चीन ने लद्दाख के ‘एलएसी’ पर बढ़ाई तैनाती

नई दिल्ली – कुछ भी हो फिर भी चीन को एकतरफा कार्रवाई करके ‘एलएसी’ की मौजूदा स्थिति भारत बदलने नहीं देगा, ऐसा बयान विदेश मंत्री एस.जयसंकर ने सोमवार को किया था। चीन ने लद्दाख के एलएसी पर सेना तैनाती बढ़ाकर ७० हज़ार करने की बात सामने आ रही है और तभी विदेश मंत्री जयशंकर के इस बयान की अहमियत बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्थाओं ने भारतीय विदेश मंत्री का यह बयान और चीन ने लद्दाख के एलएसी पर तैनाती बढ़ाने की खबरें प्रसिद्ध करके ‘एलएसी’ की स्थिति संवेदनशील होने के दावे किए हैं।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर की एलएसी पर स्थित यांगत्से क्षेत्र में ९ दिसंबर को चीन के ३०० सैनिकों ने घुसपैठ की थी। इन चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने सबक सिखाने के बाद चीन ने इस पर बयान नहीं किया था। भारत अपनी सेना को काबू करे, यह मांग चीन के सेना अधिकारी ने की थी। इसी बीच चीन के विदेश मंत्रालय ने एलएसी की स्थिति स्थिर होने का दावा किया था। चीन ने इस विषय पर अधिक बयान करने से इन्कार किया। भारत में एलएसी की स्थिति को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है और चीन इस विषय पर बयान करने से दूर रहा है। लेकिन, भारतीय विदेश मंत्री ने इस मुद्दे पर स्पष्ट भूमिका अपनाई है और इस मुद्दे पर सरकार की भूमिका भी संसद में स्पष्ट शब्दों में रखी थी।

भारत और चीन के संबंध सामान्य नहीं हैं, यह भारत खुलेआम पूरे विश्व को बता रहा है, ऐसा जयशंकर ने संसद में कहा था। साथ ही किसी भी स्थिति में बल प्रयोग करके चीन को एलएसी की स्थिति बदलने नहीं देंगे, ऐसी गवाही जयशंकर ने दी थी। तवांग सेक्टर के यांगत्से के एलएसी पर भारत-चीन सेना के संघर्ष पर बोलते हुए जयशंकर ने यह आश्वासन दिया। लेकिन, सिर्फ अरुणाचल प्रदेश की ही नहीं, बल्कि लद्दाख में भी चीन ने प्रचंड़ मात्रा में तैनाती बढ़ाने की बात केंद्रीय गृह मंत्रालय की रपट से सामने आयी है।

चीन ने लद्दाख के एलएसी पर अपने ७० हज़ार सैनिक तैनात किए हैं। सन २०२० में हुए गलवान घाटी के संघर्ष के बाद चीन ने लद्दाख के एलएसी पर अपनी सैनिकों की तैनाती बढ़ाकर ५० हज़ार की थी। अब वहां सैनिकों की संख्या ७० हज़ार करके चीन भारत पर दबाव बढ़ाने की नई कोशिश करने में जुटा होने की बात स्पष्ट हुई है। लेकिन, भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ तैनाती करके चीन को इस मोर्चे का जवाब दिया है। यहां के मौसम का अनुभव वाले भारतीय सैनिकों के सामने चीनी सेना का अनुभव काफी कम होने का बयान पूर्व सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकूंद नरवणे ने हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान किया था। इसकी वजह से भारत ने चीन द्वारा बढ़ाई गई तैनाती का संज्ञान लिया है, फिर भी इसका भारतीय सेना पर दबाव ना पडने की बात स्पष्ट दिख रही है।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.