उइगरों पर हो रहे अत्याचार के मुद्दे पर तुर्की में हुए चीन विरोधी तीव्र प्रदर्शन

इस्तंबूल – चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत ज़िंजियांग प्रांत के उइगरगों पर कर रहे अत्याचारों के खिलाफ तुर्की में तीव्र प्रदर्शन हुए। कोरोना का कारण बताकर चीन ने ज़िंजियांग में ‘हंगर जेनोसाईड’ यानी भुखमरी से नरसंहार किया, यह आरोप इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लगाया। इस्तंबुल में आयोजित किए गए इन प्रदर्शनों को तुर्की के स्थानीय लोगों के साथ ही ‘हिज्ब उत तहरीर’ जैसे चरमपंथी गुट का भी समर्थन होने की बात स्पष्ट हुई है।

दो दिन पहले तुर्की में आश्रय लेनेवाले उइगरवंशियों ने इस्तंबूल के विश्व प्रसिद्ध प्रार्थना स्थल के बाहर चीन विरोधी प्रदर्शनों का आयोजन किया था। ‘हम ईस्ट तुर्कीस्तान का दावा नहीं छोड़ंगें’,  ऐसे नारे उइगरवंशियों ने इस दौरान लगाए। साथ ही ईस्ट तुर्कीस्तान यानी ज़िंजियांग प्रांत में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ तुर्की के इस्लामधर्मी भारी मात्रा में साथ दें, यह निवेदन यहां के प्रदर्शनकारी कर रहे थे।

इसी बीच तुर्की की चरमपंथी संगठन ‘हिज्ब उत तहरीर’ का प्रमुख महमूत कार भी इन प्रदर्शनों में मौजूद था। ‘आर्थिक समझौते के लिए आप चीन में इस्लामधर्मियों पर हो रहे अत्याचारों को क्या अनदेखा करेंगे? सस्ते कर्ज़ के लिए उइगरवंशियों के अधिकारों से इन्कार करेंगे? उइगरवंशी आपकी ओर बड़ी उम्मीद से देख रहे हैं, ऐसा इशारा महमूत ने तुर्की की एर्दोघन सरकार को दिया। कोरोना की महामारी का इस्तेमाल करके चीन ने ज़िंजियांग में भुखमरी के ज़रिये नरसंहार किया, यह आरोप भी महमूत ने लगाया। तुर्की के चरमपंथियों ने उइगरों का मुद्दा उठाने की वजह से एर्दोगन सरकार के सामने मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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