करने के बावजूद हॉंगकॉंग की जनता बडी तादाद में रास्ते पर उतर रही है, यह दृश्य सामने आ रहा है| साथ ही अब हॉंगकॉंग की पाठशाला और महाविद्यालयों के छात्र इन प्रदर्शनों में उतर रहे है और बंद के साथ प्रदर्शन कर रहे है|

हॉंगकॉंग में प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार से ही प्रदर्शनों की तीव्रता फिर से बढाने की चेतावनी दी है| शनिवार के दिन हॉंगकॉंग का हवाई अड्डा और नजदिकी क्षेत्र फिर से बंद करने का प्लैन भी घोषित किया है| इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने दो दिनों तक हॉंगकॉंग हवाई अड्डे पर कामकाज बंद करवाया और साथ ही अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया था| इस बार प्रदर्शनकारी और सुरक्षा यंत्रणा के बीच फिर से संघर्ष होने के संकेत प्राप्त हो रहे है|

इस पृष्ठभूमि पर शुक्रवार के दिन चीन के प्रधानमंत्री ली केकिआंग ने हॉंगकॉंग संबंधी किया वक्तव्य ध्यान आकर्षित कर रहा है| केकिआंग के वक्तव्य के पीछे जर्मन चान्सेलर एंजेला मर्केल की चीन यात्रा और उन्होंने इस विषय पर रखी भूमिका कारण साबित होने की बात कही जा रही है| चान्सेलर मर्केल ने हॉंगकॉंग की जनता की स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा अहम है, इन शब्दों में अपनी भूमिका स्पष्ट की| इसपर प्रतिक्रिया देने के लिए चीन के प्रधानमंत्री को विवश किया है, यह दावा विश्‍लेषकों ने किया है|

‘चीन सरकार एक देश, दो व्यवस्था इस तत्व का पालन करने के लिए कटिबद्ध है| हॉंगकॉंग की जनता ही हॉंगकॉंग का कारोबार संभालेगी| लेकिन, साथ ही हॉंगकॉंग के प्रशासन ने शहर की हिंसा और अराजकता खतम करने के लिए किए जा रहे कानुनी प्रवधानों को चीन का पूरा समर्थन रहेगा| हॉंगकॉंग की स्थिरता और संपन्नता के नजरिए से यह बात अहम है’, यह इशारा केकिआंग ने किया है|

प्रधानमंत्री केकिआंग ने हॉंगकॉंग के मुद्दे पर किया यह वक्तव्य चीन की हुकूमत के वरिष्ठ नेता से प्राप्त हुई पहली बडी प्रतिक्रिया समझी जा रही है| इससे पहले चीन के प्रवक्ते एवं लष्करी अधिकारी ही हॉंगकॉंग के मुद्दे पर भूमिका रख रहे थे|

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