चीन की तरफ से परमाणु सज्ज पनडुब्बियों का तेजी से निर्माण – अमरिका के अध्ययन गुट के विश्लेषक का दावा

Third World Warवॉशिंग्टन – अमरिका के साथ हथियार प्रतियोगिता छेड़ने वाले चीन ने परमाणु से सज्जित पनडुब्बियों का निर्माण कार्य तेज किया है। भविष्य में युद्ध भड़का तो दुश्मन देशों का सामना करने के लिए अपने पास पर्याप्त हथियारों का भंडार न होने का एहसास होने की वजह से चीन ने परमाणु सज्जित पनडुब्बियों के निर्माण को प्राधान्य दिया है, ऐसा दावा अमरिका के अध्ययन समूह के विश्लेषकने किया है। परमाणु सज्ज पनडुब्बियों के लिए चीन की यह भागम भाग सबसे बड़ा अरमाडा वाले अमरिका को गंभीर चुनौती है, ऐसी चेतावनी इस विश्लेषक ने दी है।

अमरिका के ‘कार्नेगी-सिंघुआ’ इस प्रसिद्ध अध्ययन समूह ने अपनी वेबसाईट पर चीन की तरफ से परमाणु सज्जित पनडुब्बी के लिए चल रही कोशिशों पर लेख प्रसिद्ध किया है। इस अध्ययन समूह के विश्लेषक ‘तोंग झाओ’ ने इस लेख में चीन की गतिविधियाँ खतरनाक हैं, ऐसा कहा है। अमरिका और रशिया ने अपने पास के परमाणु हथियारों की संख्या घोषित की थी। लेकिन चीन ने अपने परमाणुओं के बारे में कोई भी जानकारी प्रसिद्ध नहीं की है। लेकिन चीन के पास कम से कम ३०० परमाणु शस्त्र होने का दावा किया जा रहा है।

चीन की तुलना में अमरिका और रशिया के पास दस गुना परमाणुओं का भंडार है। अमरिका और रशिया के पास प्रत्येकी ७००० के आसपास परमाणु हैं। इसमें से इन दोनों देशों के प्रत्येकी ४००० परमाणु रक्षा बल में कार्यरत हैं। एक हजार से अधिक परमाणु निवृत्त होने की कगार पर खड़े हैं। इन दोनों देशों की तुलना में चीन के पास परमाणुओं का भंडार बहुत ही कम है, ऐसा अध्ययन समूह का कहना है। इस वजह से वैश्विक महासत्ता बनने की इच्छा रखने वाले चीन ने अपने परमाणुओं की संख्या में बढ़ोत्तरी करने के लिए गतिविधियाँ शुरू की हैं। ऐसी जानकारी अमरिकी विश्लेषक ने दी है।

परमाणु सज्ज पनडुब्बिया, निर्माण, अध्ययन समूह, परमाणु शस्त्र, हमला, अमरिका, यूरोपसाथ ही चीन की इन गतिविधियों के पीछे एक बड़ी चिंता होने का दावा भी इस विश्लेषक ने किया है। भविष्य में दुश्मन देशों ने चीन पर हमला किया तो दुश्मन देशों की तरफ से चीन के लष्कर और हवाई बल का बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसी परिस्थिति में नौसेना की पनडुब्बियां ‘सेकंड स्ट्राइक’ का फायदा उठाकर दुश्मनों पर प्रति हमला कर सकते हैं, ऐसा चीन को लग रहा है। इस वजह से चीन ने ‘सेकंड स्ट्राइक’ की क्षमता बढाने के लिए अपनी पनडुब्बियों को परमाणुओं से सज्ज करने की योजना बनाने का दावा इस अमरिकी विश्लेषक ने किया है।

चीन के पास के परमाणु ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ ने बैलेस्टिक मिसाइलों सज्ज किए हैं। २०० परमाणु चीन के लष्कर और हवाई बल के पास हैं, ऐसा कहा जाता है। नौसेना के बेड़े में पनडुब्बियां सिर्फ ४८ परमाणुओं से सज्ज हैं, ऐसा यूरोप के एक बड़े लष्करी अध्ययन समूह ने कुछ हफ़्तों पहले प्रसिद्ध किया था। लेकिन चीन के बेड़े की पनडुब्बियां प्रगत नहीं हैं, साथही परमाणु का वहन करने की उनकी क्षमता पर भी सवाल खड़े किए जाते हैं। इस पृष्ठभूमि पर, चीन ने परमाणु सज्ज पनडुब्बियों के निर्माण के लिए तेजी से कदम उठाएँ हैं, ऐसा दावा अमरिकी विश्लेषक ने किया है।

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