अमरिका को चुनौती दे रहे चीन से सेना के लिये ‘जिओस्पेशल’ की खरीदी

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हॉंग कॉंग – युद्धभुमि में सैनिक, टैंक, लडाकू विमान और युद्धपोतों की गतिविधियां बिना किसी गलती से पता लगाने के लिये उपयोगी ‘जिओस्पेशल’ सॉफ्टवेअर की चीन ने खरीदी की है| चीन ने यह सॉफ्टवेअर युरोप की एक कंपनी से प्राप्त किया है, ऐसा कहा जा रहा है| इस सॉफ्टवेअर का उपयोग अमरिका और नाटो कर रहा है| इस वजह से पश्‍चिमी देशों की लष्करी गतिविधियां और योजना चीन के हाथ लग सकती है| इसे ध्यान में रखकर अमरिका रक्षा दलों के प्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड इन्होंने तकनीकी क्षेत्र की कंपनीयां चीन को सहायता ना करे, ऐसी चेतावनी दी थी|

शत्रू के इलाके की जानकारी और लष्करी कमांड की गतिविधियों की ताजा जानकारी आपूर्ति प्रगत सॉफ्टवेअर चीन की सेना ने प्राप्त किया है| चीन की सेना से जुडे एक अधिकारी ने हॉंग कॉंग के एक वृत्तपत्र से की बातचीत के दौरान यह जानकारी दी| चीन ने स्वीडन की ‘हेक्सागॉन’ कंपनी से ‘लुसिएड’ यह ‘जिओस्पेशल’ यानी भौगोलिक जानकारी की आपूर्ति करने के लिये उपयोगी सॉफ्टवेअर की खरीदी की है|

रक्षा क्षेत्र में प्रगत जाने वाला यह सॉफ्टवेअर खरीदी करने से चीन की सेना को ‘रिअल टाईम डेटा’ और जंगी विमान, युद्धपोतों की गतिविधिया और उनकी रफ्तार की जानकारी भी प्राप्त करना संभव होगा| साथ ही शत्रू का प्रक्षेपास्त्र कौन से गति से आगे बढ रहा है, यह जानकारी पाना भी यह सॉफ्टवेअर से प्राप्त हो सकता है, यह दावा किया जा रहा है| एक सेकंड में जब युद्धभुमि या छद्म युद्ध की दिशा बदलने की संभावनी होती है, उस समय ‘लुसिएड’ का उपयोग अत्यंत अहम माना जाता है|

सैटेलाईट से प्राप्त हो रहे फोटो, वीडियो, रडार, सेन्सर और ड्रोन्स से मिलने वाली जानकारी इस सॉफ्टवेअर में जमा होती है| इस वजह से किसी भी जगह की हर प्रकार की ताजा जानकारी यह सॉफ्टवेअर में जमा रहती है, ऐसा कहा जाता है| अंतरराष्ट्रीय बाजार में उपलब्ध अन्य ‘जिओस्पेशल’ सॉफ्टवेअर की तुलना में स्वीडन की इस कंपनी का सॉफ्टवेअर ७५ गुना अधिक गति से काम करता है, ऐसा दावा भी हो रहा है|

आवश्यक उस जगह का साफ चित्र दर्शाने वाला यह सॉफ्टवेअर हर एक क्षण में किमान सौ मुद्दों का आकलन कर करता है, यह भी चर्चा है| इस वजह से अमरिका ने अपनी ‘स्पेशल फोर्सेस’ के सैनिकों के लिये और नाटोने अपनी सेना के लिये पहले से इस सॉफ्टवेअर का उपयोग शुरू किया था|

शत्रू देश में घुंसकर खुफिया कार्यवाही या सर्जिकल स्ट्राईक करने में माहिर अमरिका की ‘स्पेशल फोर्सेस’ को इस सॉफ्टवेअर का बहुत बडा लाभ हुआ है, यह दावा हो रहा है| २०११ में अमरिका की ‘स्पेशल फोर्सेस’ने पाकिस्तान की अबोटाबाद में ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के लिये की कारवाई के दौरान ‘लुसिएड’ काही इस्तमाल किया था| इस वजह से यह सॉफ्टवेअर चीन ने प्राप्त करने से अमरिका और नाटो की समस्या बढ रही है, ऐसा कहा जा रहा है|

चीन की शर्तों के अनुसार यदि कोई परदेशी कंपनी चीन के लिये सॉफ्टवेअर की आपूर्ति करती है तो उसे छोटे से छोटे कोड की जानकारी भी खुली करना जरुरी होता है| अपनी देश की सुरक्षा के लिये चीन के साथ व्यापर करते समय हर कंपनी इन नियमों का पालन करे, यह चीन की पहली शर्त रहती है| इस कारण स्वीडन की कंपनी ने चीन को ‘लुसिएड’ सॉफ्टवेअर की आपूर्ती करने के समय चीन की इन शर्तों का पालन किया तो अमरिका और नाटो से जुडी जानकारी भी उजागर हो सकती है, यह दाव संबंधित अखबार ने किया है|

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