चीन को रोज़गार प्रदान करके भारतीय मार्केट का फायदा उठा नहीं सकते – बहुराष्ट्रीय कंपनियों को केंद्र सरकार का संदेश

नवी दिल्ली – चीन में गाड़ियाँ तैयार करके उनकी बिक्री भारत में करना, यह योजना कुछ हजम होने वाली नहीं है, ऐसा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टेसला मोटर्स कंपनी को डटकर कहा है। इलेक्ट्रिक कार्स का निर्माण करनेवाली इस कंपनी ने ऐसी माँग की थी कि भारत सीमा शुल्क में कटौती करें। उस पृष्ठभूमि पर गडकरी ने यह प्रतिक्रिया दी। इस मामले में संसद में पूछे गए सवाल का जवाब देते समय हेवी इंडस्ट्री राज्यमंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने भी केंद्र सरकार की भूमिका स्पष्ट रूप में रखी। भारत के मार्केट का फायदा उठाना, लेकिन रोज़गार चीन को प्रदान करना, यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, ऐसा गुर्जर ने आगे कहा है।

Tesla-China‘टेसला मोटर्स के लिए भारत के दरवाजे खुले हैं। भारत में अपना प्लांट खड़ा करके वे यहीं पर गाड़ियों का निर्माण करके भारतीयों को रोजगार दे सकते हैं। इससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा। लेकिन टेस्ला मोटर्स ने उसकी तैयारी नहीं दर्शाई है। इस कारण, चीन को रोज़गार प्रदान करना और गाड़ियाँ भारत में बेचना यह टेस्ला मोटर्स की नीति भारतीय सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। अगर भारतीय मार्केट कल फायदा उठाना है, तो रोज़गार भी भारत को ही मिलना चाहिए, यह केंद्र सरकार की भूमिका है’, ऐसा गुर्जर ने स्पष्ट किया।

केंद्र सरकार ने ‘प्रॉडक्शन लिंक इन्सेटिव्ह’ उत्पादन को बढ़ावा देनेवाली योजना बनाई होकर, उसका फायदा देसी तथा विदेशी कंपनियाँ भी उठा सकती हैं। टेस्ला मोटर्स भी उसका फायदा उठाते हुए भारत में अपना प्लांट शुरू कर सकती है, ऐसा सुझाव गुर्जर ने दिया है। इसी बीच, केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने भी इस संदर्भ में माध्यमों से बात करते समय केंद्र सरकार की भूमिका स्पष्ट रूप में रखी। टेस्ला मोटर्स भारत में नया प्लांट शुरू करें इसके लिए मैंने उनसे चर्चा की थी, ऐसी जानकारी गडकरी ने दी। चीन में गाड़ियाँ बनाकर भारत में उन्हें बेचना यह कल्पना हजम होनेवाली नहीं है, इसका भी एहसास मैंने इस कंपनी को करा दिया, ऐसा गडकरी ने कहा है।

इसके बावजूद भी यह कंपनी अगर चीन में ही गाड़ियाँ बनाकर उन्हें भारत में बेचना चाहती है, तो हमें उस पर कोई ऐतराज़ नहीं है। लेकिन ऐसी स्थिति में अन्य मोटर कंपनियों की तरह टेस्ला मोटर्स को भी सीमा शुल्क अदा करना ही होगा। उसमें छूट नहीं मिलेगी, ऐसा गडकरी ने डटकर कहा है।

कोरोना की महामारी, बिजली की किल्लत और कम्युनिस्ट हुकूमत ने अपनाई नीतियों के विरोध में दुनिया भर से आनेवाली प्रतिक्रियाएँ, इन सारी बातों के कारण चीन में उत्पादन करना मुश्किल बना है। इसी कारण दुनिया की फैक्ट्री माने जानेवाले चीन से अब बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ बाहर निकल रहीं हैं। इन कंपनियों को अपने देश की ओर मोड़ने के लिए तीव्र होड़ शुरू हुई है। बहुत बड़ा मार्केट, जनतांत्रिक व्यवस्था और कुशल मनुष्य बल होनेवाले भारत में उत्पादन शुरू करने के लिए बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उत्सुकता दर्शा रहीं हैं। केंद्र सरकार ने आर्थिक सुधारों का कार्यक्रम बनाकर तथा ‘प्रॉडक्शन लिंक इन्सेटिव्ह’ जैसे प्रोत्साहन पर उपक्रम चलाकर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को भारत आने का आवाहन किया है।

भारत के इस आवाहन को प्रतिसाद मिल रहा होकर, कुछ बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ भारत में बड़ा निवेश कर रही हैं। वही, कुछ कंपनियाँ इस संदर्भ में भारत के साथ चर्चा कर रही हैं। इसी कारण केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि देश में कारखाने शुरू करने हेतु निवेश करनेवाली कंपनियाँ, भारतीय मार्केट का अधिक उत्तम तरीके से फायदा उठा सकती है। टेस्ला मोटर्स को भी भारत सरकार इसका एहसास करा दे रही है ऐसा दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.