कोरोना के प्रकोप से चीन के आर्थिक विकास दर की लगातार दूसरे वर्ष गिरावट होगी – ‘वर्ल्ड बैंक’ की रपट

वॉशिंग्टन/बीजिंग – लगातार जारी कोरोना का प्रकोप और इसके विरोध में अपनाई ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के कारण चीन की अर्थव्यवस्था में भारी उथल-पुथल शुरू हैं और इसका असर आर्थिक विकास दर पर होने का बयान ‘वर्ल्ड बैंक’ ने अपनी नई रपट में किया है। इस रपट के अनुसार साल २०२२ में चीन की अर्थव्यवस्था २.७ प्रतिशत तक फिसलेगी। ऐसे में अगले साल चीनी अर्थव्यवस्था का विकास दर चार प्रतिशत से अधिक हो सकता है, ऐसा अनुमान ‘वर्ल्ड बैंक’ ने जताया है। इस रपट की पृष्ठभूमि पर ही अब चीन में कोरोना का नया प्रकोप होने के संकेत प्राप्त हुए हैं। राजधानी बीजिंग के साथ कई शहरों में कोरोना संक्रमित और मृतकों का आंकड़ा भारी मात्रा में बढ़ रहा है और अन्य सुविधाओं के निर्माण की कोशिश शुरू होने की बात सोशल मीडिया एवं प्रसारमाध्यमों से सामने आयी है।

आर्थिक विकास दरचीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ने दो हफ्ते पहले ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ शिथिल करने का निर्णय किया था। इसके बाद चीन के अधिकांश हिस्सों में इसका कार्यान्वयन शुरू हुआ हैं और ‘मास टेस्टिंग’ ‘क्वारंटाईन’ के अधिकांश नियम शिथिल किए गए हैं। चीनी नागरिकों को अंदरुनि यात्रा के लिए लगाए गए कई नियम भी रद किए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन, यह नियम शिथिल करने के बाद चीन में कोरोना संक्रमितों की संख्या मे बड़ी बढ़ोतरी होने लगी हैं।

आर्थिक विकास दरचीन की राजधानी बीजिंग में कोरोना के सबसे अधिक नए मामले पाए गए हैं और इन संक्रमितों की संख्या हज़ारों में होने के दावे किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमितों के साथ ही मृतकों की संख्या भी काफी ज्यादा हैं और शहरों के कब्रस्तानों में जगह बची ना होने की जानकारी कुछ माध्यमों ने प्रसिद्ध की हैं। लेकिन, चीनी यंत्रणा इस मुद्दे पर स्पष्ट तौर पर बयान करने के लिए तैयार नहीं हैं और आम नागरिकों के साथ विदेशी कंपनियां, पर्यटक एवं निवेशकों में फिर से बेचैनी बढ़ रही हैं।

वर्ल्ड बैंक की नई रपट इसकी पुष्टि करती हैं और इसमें ‘ज़ीरो कोविड पॉलिसी’ के साथ ही कोरोना का प्रकोप एवं चीन के उद्योग क्षेत्र को पहुँच रहे नुकसान का भी ज़ीक्र किया गया हैं। चीन ने ‘ज़ीरो कोविड’ नीति शिथिल की हैं, फिर भी अर्थव्यवस्था और रोज़ाना के कारोबार सामान्य स्तर पर लाने के लिए अधिक ध्यान रखना आवश्यक होने की सलाह इस रपट में दी गई हैं। टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवा मज़बूत करने पर जोर देने की ज़रूरत भी वर्ल्ड बैंक ने स्पष्ट की हैं।

आर्थिक विकास दरकोरोना की पृष्ठभूमि पर चीन की हुकूमत ने किए निर्णयों से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचने का अहसास भी कराया गया हैं। इस नुकसान की वजह से साल २०२२ में चीन की अर्थव्यवस्था २.७ प्रतिशत तक फिसलेगी, इसपर वर्ल्ड बैंक ने ध्यान आकर्षित किया। अगले साल स्थिति में कुछ हद तक सुधार मुमकिन हैं और विकास दर चार प्रतिशत तक पहुंचेगा, यह अनुमान भी जताया गया हैं। ‘ग्रीन इन्वेस्टमेंट’ एवं सामाजिक क्षेत्र पर अधिक खर्च करना आवश्यक होने का आवाहन भी वर्ल्ड बैंक ने किया हैं।

वैश्विक स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कुछ ही दिन पहले चीन को गंभीर चेतावनी दी थी। ‘जिस देश में काफी सख्त प्रतिबंध लगाए होते हैं, उस देश को इससे बाहर निकलने के लिए बड़ी कठिन स्थिति का सामना करना ही पड़ता हैं। आनेवाले समय में चीन को भी काफी कठिन और चुनौतियों से भरी स्थिति का मुकाबला करना होगा’, ऐसा इशारा ‘डब्ल्यूएचओ’ ने दिया था।

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