‘वुहान लैब थिअरी’ की नई जाँच की माँग चीन ने ठुकराई

china-wuhan-lab-theory-1बीजिंग/जीनिव्हा – कोरोनावायरस का उद्गम चीन की वुहान लैब में हुआ, इस मुद्दे पर फिर से जाँच करने की माँग चीन ने ठुकराई है। कुछ देश कोरोना के मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं, ऐसा दावा करते हुए चीन ने नई जाँच करने से इन्कार किया है। चीन के इस इन्कार के कारण, कोरोनावायरस के उद्गम के बारे में चीन कुछ छिपा रहा होने का शक अधिक ही दृढ़ हुआ माना जाता है। पिछले हफ्ते में ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायझेशन’ (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्यूस ने ही ऐसी माँग की थी की चीन फिर एक बार जाँच करने की अनुमति दें।

‘जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना का उद्गम ढूँढ़ने के संदर्भ में अध्ययन करने के लिए दूसरे पड़ाव का प्रस्ताव रखा है। यह प्रस्ताव चीन तथा अन्य कई देशों ने अपनाई भूमिका से विसंगत है। कुछ देश कोरोना के उद्गम के मुद्दे को लेकर राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं। चीन को इस बात की चिंता प्रतीत हो रही है’, इन शब्दों में चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता झाओ लिजिअन ने नई जाँच की माँग ठुकराई है।

china-wuhan-lab-theory-3डब्ल्यूएचओ’ ने कुछ महीने पहले प्रस्तुत की रिपोर्ट में ‘वुहान लॅब’ का संबंध नकारा गया था। उस समय ‘डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख टेड्रॉस घेब्रेस्यूस ने भी उसका समर्थन किया था। इस रिपोर्ट से पहले भी उन्होंने लगातार चीन का समर्थन किया होने की बात सामने आई थी। लेकिन उसके बाद पिछले हफ्ते में डब्ल्यूएचओ’ के प्रमुख ने लिया ‘यु टर्न’ गौरतलब साबित हो रहा है। इसके पीछे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हो रहीं गतिविधियाँ कारणीभूत बनीं हैं।

सन २०१९ में कोरोनावायरस की शुरुआत होने से लेकर चीन की इस संदर्भ में भूमिका संदिग्ध रही है। खुद पर रखा जानेवाला दोषारोपण टालने के लिए चीन ने कोरोनावायरस की जानकारी लगातार छिपाकर रखी। साथ ही, उसका उद्गम अन्य देशों में हुआ होने के फुटकर दावे भी जारी किए। कोरोना की महामारी के बारे में बात करनेवाले चिनी संशोधकों की बोलती बंद कर दी गई। कई पत्रकारों को भी गायब किया गया था।

china-wuhan-lab-theory-2लेकिन चीन द्वारा जारी इन कोशिशों की पृष्ठभूमि पर, अमरीका और युरोपीय देशों समेत दुनिया के प्रमुख देशों ने, कोरोनावायरस का उद्गम चीन से ही होने का दोषारोपण किया था। अमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले साल खुलेआम यह आरोप क्या था कि कोरोनावायरस का उद्गम चीन की वुहान लैब से ही हुआ। उसके बाद अमरीका के कई वरिष्ठ नेता, अधिकारी तथा संशोधकों ने वुहान लैब की ओर ही उँगली उठाई थी।

चीन से बाहर निकली एक संशोधिका ने भी, उसके पास इस संदर्भ में सबूत होने का ऐलान किया था। उसके बाद अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने अमरिकी यंत्रणाओं को ‘वुहान लैब लीक’ की जाँच करके रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। उसके बाद अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ‘वुहान लैब लीक थिअरी’ का मुद्दा चर्चा में आया है। अमरीका और युरोप समेत दुनिया के कई देशों ने इस थिअरी का समर्थन करने की शुरुआत की होकर, उस संदर्भ में विभिन्न प्रकार की जानकारी भी सामने आने लगी है।

इसी पृष्ठभूमि पर जागतिक स्वास्थ्य संगठन ने फिर एक बार जाँच करने का प्रस्ताव रखा है। चीन अधिक पारदर्शिता और खुलेपन का पालन करके महामारी के शुरुआती दौर का ‘रॉ डेटा’ संगठन को दे दें, ऐसी आग्रही माँग भी जागतिक स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई है। लेकिन उससे इन्कार करके चीन ने, कोरोना के उद्गम के बारे में सब कुछ ‘ऑलवेल’ ना होने के शक को अधिक ही मज़बूती दी दिख रही है। 

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