एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में नाटो के जारी विस्तार को चीन का विरोध

बीजिंग/विल्निअस – लिथुआनिया की बैठक में नाटो ने जारी किया निवेदन शीतयुद्ध के दौर की मानसिकता एवं वैचारिक पूर्वगहों की पुनरावृत्ति हैं और एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में नाटो के विस्तार का चीन बड़ी दृढ़ता से विरोध कर रहा हैं, यह चेतावनी चीन ने दी है। चीन के हक और हितसंबंधों को खतरे में धकेलने की किसी भी हरकत पर चीन की प्रतिक्रिया बड़ी सख्त होगी, ऐसी चेतावनी भी चीन के प्रवक्ता ने दी है। बुधवार को नाटो ने जारी किए निवेदन में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की जारी गतिविधियों के कारण ‘युरो-अटलांटिक’ की सुरक्षा के सामने चुनौती खड़ी होने की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है। इन चुनौतियों के खिलाफ सदस्य एवं मित्र देशों को सुरक्षा मुहैया करने के लिए नाटो प्रतिबद्ध है, ऐसी गवाही भी दी गई है। 

एशिया-पैसिफिकलिथुआनिया में आयोजित नाटो की बैठक में ‘इंडो-पैसिफिक’ क्षेत्र के जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड इन प्रमुख देशों को भी आमंत्रित किया गया। अमरीका के साथ नाटो गुट के मित्र देश बनकर सामने आए इन देशों ने यूक्रेन को सैन्य एवं आर्थिक सहायता प्रदान करने के साथ ही रशिया विरोधी प्रतिबंध लगाने में भी सहयोग किया है। इसी पृष्ठभूमि पर अमरीका के बाद नाटो गुट ने भी इन देशों के साथ बने ताल्लुकात मज़बूत करने की गतिविधियां शुरू की हैं। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए चीन से निर्माण हुए खतरों की पृष्ठभूमि पर नाटो ने जापान में अपना दफ्तर शुरू करने के संकेत भी कुछ दिन पहले दिए थे। 

यूरोप की बैठक में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत की चुनौतियों का ज़िक्र करके नाटो अब इंडो-पैसिफिक का मुद्दा भी एजेंड़ा पर होने की बात रेखांकित करती स्पष्ट दिख रही है। नाटो की इन गतिविधियों की वजह से चीन काफी बेचैन हुआ है और नाटो के निवेदन की कड़ी आलोचना की है। यूरोपिय महासंघ में स्थित चीन के दफ्तर ने नाटो के इस निवेदन को लताड़ा हैं।

‘नाटो का निवेदन बुनियादी तथ्यों को अनदेखा करता है और चीन की भूमिका और नीति को जानबूझकर गत ढ़ंग से पेश किया गया है। शीत युद्ध का हिस्सा रही नाटो प्रांतिय सैन्य संगठन होने के बावजूद अपनी सरहदों के बाहरी मामलों में दखलअंदाजी करने की कोशिश कर रही है। इससे संघर्ष छिड़ने का खतरा है। नाटो की नीति धकोसला बताने की कोशिश दिखाई देती है’, ऐसी फटकार यूरोपिय महासंघ में चीन के प्रवक्ता ने लगायी। साथ ही चीन अपनी संप्रभूता, सुरक्षा और हितसंबंधों की रक्षा करने की कल्पना पर दृढ़ता से कायम हैं, यह चेतावनी भी उन्होंने दी है।

इसी बीच, नाटो के साथ ‘न्यू पार्टनरशिप प्रोग्राम’ पर सहमति होने का ऐलान जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने किया है।

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