चीन के शेयर बाजार में भारी गिरावट

अर्थव्यवस्था में आयी कमजोरी के संकेतो के बाद चीन के शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला शुरु हो गया है। सोमवार और मंगलवार के दिन चीन का प्रमुख शेयर बाजार रहे ‘शांघाय कंपोझिट इंडेक्स’ और ‘सीएसआय 300 इंडेक्स’ करीब 15 प्रतिशत से भी अधिक अंशो से लुढक गये है। चीन के शेयर बाजारों को लगी यह फटकार 1996 के बाद की सबसे बडी गिरावट साबित हुई है। चीन की इस ऐतिहासिक गिरावट ने भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में हडकंप मचा दिया है। वही चीन के शेयर बाजार का नियमन करने वाली सरकारी संस्था ने इन गतिविधियों के बीच किसी भी तरह के कदम नही उठाये है।China market fall शेयर बाजार

सोमवार को चीन का ‘शांघाय कंपोझिट इंडेक्स’ और ‘सीएसआय 300 इंडेक्स’ करीब साडेआठ प्रतिशत से लुढक गया। इस गिरावट के पिछे चीन की अर्थव्यवस्था में आयी कमजोरी तथा यूआन का मूल्य कम करने का फैसला जैसे कारण बताये जाते है। 2007 के आर्थिक मंदी के बाद आयी इस गिरावट को ‘ब्लैक मंडे’ नाम दिया गया है। चीन का शेयर बाजार ढह जाने का असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर दिखाई दिया।

एशिया का सबसे बडा शेयर बाजार जापान का ‘निक्केई’ सोमवार को करीब 4.6 प्रतिशत, हाँगकाँग 4.9 प्रतिशत तथा दक्षिण कोरिया के ‘कॉस्पी इंडेक्स’ में ढाई प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली। भारतीय शेयर बाजार पाँच प्रतिशत से लुढ़ककर इतिहास की तीसरी बडी गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोप में 18 प्रमुख शेयर बाजारों में से 10 बाजार करीब 10 प्रतिशत से अधिक गिर गये। जर्मनी के ‘डॅक्स’ को 18 प्रतिशत और ब्रिटन के ‘एफटीएसई’ को पाँच प्रतिशत से ज्यादा नुकसान सहन करना पडा। ऑस्टे्रलिया के शेयर बाजार में भी सोमवार को 4.1 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली।

China market fall 1अमेरिका में ‘डो जोन्स’ को सबसे भारी नुकसान हुआ है। ‘नॅस्डॅक’ और ‘एस अ‍ॅण्ड पी 500’ मेंे तीन से पाँच प्रतिशत तक गिरावट हुई है। शेयर बाजार में हुए इस गिरावट का असर इंधन तथा प्रमुख मुद्राओं के मूल्य पर भी दिखाई दिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल 45 डॉलर्स के नीचे आ गये है। अमेरिकी डॉलर, यूरो, रुबल जैसे मुद्राओं के मूल्य में भी बड़े बदलाव देखने को मिले।

सोमवार की घटनाओं के बाद मंगलवार को भी चीन तथा जापान के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली। बाजार शुरु होते ही ‘शांघाय कंपोझिट इंडेक्स’ में 7.63 प्रतिशत की गिरावट होते हुए तीन हजार के नीचे बंद हुआ। साल 2015 में ‘शांघाय कंपोझिट इंडेक्स’ पहली बार तीन हजार अंको के नीचे आया है। वहीं चीन के शेयर बाजार में दो दिन में आयी गिरावट 20 सालों में हुआ सबसे बडा नुकसान माना जा रहा है। ‘शांघाय कंपोझिट इंडेक्स’ के साथ ही ‘सीएसआय 300’ और ‘शेन्झेन इंडेक्स’ में भी सात प्रतिशत से अधिक गिरावट आयी है।

चीन के शेयर बाजारों में चल रही गिरावट के बाद भी इनका नियमम देखने वाली प्रमुख संस्था ‘चायना सिक्युरिटीज रेग्युलेटरी कमिशन’ने किसी भी तरह का बडा कदम नही उठाया है। चीन के अखबारों ने भी सरकार को शेयर बाजार में हस्तक्षेप न करने की सलाह दी है। कहा जाता है कि चीने में ‘शैडो बैंकिंग’ से जुडे हुए लोगों का शेयर बाजार में काफी पैसा लगा हुआ था और गिरावट से उनको भारी नुकसान होता दिखाई पड रहा है।

शेयर बाजार में आयी गिरावट से पहले चीन सरकार ने देश के पेन्शन फंड को स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए मान्यता दी थी। करीब 550 अरब डॉलर्स का यह फंड दुनिया का सबसे बडा फंड माना जाता है।

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