‘एलएसी’ पर चीन अधिक आक्रामक हुआ है – भारतीय विश्‍लेषकों का इशारा

नई दिल्ली/वॉशिंग्टन – भारत ने ‘एलएसी’ पर चीन के खिलाफ अपनाई आक्रामक भूमिका बर्दाश्‍त ना होने से चीन अब भारत को सबक सिखाने की तैयारी में होने के संकेत दे रहा है। इसके लिए चीन ने ‘एलएसी’ पर सेना तैनाती प्रचंड़ मात्रा में बढ़ाई है। साथ ही भारतीय हैकर्स का गुट हम पर सायबर हमले कर रहा है और इसके लिए भारत सरकार का समर्थन होने का आरोप चीन के सोशल मीड़िया पर लगाया जा रहा है। कूटनीतिक एवं पूर्व राजनीतिक अधिकारी चीन की इन गतिविधियों पर गंभीर चिंता जता रहे हैं।

अधिक आक्रामकनिक्केई एशिया नामक जापान की वृत्तसंस्था ने चीन ‘एलएसी’ पर भारत के खिलाफ कर रही लष्करी तैनाती की ओर ध्यान आकर्षित किया। इस वृत्तसंस्था के लिए लिखे गए लेख में भारतीय विश्‍लेषक बह्मा चेलानी ने लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन बीते कुछ वर्षों से लगातार कर रहे घुसपैठ का दाखिला दिया। हाल ही के दिनों में चीन द्वारा इस घुसपैठ की तीव्रता बढ़ाने के लिए जानबूझकर गतिविधियाँ शुरू की हैं। इसके अलावा यहां के भूभाग पर अपना अधिकार स्थापित करने के लिए चीन भारत से लष्करी संघर्ष कर सकता है, यह संदेश चीन के सरकारी माध्यम दे रहे हैं। ‘एलएसी’ के करीबी क्षेत्र में गांव बसाकर चीन वहां पर लष्करी गतिविधियां बढ़ा रहा है। खास तौर पर अरुणाचल प्रदेश के करीबी ‘एलएसी’ पर चीन अधिकाधिक आक्रामक हो रहा है, इस ओर वर्णित लेख से ध्यान आकर्षित किया गया है।

अमरीका के रक्षा मुख्यालय पेंटॅगॉन ने भारत और चीन के बीच ‘एलएसी’ पर बढ़ रहे तनाव का संज्ञान लिया था। यहां का तनाव मात्र भारत और चीन तक सीमित रहनेवाली बात नहीं है क्योंकि, इन दोनों देशों के तनाव की दाहकता पूरे विश्‍व को झेलनी पड़ सकती है। अमरीका के हित इससे जुड़े हैं, ऐसा भारत के पूर्व राजनितिक अधिकारियों का कहना है। पहले ही चीन ने भारत के तकरीबन ४३ हज़ार एकड़ क्षेत्र पर कब्ज़ा किया है। इसके अलावा, भारत की ‘एलएसी’ अर्थात प्रत्यक्ष नियंत्रण रेखा हमारे कहे मुताबिक होने के दावे चीन कर रहा है। इसी कारण अरुणाचल प्रदेश को ‘एलएसी’ से पांच से छह किलोमीटर दूरी पर चीन द्वारा गांव बसाना यह काफी बड़ी चिंता की बात होने का बयान विश्‍लेषक कर रहे हैं।

बीते वर्ष लद्दाख के ‘एलएसी’ पर स्थित गलवान में भारत और चीन की सेनाओं में संघर्ष के बाद चीन की आक्रामकता में बढ़ोतरी हुई है। इस संघर्ष में भारतीय सेना ने चीन के लष्करी सामर्थ्य की घमंड़ उतारी है, ऐसा भारत के नेता और लष्करी अधिकारी आत्मविश्‍वास से कह रहे हैं। चीन के खिलाफ भारत के राजनीतिक और लष्करी नेतृत्व के बयान चीन को अधिकाधिक बेचैन करते हैं। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की प्रतिष्ठ अधिक बढ़ी है और इसी मात्रा में चीन की अहमियत कम होती जा रही है। इसी कारण चीन ‘एलएसी’ पर वर्चस्व स्थापित करके विश्‍व को अपना लष्करी सामर्थ्य दिखाने की कोशिश कर रहा है। ‘एलएसी’ पर जारी चीन की आक्रामकता का यह कारण सच्चा होने का दावा भारत के कुछ पूर्व लष्करी अफसरों ने किया था।

ऐसे समय में भारत को एलएसी पर तनाव कम करने के लिए चीन से राजनीतिक और लष्करी स्तर पर चर्चा करनी चाहिए। साथ ही ‘एलएसी’ पर अपनी सेना की क्षमता बढ़ाने की कोशिश भारत को भी करनी ही पड़ेगी। क्योंकि, चीन को केवल लष्करी सामर्थ्य की भाषा ही समझ में आती है, ऐसा भारत के पूर्व राजनीतिक अधिकारी कह रहे हैं।

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