चीन ठंडे दिमाग से अमरिका के साथ शीतयुद्ध खेल रहा है – ‘सीआयए’के वरिष्ठ विशेषज्ञ की चेतावनी

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

अस्पेन – ‘दुनिया का सबसे ताकतवर देश कहनेवाले अमरिका की जगह लेने के लिये चीन ने शीतयुद्ध शुरू किया है| लेकिन चीन का यह शीतयुद्ध अमरिका और सोव्हिएत रशिया में हुये शीतयुद्ध जैसा नहीं| चीन को खुलेआम अमरिका के साथ युद्ध करने में दिलचस्पी नहीं| लेकिन अमरिका की जगह लेने के लिये चीन का कम्युनिस्ट शासन राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के नेतृत्त्व में अपनी पूरी शक्ती का इस्तेमाल कर रहा हैं,’ ऐसा अमरिका की खुफिया एजन्सी ‘सीआयए’के वरिष्ठ विशेषज्ञों ने बताया है|

‘सीआयए’के ‘ईस्ट एशिया मिशन सेंटर’ के ‘डेप्युटी असिस्टंट डायरेक्टर’ की जिम्मेदारी निभानेवाले ‘मायकल कॉलिन्स’ ने एक रक्षाविषयक समिट में यह चेतावनी दी| ‘सीआयए’ के एशिया विभाग के विशेषज्ञ ऐसी पहचान रहनेवाले कॉलिन्स ने चीन ने अमरिका के खिलाफ छेड़ा शीतयुद्ध बहोत ही अलग है| इसकी सोव्हिएत रशिया ने और अमरिका के शीतयुद्ध से तुलना कर नहीं सकते, ऐसा साफ किया| चीन जो दिखा रहा है उससे कई ज्यादा चीन की प्रत्यक्ष में नीति बहोत अलग है, यह कॉलिन्स ने प्रभावशाली ढंग से कहा| दुनिया का सबसे बलशाली देश बतौर अमरिका की जगह लेने की जोरशोर से तैयारी चीन ने की है| इसके लिये चीन की हुकूमत अपने सारे साधन और शक्ती इस्तेमाल कर रही है, ऐसा कहकर चीन की योजनांओं से अमरिका को होशियार रहने की जरूरत है, ऐसा दावा कॉलिन्स ने किया|

 शीतयुद्ध, युद्ध, सीआयए, अमरिका, गतिविधि, चीन, क्रिमिआ

ऐसा होते हुए भी चीन को अमरिका के साथ सीधे युद्ध करने में दिलचस्पी नहीं है बल्कि अमरिका की जगह छिनने का काम चीन को ठंडे दिमाग से और शोर ना करते हुए करना है, ऐसा दावा ‘माइकल कॉलिन्स’ने किया| उसी समय साऊथ चायना सी क्षेत्र के द्वीपों के सैनिकीकरण की मिसाल देकर उसके द्वारा चीन की रणनीती और योजनाबद्ध गतिविधि समझी जा सकती है, ऐसा कॉलिन्स ने कहा| रशिया ने जैसे युक्रेन के क्रिमिआ के क्षेत्र को तोड़ा और यह भाग अपने देश को जोड़ा| उसी तरह चीन ‘साऊथ चायना सी’ में गतिविधियॉं कर रहा है| वास्तव में यह क्षेत्र मतलब पूर्व का क्रिमिआ होगा, ऐसी चेतावनी मायकल कॉलिन्स ने दी है|

कॉलिन्स द्वारा चीन के मामले में दी गई चेतावनी एकमात्र नहीं है, अमरिका के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और मुत्सद्दी इसी प्रकार की प्रतिक्रिया दे रहे है| अमरिका के केंद्रीय जॉंच एजन्सी ‘एफबीआय’ के संचालक ‘ख्रिस्तोफर व्राय’ने भी चीन से अमरिका को बहोत बड़ा खतरा है, ऐसा सुनवाया है| चीन के खुफियॉं विभाग के गतिविधियों पर ध्यान न देना उचित नहीं होगा| क्योंं कि अमरिका के ५० प्रांत में आर्थिक गुनहगारी मामले में मूल सूत्र चीन में मिल सकते है, ऐसा खलबली मचानेवाला दावा व्राय ने किया है|

वहीं अमरिका के ‘नैशनल इंटेलिजन्स’के डायरेक्ट डॅन कोट्स ने अमरिका के उद्योगक्षेत्र में गोपनीय दस्तावेजों की चोरी करनेवाले चीन के खिलाफ अमरिका ने ठोस कारवाई करनी चाहिए, ऐसी मॉंग की है| अमरिका के विदेश मंत्रालय के पूर्व एशिया और पैसिफिक विभाग के उपमंत्री सुसान थॉर्टोन ने अमरिकन विद्यापीठो में हजारों की संख्या में आये चिनी छात्रों से बड़ी चुनौती मिल सकती है, इसकी याद दिलायी है| ‘साथही इसके आगे अमरिका के सामने खतरों का जिक्र करते समय रशिया के बाद चीन का फुटनोट जैसा जिक्र नहीं कर सकते| चीन अमरिका के लिये बहोत खतरनाक बन गया है|’ ऐसा दावा थॉर्टोन ने किया|

सायबर क्षेत्र, आर्टिफिशिअल इंटेलिजन्स अर्थात कृत्रिम बुद्धिमता के क्षेत्र में चीन ने बड़ा विकास किया है| चीन रक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करनेवाले देशों की सूची में दुसरे स्थान पर है| चीन के पास सबसे ज्यादा सेना है| चीन की वायुसेना तिसरे स्थान पर है| चीन के नौसेना के पास ३०० युद्धपोत और ६० पनडुब्बीयॉं है, ऐसा अमरिका के ‘डिफेन्स फॉर इंटेलिजन्स’ विभाग के भूतपूर्व उपमंत्री मार्सेल लेट्रे ने कहा है| इतना सामर्थ्य होनेवाले चीन द्वारा रहनेवाला खतरा अमरिका ने गंभीरता से लेना चाहिए, यह अमरिका के वरिष्ठ अधिकारी अलगअलग तरीके से कहने लगे है| इसी वजह से ट्रम्प प्रशासन ने चीन के खिलाफ अपनाए आक्रामक रवय्यै को अनुमोदन मिला है, ऐसा दिख रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.