चीन पैसिफिक देशों को कर्जे के चंगूल में फंसा रहा है – ऑस्ट्रेलिया में नियुक्त अमरिकी राजदूत ने किया आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकैनबेरा – ‘चीन ने पैसिफिक क्षेत्र के देशों को असुरक्षित कर्जे के चंगूल में फंसाने की नीति अपनाई है| इससे देशों को प्राप्त होनेवाला नीधि आकर्षक एवं सहजता से उपलब्ध होगा, फिर भी इस कर्जे के लिए रखी शर्ते ठिक से समजने की जरूरत होती है’, यह इशारा ऑस्ट्रेलिया में नियुक्त अमरिकी राजदूत आर्थर कल्वाहोस इन्होंने दिया| साथ ही चीन के इस खतरनाक नीति के बारे में अन्य देशों को सही जानकारी देना यह अमरिका एवं अन्य सहयोगी देशों की जिम्मेदारी है, इसका एहसास अमरिकी राजदूत ने कराया|

चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग इन्होंने वर्ष २०१३ में ‘वन बेल्ट वन रोड’ (ओबीओआर) इस महत्वाकांक्षी परियोजना का ऐलान किया था| यह परियोजना यानी चीन की बढती वर्चस्ववादी महत्वाकांक्षा का प्रतिक मानी जा रही थी| एक लाख करोड डॉलर्स से भी अधिक निवेश एवं दुनिया के अलग अलग हिस्से में ५० से अधिक देशों का समावेश होनेवाली यह परियोजना जागतिक स्तर पर चीन का प्रभाव स्थापित करने के लिए निर्णायक मोड साबित होगा, यह विश्‍वास भी जताया गया था| इसके तहेत चीन ने एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में अपना प्रभाव बढाने के लिए गतिविधियां शुरू की है|

चीन ने पैसिफिक क्षेत्र के आठ ‘आयलैंड नेशन्स’ को लगभक दो अरब डॉलर्स की अर्थसहायता एवं कर्जा दिया है| इस कर्जे के बदले में चीन इन देशों में अहम जगह एवं नैसर्गिक स्रोत पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है| साथ ही इन देशों की अंदरूनी सियासत में भी चीन से हस्तक्षेप होने की बात स्पष्ट हुई है| चीन की इन गतिविधियों के विरोध में अमरिका ने मोर्चा खोला है और जापान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड एव भारत की सहायता से चीन को रोकने के लिए कदम बढाए है|

ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमरिका ने पैसिफिक क्षेत्र के देशों की सहायता करने के लिए स्वतंत्र यंत्रणा का निर्माण किया है और इसके लिए लगभग एक अरब डॉलर्स का प्रावधान करने के संकेत दिए है| न्यूजीलैंड ने भी पिछले वर्ष ‘पैसिफिक रिसेट’ नीति का ऐलान करके इस क्षेत्र के देशों के लिए करीब ५० करोड डॉलर्स की अतिरिक्त सहायता करने का ऐलान किया है| इस पृष्ठभूमि पर ऑस्ट्रेलिया में नियुक्त अमरिकी राजदूत ने चीन के कर्जे का जिक्र करके इस मुद्दे पर दुबारा ध्यान आकर्षित किया है|

अमरिकी राजदूत ने किए वक्तव्य पर चीन ने कडी प्रतिक्रिया दर्ज की है| चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता ल्यू कैंग इन्होंने अमरिका के कुछ अधिकारी लगातार चीन से पैसिफिक क्षेत्र में हो रही वित्तीय सहायता का मुद्दा गलत तरीके से उठा रहे है, इस पर नाराजगी व्यक्त की है| अमरिकी अधिकारियों ने इस ओर देखने का अपना नजरिया बदलना होगा, यह सलाह भी चीन के प्रवक्ता ने दी है|

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