अमरिकी संसद ने किया हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों का समर्थन – चीन ने दर्ज किया निषेध

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरवॉशिंगटन/बीजिंग: हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने के लिए अमरिकी संसद ने तीन प्रस्ताव पारित किए है| अमरिकी संसद के प्रतिनिधिगृह की सभापति नैन्सि पेलोसी ने न्याय के लिए डटकर खडे हुए हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों की भर भर के सराहना की| चीन ने ब्रिटिशों से हॉंगकॉंग का नियंत्रण प्राप्त करते समय किया वादा निभाया नही है, यह आरोप रखा गया है| अमरिकी संसद के इस निर्णय से हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों को काफी बडा बल प्राप्त हुआ दिख रहाहै| साथ ही चीन ने अमरिकी संसद के इस निर्णय पर काफी कडी प्रतिक्रिया दर्ज की है| आर्थिक केंद्र होनेवाला हॉंगकॉंग तबाह करके अमरिका चीन को रोकन की साजिश कर रही है, यह आरोप चीन ने रखा है|

दो दिन पहले ही चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों को भयंकर परिणामों की धमकी दी थी| चीन का बटवारां करने की कोशिश करेवालें के शरीर कुचले जाएंगे और उनकी हड्डियों का चूर्ण होगा, यह धमकी जिनपिंग ने दी थी| वर्ष १९८९ में चीन में जनतंत्र की मांग करनेवाले छात्राओं को बीजिंग के तिआन्मेन चौक में इसी तरह से कुचला गया था| हॉंगकॉंग में भी चीन वैसे ही कार्रवाई कर सकता है, यह चेतावनी राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने दी थी| इसके बाद हॉंगकॉंग के प्रदर्शनों के पीछे अमरिका डटकर खडी होने का संदेशा अमरिकी संसद ने पारित किए इन तीन प्रस्तावों से दिया गया है|

हॉंगकॉंग की जनता को विरोध प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शन करने का अधिकार है, यह बात स्पष्ट तौर पर दर्ज करके इन प्रदर्शनकारियों के विरोध में हो रही चीन की कार्रवाई को विरोध करने के लिए अमरिकी संसद के कनिष्ठ गृह में संबंधित प्रस्ताव पारित किया है| वही, अन्य प्रस्ताव में हॉंगकॉंग की स्थिति पर नजर रखने की सूचना अमरिकी विदेशमंत्री को की गई है| एवं, तिसरें प्रस्ताव के जरिए हॉंगकॉंग में प्रदर्शनकारियों पर चलाए जा रहे हथियार अमरिकी निर्माण के नही है, यह जांच की जाएगी| यह तिनों प्रस्ताव स्वतंत्र तरीके से पारित किए गए है| इस दौरान सभापति नैन्सी पेलोसी ने हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारियों की सराहना करके चीन पर कडी आलोचना की|

वर्ष १९९७ में ब्रिटेन से हॉंगकॉंग का नियंत्रण प्राप्त करते समय चीन ने हॉंगकॉंग की जनता कोएक देश दो व्यवस्थाका भरौसा दिलाया था| पर अब चीन यह वादा तोड रहा है| ऐसी स्थिति में कायर सरकार के विरोध में हॉंगकॉंग की जनता लड रही है| इसी लिए हॉंगकॉंग में हो रहे मानवी अधिकारों के उल्लंघन के विरोध में भूमिका अपनाना अमरिका का दायित्व ही है, इन शब्दों में नैन्सी पेलोसी ने चीन को लक्ष्य किया| साथ ही आर्थिक लाभ उठाने के लिए मानव अधिकारों के हनन की ओर अनदेखा करना कभी भी सही नही होगा| पर आखिरकार आर्थिक लाभ का गणित प्रभावी साबित होता है, यह अफसोस पेलोसी ने व्यक्त किया| साथ ही क्रिस्त धर्मियों का पावन धर्मग्रंथ होनेवाले बायबल का दाखिला देकर किसी ने पूरी दुनिया की संपत्ति प्राप्त करके उसके बदले में अपनापन खोया तो उससे क्या लाभ होगा?’, यह सवाल पेलोसी ने किया|

इस दौरान, चीन ने अमरिकी संसद के प्रस्ताव पर कडी आलोचना की है| हॉंगकॉंग के प्रदर्शन चीन का अंदरुनी मसला है| अमरिका इसमें हस्तक्षेप करके काफी बडे आर्थिक केंद्र होनेवाले हॉंगकॉंग को तबाह करने की कोशिश कर ही है, यह आलोचना चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने किया है| इससे पहले भी चीन ने हॉंगकॉंग के प्रदर्शनों को अमरिका से उकसाया जा रहा है, यह आरोप रखा था| वही, हॉंगकॉंग के प्रदर्शनकारी अमरिका का ध्वज फहराकर अमरिका से सहायता की उम्मीद व्यक्त कर रहे है|

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