यूक्रैन युद्ध के बाद उछल रही कीमतें काबू में रखने की कोशिश ब्रिक्स करे – भारतीय विदेशमंत्री का आवाहन

नई, दिल्ली – यूक्रैन युद्ध की वजह से ईंधन, अनाज़ और अन्य सामान की कीमतों की बढ़ोतरी हुई है। इससे विकसनशील देशों को नुकसान पहुँच रहा है। इसी कारण यह कीमतें नियंत्रण में रखने की कोशिश करना आवश्यक है। देशों की समानता और संप्रभुता एवं अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान रखने के लिए पहल कर रहे ब्रिक्स ने इस मुद्दे पर अपनी ज़िम्मेदारी निभानी होगी, ऐसा आवाहन भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने किया। साथ ही ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद को थोड़ासा भी बर्दाश्त नहीं करना चाहिये, यह उम्मीद भी विदेशमंत्री जयशंकर ने जतायी।

बढ़ती महंगाई की वजह से ब्रिटेन में दंगे छिडेंगे - ब्रिटीश विश्लेषक की चेतावनीब्राज़िल, रशिया, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की ब्रिक्स संगठन की बैठक हुई। इस बैठक को संबोधित करते हुए विदेशमंत्री जयशंकर ने यूक्रैन युद्ध की वजह से उभरी स्थिति पर जोर देकर ब्रिक्स को इस मुद्दे पर अपनी ज़िम्मेदारी निभाने का आवाहन किया। यूक्रैन युद्ध शुरू होने के बाद ईंधन से अनाज़ तक के सभी सामान की कीमतें उछाल पर हैं। इसका विकसनशील देशों की अर्थव्यवस्था पर असर हो रहा है। खास तौर पर ईंधन के आयात पर निर्भर देशों की अर्थव्यवस्थाएं खतरे से घिरी हैं। इसका दाखिला देकर इन उछलती कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए ब्रिक्स अपना प्रभाव इस्तेमाल करे, ऐसी उम्मीद जयशंकर ने व्यक्त की।

वैश्विक जनसंख्या की ४१ प्रतिशत जनता ब्रिक्स देशों में है। ब्रिक्स सदस्य देशों का जीडीपी वैश्विक जीडीपी में २४ प्रतिशत है। वैश्विक व्यापार में ब्रिक्स देशों का हिस्सा १४ प्रतिशत है। ऐसी स्थिति में यूक्रैन युद्ध के बाद उभरी इस स्थिति का सामना करने के लिए और विकसनशील देशों की सहायता करने की कोशिश ब्रिक्स करे, ऐसा आवाहन भारत के विदेशमंत्री करते देखे जा रहे हैं। इसी बीच आतंकवाद को लेकर ब्रिक्स सख्त भूमिका अपनाए, ऐसी माँग भी विदेशमंत्री जयशंकर ने इस दौरान उठायी।

आतंकवाद और इसमें भी सीमा के उस ओर से निर्यात हो रहा आतंकवाद ब्रिक्स देशों ने बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करना चाहिये। इसके विरोध में ब्रिक्स देशों ने काफी सख्त भूमिका अपनानी होगी, ऐसा जयशंकर ने आगे कहा। ब्रिक्स की इस बैठक में भारत आतंकवाद का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान की घेरने की कोशिश करेगा, ऐसी चिंता पाकिस्तान के कुछ समाचार चैनलों ने इस बैठक से पहले ही व्यक्त की थी।

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