समर्थ इतिहास-६

समर्थ इतिहास-६

सम्राट समुद्रगुप्त के कार्यकाल में उनके द्वारा किया गया एक और महत्त्वपूर्ण कार्य था – उन्होंने पूरे साम्राज्य में विभिन्न स्थानों पर दो बड़े शहरों को जोड़नेवाले महामार्गों का निर्माण किया। कुल २४ महामार्गों का निर्माण करने का उल्लेख प्राप्त होता है। इस महामार्ग पर से तीन हाथी एक साथ एक ही समय पर आराम […]

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समर्थ इतिहास-५

समर्थ इतिहास-५

सम्राट समुद्रगुप्त ये स्वयं अत्यंत रसिक मन के कलाप्रेमी थे| वे स्वयं उत्कृष्ट संगीत विशेषज्ञ और निपुण वीणावादक थे| वीणावादन यह समुद्रगुप्त के जीवन का वास्तविक मनोविश्राम था| समुद्रगुप्त ने संगीत, वाद्य और नृत्य इन तीनों कलाओं का विकास कराने में भरपूर सहायता की| उन्होंने जगह जगह ‘वात्स्यायन मंदिरम्’ स्थापित कर इन कलाओं को समृद्ध […]

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समर्थ इतिहास-४

समर्थ इतिहास-४

सम्राट समुद्रगुप्त का जन्म जिस गुप्त वंश में हुआ, वह ‘गुप्त’ घराना वैदिक धर्म का अनुयायी एवं विष्णुभक्त था| समुद्रगुप्त स्वयं भी महाविष्णु के परमभक्त थे| नियमित रूप से गायत्रीमन्त्र पठण, विष्णुसहस्रनाम और पुरुषसूक्त का पाठ करने का उनका आजीवन व्रत था| समुद्रगुप्त और दत्तदेवी ने अपने साम्राज्य में जगह जगह महाविष्णु के विशाल मन्दिरों […]

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समर्थ इतिहास-३

समर्थ इतिहास-३

सम्राट समुद्रगुप्त ये पराक्रमी एवं रणनीतिनिपुण योद्धा तो थे ही, साथ ही वे श्रेष्ठ एवं कुशल शासक भी थे| उन्होंने जिते हुए प्रदेशों के सभी राजाओं को उनके राज्य सम्मानपूर्वक लौटाये, केवल समुद्रगुप्त की सार्वभौमता को मानने की शर्त पर| ऐसे हर एक सामंत राजा के यहॉं समुद्रगुप्त के अपने दूत होते थे और समुद्रगुप्त […]

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समर्थ इतिहास-२

समर्थ इतिहास-२

ईसवी ३२० में रामनवमी के दिन समुद्रगुप्त का जन्म हुआ| चंद्रगुप्त (प्रथम) और कुमारदेवी का यह कनिष्ठ (छोटा) पुत्र था| गुप्त घराना उस समय की समाजव्यवस्था के अनुसार वैश्य वर्ण का था यानी व्यापार एवं व्यवसाय को भली भॉंति जानता था| उसी प्रकार, समुद्रगुप्त की माता कुमारदेवी ये लिच्छवी क्षत्रिय राजघराने की राजकुमारी थीं| इस […]

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समर्थ इतिहास-१

समर्थ इतिहास-१

सम्राट समुद्रगुप्त का कालखंड यह भारत के ज्ञात इतिहास के स्वर्णयुग के रूप में जाना जाता है| उस समय भारत आये अनेक विदेशी प्रवासियों द्वारा लिखित प्रवासवर्णनों और शिलालेखों से उस समय के भारत के वैभव, समृद्धि एवं सामर्थ्य की जानकारी प्राप्त होती है| कुछ अनुसन्धानकर्ताओं की राय में समुद्रगुप्त के साम्राज्य में आज के […]

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