कोरोना के बाद चीन में ‘ब्रुसेलॉसिस’ के हज़ारों मरीज़

बीजिंग – कोरोना वायरस का उद्गम स्थान चीन में नए विषाणु का संक्रमण होने की जानकारी सामने आ रही है। वायव्य कोण चीन मेंब्रुसेलॉसिसके तीन हज़ार से अधिक मरीज़ पाए जाने से सनसनी फैली है।ब्रुसेलाविषाणु के संक्रमण सेब्रुसेलॉसिसबीमारी का फैलाव होता है। लगभग एक वर्ष पहले एक दवाई उत्पादक कंपनी में हुआ रिसाव इस विषाणु के संक्रमण का कारण बना है, यह दावा किया जा रहा है। इस विषाणु का फैलाव मानव से मानव में नहीं होता, यह दावा भी चीन कर रहा है। लेकिन, बीते वर्ष में चीन ने कोरोना वायरस की जानकारी छुपाने का दिखाया गया रवैया देखे तो ब्रुसेलॉसिस संबंधी चीन से जारी हो रही जानकारी पर विश्‍वास करना कठिन हो रहा है।

चीन के गान्सू प्रांत के लैन्ज़ू शहर में एक वर्ष पहले एक दुर्घटना होने का दावा चीनी यंत्रणा कर रही है। वर्ष २०१९ में २४ जुलाई से २० अगस्त के दौरान लैन्ज़ू शहर में स्थित एक जैविक औषधियों का उत्पादन कर रही फैक्टरी में जानवरों के इलाज़ के लिए आवश्‍यक दवाई का निर्माण किया जा रहा था। इस औषधि के लिएब्रुसेलाविषाणु का इस्तेमाल हो रहा था। इस फैक्टरी में ज़हरिली गैस और धुँआ किसी भी तरह की प्रक्रिया किए बिना छोड़ा गया और इसीसेब्रसेलॉसिसका फैलाव होने का दावा किया जा रहा है। शुरू में हवा से फैले इस विषाणु की वजह से २०० लोग संक्रमित होने की बात कही जा रही थी। लेकिन, कुछ दिन पहले लैन्ज़ू स्वास्थ्य समिती ने शहर के २२ हज़ार लोगों का परीक्षण करने के बाद इनमें से ३,२४५ लोगब्रुसेलॉसिसके मरीज़ होने की चौकानेवाली जानकारी सामने आयी है। इसके अलावा अन्य एक परीक्षण के दौरान १,४०१ लोग भीब्रुसेलासे संक्रमित होने की जानकारी अंतरराष्ट्रीय वृत्तसंस्था ने प्रसिद्ध की है।

अमरीका केसेंटर्स फॉर डिसिज कंट्रोल ऐण्ड प्रिवेंशन’ (सीडीसी) ने साझा की हुई जानकारी के अनुसार ब्रसेलॉसिस को माल्टा फीवर या मेडिटेरियन फीवर के तौर पर भी जाना जाता है। सिरदर्द, हल्का फीवर, गले में खिचखिच के आसार इस बीमारी के मरीज़ों में दिखाई देते हैं। इस विषाणु का संक्रमण होने से मनुष्य की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है, यह जानकारी चीन के स्वास्थ्य विभाग ने साझा की। समय पर इलाज ना करने पर मरीज़ की मृत्यु भी हो सकती है, ऐसा दावा यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज प्रिवेंशन ऐण्ड कंट्रोल ने किया है। लंबे समय तक इलाज करने पर इस बीमारी से ठीक होना संभव होगा, ऐसी संभावना भी व्यक्त की जा रही है। पालतु जानवर, मेमना या सूअर का मांस सेवन करने से इस विषाणु का संक्रमण होता है, ऐसा भी कहा जा रहा है। इसी बीच इस विषाणु से संक्रमित जानवरों का कत्ल करना या उन्हें टीका लगाकर एवं दूध कापाश्‍चराज़ेशनदूध से निर्मित पदार्थों का शुद्धीकरण करके इस विषाणु के संक्रमण को अटकाव करना संभव है, यह दावा यूरोपियन सेंटर फॉर डिसीज प्रिवेंशन ऐण्ड कंट्रोल ने किया है।

इसी बीच ब्रुसेलॉसिस संक्रमित बीमारी नही है, यह दावा चीन ने किया है। लेकिन, इस विषाणु के संक्रमित मरीजों में इस बीमारी के आसार लंबे समय तक रहते हैं, यह चिंतासीडीसीने व्यक्त की है। साथ ही कोरोना वायरस की तरह इस विषाणु का फैलाव भी चीन केवेट मार्केटसे होने की बात सामने आने से चिंता बढ़ रही है, ऐसा लैन्ज़ू स्वास्थ्य समिती ने कहा है।

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