अमरीका के ‘डिफेन्स एक्ट’ में गलवान वैली के संघर्ष पर चीन की आलोचना – रक्षामंत्री एस्पर ने किया भारत का समर्थन

वॉशिंग्टन – अमरिकी संसद में पेश किए गए ‘नैशनल डिफेन्स ऑथोरायझेशन एक्ट’ (एनडीएए) में, भारत के गलवाल वैली में हुए संघर्ष के मुद्दे पर चीन को आड़े हाथ लिया गया है। यह संघर्ष चीन की आक्रामक और विस्तारवादी नीति की वजह से भड़का और यह काफ़ी चिंता की बात है, ऐसा स्पष्ट ज़िक्र ‘एनडीएए’ में सुधार करने के लिए रखें गए सुझाव में किया गया है। इस सुधार को अमरिकी संसद के प्रतिनिधिगृह ने पूरी सहमति से मंज़ुरी देने की बात भी सामने आयी है। अमरिकी संसद चीन को लक्ष्य कर रही थी कि तभी रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने भारत के साथ रक्षा सहयोग बड़ा अहम होने की बात कहकर भारत का समर्थन किया है।

‘डिफेन्स एक्ट’

अमरिकी संसद में फिलहाल अगले वर्ष के रक्षा खर्च का प्रावधान करने से संबंधित विधेयक पर चर्चा जारी हैं। इस विधेयक में अमरिकी संसद के प्रतिनिधिगृह के वरिष्ठ सांसद स्टिव्ह चॅबोट और अमी बेरा ने पहल करके यह सुधार करने का सुझाव रखा था। इस सुधार में, चीन की जारी हरकतों का ज़िक्र किया गया है। मई महीने में चीन की सेना ने भारत की गलवान वैली में की हुई घुसपैठ के मुद्दे पर चीन की कड़ी आलोचना की गई है।

भारत-चीन सीमा पर स्थित गलवान वैली में चीन ने दिखाई आक्रामकता को अमरिकी संसद का कड़ा विरोध हैं। यह घटना चीन की बढ़ती विस्तारवादी हरकतों का हिस्सा साबित होती हैं। चीन ने कोरोना वायरस की महामारी से ध्यान हटाने के लिए भारत की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कोशिश की, इन शब्दों में अमरीका ने चीन को कड़ी फटकार लगाई हैं। इस सुधार में अमरिकी सांसदों ने, चीन की साउथ चायना सी एवं जापान के नज़दिकी सेंकाकू आयलैंड़स्‌ के क्षेत्र में जारी हरकतों का भी ज़िक्र किया है।

‘डिफेन्स एक्ट’

जून महीने में भारत-चीन सीमा पर स्थित गलवान वैली में चीन ने शुरू किये संघर्ष में भारतीय सेना ने चीन को बड़ा झटका दिया था। भारत ने दिए हुए इस झटके की वजह से आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन की बड़ी घेराबंदी हुई है। यही मुद्दा केंद्र में रखकर अमरीका ने भारत के साथ नज़दिकीयाँ बढ़ाना शुरू किया है। अमरिकी विदेशमंत्री के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी एवं नेताओं ने, चीनविरोधी संघर्ष में अमरीका भारत का कड़ा समर्थन करेगी, यह गारंटी दी है।

‘डिफेन्स एक्ट’

कुछ दिन पहले ही अमरीका और भारत के विदेशमंत्री की हुई चर्चा के दौरान, अमरिकी विदेशमंत्री पोम्पिओ ने लद्दाख में बने तनाव का ज़िक्र करके, चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत पर विस्तारवादी नीति का आरोप रखा था। साथ ही, भारत और चीन के सीमा विवाद में अमरीका अपनी पूरी ताकत के साथ भारत के पीछे खड़ी है और आगे भी रहेगी, यह बयान व्हाईट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी मार्क मिडोज ने किया था। इसके साथ ही, अब अमरिकी संसद ने भी भारत-चीन संघर्ष में खुलेआम भारत का पक्ष लेकर चेतावनी दी है।

अमरिकी रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने एक कार्यक्रम के दौरान भारत की सराहना की। भारत और अमरिकी नौसेना ने हिंद महासागर में हाल ही में किया हुआ युद्धाभ्यास, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता स्पष्ट करता है। यह युद्धाभ्यास दोनों देशों का सहयोग और भी मज़बूत करनेवाला है। अमरीका और भारत के बीच बढ़ रहा यह सहयोग २१ वीं सदी में द्विपक्षीय संबंधों के नज़रिये से अहम चरण साबित होता है, यह कहकर अमरिकी रक्षामंत्री ने भारत का समर्थन किया।

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