यूक्रैन युद्ध का इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर भी असर होगा – यूरोपियन कमिशन के अध्यक्ष की चेतावनी

नई दिल्ली – यूक्रैन का युद्ध शुरू होने के बाद दो महीनें बीत रहे हैं और इसी दौरान भारत के सुरक्षा के मुद्दे पर ‘रायसेना डायलॉग’ शुरू हुआ हैं। इस वजह से भारत के इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के परिसंवाद मे यूक्रैन युद्ध की गूंज सुनाई पड़ी। इसमें शामिल हुई यूरोपियन कमिशन की अध्यक्षा ‘उसूला वैन देर लियान’ ने यह चेतावनी दी कि, यूक्रैन युद्ध की वजह से यूरोपियन देशों को रशिया से खतरा बना हैं। इसी के साथ यूक्रैन युद्ध का असर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भी देखा जाएगा, ऐसा सूचक बयान देर लियान ने किया।

विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने रायसेना डायलॉग के शुरू में ही यूरोपियन महासंघ ने रणनीतिक स्तर पर दिखाई सजगता की सराहना की। अंतरराष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों का सामना करते समय, दूसरें किसी से भी अधिक तत्परता और रणनीतिक स्तर की सजगता यूरोपियन महासंघ ने दिखायी, इन शब्दों में भारत के विदेशमंत्री ने महासंघ की सराहना की। महासत्ता बनी अमरीका को भी इतनी रणनीतिक सजगता दिखाना मुमकिन नहीं हुआ, इसपर विदेशमंत्री जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया। खास तौर पर चीन की वर्चस्ववादी नीति की वजह से बनी अस्थिरता पर गौर करके यूरोपियन महासंघ ने चीन के साथ अपना व्यापारी सहयोग रोक रखा था। इसका हवाला विदेशमंत्री दे रहे हैं, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

इसके साथ ही भारत और यूरोपिय महासंघ के सहयोग का विदेशमंत्री ने स्वागत किया। मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड इस भारत की कल्पना का यूरोपिय महासंघ ने स्वागत किया था। इसी से यूरोपिय महासंघ ने भारत पर दिखाया विश्‍वास विश्‍व के सामने आया था। साल २०१५ में शुरू हुई इस प्रक्रिया के सात वर्ष पूरे हो रहे हैं, इसकी याद विदेशमंत्री जयशंकर ने करायी। इसमें महासंघ के होनेवाले योगदान की भी जयशंकर ने भरे दिल से सराहना की।

भारत और यूरोपिय महासंघ का सहयोग अधिक व्यापक हो रहा हैं और इसी दौरान रशिया को लेकर भारत और यूरोपिय महासंघ का नज़रिया अलग होने की बात रायसेना डायलॉग की पृष्ठभूमि पर स्पष्ट हुई हैं।

यूरोपियन कमिशन की अध्यक्षा उर्सूला वैन देर लियान ने यूक्रैन युद्ध का दाखिला देकर रशिया से बन रहें खतरे का इशारा दिया। बेवजह ही रशिया ने यूक्रैन पर हमला किया हैं। इस युद्ध के भयंकर परिणाम सामने आ रहे हैं और यूक्रैन की सड़कों पर पड़े शव इस ड़रावने युद्ध का संहार हमारे सामने पेश कर रहे हैं। रशिया ने यूक्रैन पर हमला करके अंतरराष्ट्रीय कानून को पैरों के नीचे कुचला हैं, ऐसी तीखीं आलोचना देर लियान ने इस दौरान की। साथ ही अन्य यूरोपियन देशों को भी रशिया के हमले का खतरा बन सकता हैं, ऐसा देर लियान ने कहा।

यूक्रैन युद्ध में तटस्थ भूमिका अपना रहें भारत को भी यूरोपियन कमिशन के अध्यक्ष ने सूचक शब्दों में चेतावनी दी। यूक्रैन युद्ध का असर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र पर भी होगा, ऐसी चेतावनी उर्सूला वैन देर लिया ने दी। अमरीका और पश्‍चिमी देशों का ध्यान यूक्रैन युद्ध पर लगा हैं और ऐसें में चीन इसका लाभ उठाकर ताइवान पर हमला करेगा, ऐसी चेतावनी विश्‍लेषक दे रहे हैं। साथ ही यूक्रैन के मोर्चे पर व्यस्त अमरीका और यूरोपिय देश ताइवान पर चीन का हमला होने से रोक नहीं सकेंगे। इससे चीन को खुली छुट मिलेगी। इंडो-पैसिफिक क्षेत्र केअन्य देशों को भी चीन की आक्रामकता नुकसान पहुँचाएगी। भारत भी इससे दूर नहीं रह सकेगा। भारत की सुरक्षा के लिए बेताल हुए चीन से गंभीर चुनौती मिलेगी, ऐसें संकेत उर्सूला वैन देर लियान के बयान से प्राप्त हो रहे हैं।

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