छह दशकों में पहली बार हुई चीनी जनसंख्या में गिरावट – चीनी जनता में सरकारी नीति के खिलाफ नाराज़गी

बीजिंग – पिछले कई दशकों से अपनाई गई ‘वन चाईल्ड पॉलिसी’ और साल २०१९ से जारी कोरोना संक्रमण की पृष्ठभूमि पर साल २०२२ में चीन की जनसंख्या में गिरावट आने की जानकारी सामने आयी है। पिछले साल चीन की जनसंख्या साढेआठ लाख से घटने की जानकारी ‘नैशनल ब्युरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स’ ने प्रदान की है। साल १९६१ के बाद पहली बार चीन की जनसंख्या में गिरावट आई है। इस गिरावट के कारण अब भारत विश्व में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है, यह दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेषज्ञों ने किया है। इसी बीच विश्व के प्रमुख उद्यमी एलॉन मस्क ने जनसंख्या की भारी गिरावट का मुद्दा मानवी संस्कृति के भविष्य के लिए खतरा होने का इशारा दिया है।

जनसंख्या में गिरावटचीन के ‘नैशनल ब्युरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स’ ने मंगलवार को देश की जनसंख्या की जानकारी घोषित की। इसके अनुसार साल २०२२ में चीन की जनसंख्या १४१ करोड़ यानी १.४११ अरब थी। साल २०२१ की तुलना में यह संख्या ८.५० लाख से कम है। साल २०२२ में चीन का जन्मदर प्रति हजार ६.७७ तक घटा है। जन्मदर की जानकारी रखने की शुरूआत करने के बाद सामने आयी यह सबसे कम संख्या है। बच्चों को जन्म देने वाली २५ से ३५ वर्ष आयु की महिलाओं की संख्या ४० लाख से कम होने की जानकारी ‘नैशनल ब्युरो’ ने स्पष्ट की।

जनसंख्या में गिरावटजन्मदर और जन्म देने वाली महिलाओं की संख्या कम होने के साथ ही चीन में मृत्युदर बढ़ रहा है। साल २०२२ में प्रति हज़ार लोगों में ७.३७ की मौत हुई थी। साल १९७४ के बाद का यह सबसे ज्यादा मृत्युदर है। चीन की जनसंख्या की गिरावट के पीछे साल १९८० से २०१५ तक कुल ३५ साल अपनाई गई ‘वन चाईल्ड पॉलिसी’ प्रमुख वजह बताई जा रही है। साल २०१६ के बाद चीन ने यह नीति शिथिल की है, फिर भी चीनी जनता यह बदलाव स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है, यही बात नए आँकड़े स्पष्ट कर रही है, इस पर चीन के विशेषज्ञों ने ध्यान आकर्षित किया।

जनसंख्या में गिरावटचीन से प्राप्त हुई जानकारी के बाद चीन समेत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न बयान प्राप्त हो रहे हैं। चीन की गिरावट के बाद भारत अब सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है, यह दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने किया है। भारत की जनसंख्या १.४१२ अरब होने की बात राष्टसंघ ने कही है। साथ ही चीन की जनसंख्या में गिरावट जारी रही तो साल २०५० तक इसमें १० करोड़ की और कमी हो सकती है, यह इशारा भी दिया गया है। चीन के नागरिकों ने सरकारी नीति पर नाराज़गी व्यक्त की है। गिरावट रोकनी हो तो बच्चों को बढ़ाने के लिए सरकार ने परिवारों को अधिक सहायता और रियायत देनी पडेगी, ऐसा स्वर चीनी नागरिक आलाप रहे हैं।

इसी बीच, विश्व के शीर्ष उद्यमी एलॉन मस्क ने जनसंख्या की गिरावट के मुद्दे पर गंभीर चेतावनी दी। जनसंख्या की गिरावट मानवी अस्तित्व के लिए बड़ी समस्या बन सकती है, ऐसा इशारा मस्क ने ट्विट के ज़रिए दिया है। चीन से पहले अमरीका, जापान, दक्षिण कोरिया एवं यूरोपिय देशों में भी जनसंख्या में गिरावट जारी होने की बात सामने आयी है।

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