तुर्की लष्करी मोर्चे के खिलाफ सीरियन लष्कर और कुर्दों की एकजुट – कुर्द अधिकारी की जानकारी

दमास्कस: तुर्की के लष्कर ने सीरिया के ‘आफ्रिन’ इलाके में शुरू की हुई कार्रवाई को प्रत्युत्तर देने के लिए सीरियन लष्कर और कुर्द नेताओं के बीच बातचीत सफल हुई है। जल्द ही सीरियन लष्कर ‘आफ्रिन’ में घुसकर तुर्की के जवानों पर हमले करेंगे, ऐसी जानकारी सीरिया के कुर्द अधिकारी ने दी है। दौरान, कुर्दों को साथ दिया तो सीरियन लष्कर पर ही कार्रवाई करेंगे, ऐसा इशारा तुर्की ने दिया है।

सीरिया के ‘कुर्दिश पीपल प्रोटेक्शन यूनिट’ (वायपीजी) इस कुर्द संगठन के प्रवक्ता ‘बदरान जिया कुर्द’ ने अंतर्राष्ट्रीय वृत्तसंस्था से बोलते समय, सीरियन सरकार के साथ चर्चा हुई है, यह जानकारी दी है। सीरिया की उत्तर में स्थित ‘आफ्रिन’ इलाके में लष्करी मदद करने के मामले में सीरियन लष्कर और कुर्दों के बीच अनुबंध होने का दावा बदरान जिया ने किया है। ‘अस्साद राजवट के साथ अपने कितने भी मतभेद हों फिर भी सीरिया के राजनीतिक और प्रशासकीय मुद्दों पर हम सीरियन सरकार के साथ हैं’, ऐसी घोषणा बदरान जिया ने की है।

इस अनुबंध की वजह से आने वाले दो दिनों में सीरियन लष्कर आफ्रिन में प्रवेश करेगा, यह जानकारी कुर्द प्रवक्ता ने दी है। लेकिन तुर्की के खिलाफ सीरियन लष्कर की आफ्रिन की कार्रवाई मर्यादित होगी, इस बात को भी बदरान ने स्पष्ट किया है। सीरिया के ‘वायपीजी’ इस कुर्द संगठन के प्रवक्ता ने दी हुई जानकारी का इराक के कुर्दों ने समर्थन किया है। तुर्की के लष्कर की सीरिया में घुसपैठ रोकने के लिए सीरियन लष्कर और कुर्दों को एकजुट होना आवश्यक था, ऐसा भी इराक के कुछ नेताओं ने कहा है।

लेकिन सीरियन सरकार ने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। ‘वायपीजी’ के प्रवक्ता ने इस सहकार्य की घोषणा की है, फिर भी सदर सहकार्य ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगा, ऐसा दावा सीरिया और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया कर रहा है। इसके पहले भी सीरियन सरकार और कुर्द संगठनों के बीच चर्चा शुरू थी। इस चर्चा में सीरियन सरकार ने कुर्दों को शस्त्रसंधि का आवाहन किया था। लेकिन कुर्दों ने अस्साद राजवट की यह माँग ख़ारिज करने की वजह से यह चर्चा नाकाम हुई थी। उस वजह से तुर्की लष्कर के खिलाफ सीरियन सरकार और कुर्दों के बीच प्रस्थापित हुआ सहकार्य कितने समय तक टिक पाएगा, इसकी तरफ अंतर्राष्ट्रीय निरीक्षकों का ध्यान लगा है।

सीरियन लष्कर और कुर्दों के बीच के इस सहकार्य पर तुर्की से प्रतिक्रिया आई है। “सीरियन लष्कर आफ्रिन में घुसकर कुर्दों को खदेड़ने वाला है, तो हमारी शिकायत नहीं है। लेकिन अगर सीरियन लष्कर कुर्दों के बचाव के लिए आफ्रिन में घुसने वाला है तो फिर तुर्की के लष्कर को कोई भी रोक नहीं पाएगा। तुर्की के लष्कर ने शुरू किया हुआ ‘ऑपरेशन ऑलिव्ह ब्रांच’ यह लष्करी मुहीम योजना के अनुसार पूरी होगी”, ऐसा इशारा तुर्की के विदेशमंत्री मेवलूत कावुसोग्लू ने दिया है।

दौरान, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन को फोन करके सीरियन लष्कर और कुर्दों के बीच हुए सहकार्य पर टीका की है। अस्साद राजवट ने कुर्दों की सहायता की, तो उसके गंभीर परिणाम होंगे, ऐसा इशारा एर्दोगन ने दिया है, ऐसा तुर्की के दैनिक ने कहा है। सीरिया के कुर्दों के कब्जे वाले आफ्रिन शहर पर दो हफ़्तों पहले से तुर्की ने हमले शुरू किए हैं और यह कार्रवाई तीव्र करने का इशारा तुर्की ने किया है।

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