लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव नियंत्रित करने का चीन ने किया दावा

बीजिंग – ‘एलएसी’ पर तनाव चीन ने प्रभावी रूप से नियंत्रित किया है, ऐसा प्रशस्तीपत्र चीन के विदेशमंत्री वैंग ई ने अपने ही देश को प्रधान किया। राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग के कुशल नेतृत्व में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने इस विवाद को सही तरीके से संभाला, यह दावा वैंग ई ने किया। वास्तव में लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव अब भी खत्म नहीं हुआ है बल्कि, वहीं पर चीन ने अतिरिक्त तैनाती की है और भारत ने भी इसके जवाब में तैनाती की है। ऐसी स्थिति में ‘एलएसी’ को लेकर चीन के विदेशमंत्री के दावे यानी भारत के साथ इस विवाद में चीन हावी होने का भ्रम निर्माण करने की बात है।

‘एलएसी’ पर तनावलद्दाख के एलएसी के कुछ स्थानों से चीन ने अपनी सेना हटाई है। इसके बाद भारत ने भी वहां से सेना पीछे हटाकर तनाव कम करने की कोशिश की है। लेकिन, दोनों देशों की चर्चा के दौरान कहा गया था इसके अनुसार चीन लद्दाख के ‘एलएसी’ के अन्य इलाकों से अपने सैनिक हटाने के लिए तैयार नहीं है। बल्कि, वहां पर तनाव अधिक बढ़ाने के लिए चीन सैन्य गतिविधियाँ कर रहा है। इससे दोनों देशों के सैन्य अफसरों की चर्चा के १२ दौर होने के बावजूद लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव कम नहीं हुआ है। ‘एलएसी’ पर दोनों देशों के ५० से ६० हज़ार सैनिक अब भी तैनात होने की बात कही जा रही है।

लद्दाख के ‘एलएसी’ पर तनाव कम नहीं हुआ है। इस वजह से ज़रूरत पड़ने पर भारतीय वायुसेना अल्प समय में इस क्षेत्र में तैनाती कर सकती है। साथ ही वायुसेना इस क्षेत्र में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है, यह ऐलान भारतीय वायुसेना प्रमुख ने हाल ही में किया था। साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सीधे चीन का ज़िक्र किए बिना इस देश की भारत विरोधी हरकतों को लगातार लक्ष्य किया है। भारत एक ही समय पर पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार होने की बात रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कही थी।

इस वजह से भारत और चीन के ‘एलएसी’ पर तनाव कम नहीं हुआ है, बल्कि इसमें बढ़ोतरी होने के स्पष्ट संकेत प्राप्त हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में ‘एलएसी’ पर तनाव सफलतापूर्वक नियंत्रित करने का चीन के विदेशमंत्री का दावा मात्र लोगों की आँखों में धूँल झोंकना है। ‘एलएसी’ पर चीन वर्चस्व बनाए होने के संकेत देने की कोशिश चीन के विदेशमंत्री ने इस बयान के ज़रिये की है। जब कि, असल में स्थिति बिल्कुल अलग होने की बात पर भारतीय थलसेना और वायुसेना ने समय-समय पर ध्यान आकर्षित किया है। हेलीकॉप्टर दुर्घटना जान गंवाने से पहले जनरल बिपीन रावत ने चीन के प्रचारयुद्ध से भारत सावधान रहे, यह इशारा एक समाचार चैनल को साक्षात्कार के दौरान दिया था। ‘एलएसी’ के विवाद में चीन अपने हावी होने का भ्रम निर्माण कर रहा है, इस ओर ध्यान आकर्षित करके जनरल रावत ने इस खतरे का अहसास कराया था। चीन के विदेशमंत्री इसी आधार पर काम कर रहे हैं और ‘एलएसी’ पर विवाद चीन के नेतृत्व ने नियंत्रित करने के झूठे दावे करते हुए दिख रहे हैं।

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