अमरीका ने चिनी कंपनियों पर लगाए प्रतिबंधों को प्रत्युत्तर देंगे – चीन की चेतावनी

बीजिंग – उइगरों के मुद्दे पर अमरीका ने चिनी कंपनियों पर लगाए प्रतिबंधों को सख्त प्रत्युत्तर दिया जाएगा, ऐसी चेतावनी चीन ने दी है। पिछले हफ्ते अमरीका ने उइगरवंशियों पर होनेवाले अत्याचार में सहभागी होने के मुद्दे पर १४ चिनी कंपनियों को ‘ब्लैक लिस्ट’ किया था। अमरीका के बायडेन प्रशासन ने यह दूसरी बार झिंजिआंग के उइगरवंशियों के मुद्दे पर चिनी कंपनियों को लक्ष्य किया है।

us-china-companies‘झिंजिआंग में मानवाधिकारों का उल्लंघन करने में सहायता करनेवालीं और चीन के लष्कर के आधुनिकीकरण के लिए अमरिकी तंत्रज्ञान का इस्तेमाल करनेवालीं कंपनियों के विरोध में कड़ी और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए अमरीका का वाणिज्य विभाग वचनबद्ध है। अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित होनेवाले और अमरिकी मूल्यों से विसंगत होनेवालीं हरकतें करनेवाले व्यक्ति, कंपनियाँ और देशों के खिलाफ आक्रामक नीति अपनाई जाएगी’, इन शब्दों में अमरीका की वाणिज्यमंत्री जिना रायमोंडो ने चीनविरोधी कार्रवाई का समर्थन किया।

वाणिज्य विभाग ने चीन की १४ कंपनियों को ‘ब्लैक लिस्ट’ किया होकर, अमरिकी कंपनियाँ इन कंपनियों के साथ किसी भी प्रकार के व्यवहार नहीं कर सकतीं। अमरीका की इस कार्रवाई के खिलाफ चीन से तीव्र प्रतिक्रिया आई। चीन ने जारी किए निवेदन में, अमरीका की कार्रवाई को कड़ा प्रत्युत्तर दिया जाएगा, ऐसा जताया है। ‘अमरीका की कार्रवाई अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारविषयक नियमों का गंभीर उल्लंघन है। अमरीका द्वारा चीन की कंपनियों के खिलाफ दमनतंत्र जारी है’, ऐसा आरोप चीन ने किया है।

us-china-companies-sanctionsचीन के कानूनन हक और हितसंबंध सुरक्षित रखने के लिए अमरीका के विरोध में आक्रामक कार्रवाई की जाएगी, ऐसी चेतावनी भी चीन ने दी। पिछले ही महीने चीन की संसद ने ‘लॉ ऑन काऊंटरिंग फॉरेन सँक्शन्स’ नामक कानून पारित किया था। चीन की कंपनियों के विरोध में अगर प्रतिबंध लगाए, तो विदेशी कंपनियों को लक्ष्य करने का प्रावधान इस कानून में किया गया है। चीन का यह कानून यानी चीन की ‘वुल्फ वॉरिअर डिप्लोमसी’ का भाग होने का दावा विश्‍लेषक जिआन्ली यांग ने किया था।

पिछले कुछ सालों में चीन की कम्युनिस्ट हुकूमत द्वारा दुनिया भर में वर्चस्व वादी हरकतें तेज़ कीं गईं हैं। उसमें पिछले साल दुनिया भर में फैली कोरोना की महामारी और उइगरवंशियों पर होनेवाले अत्याचार समाविष्ट हुए हैं। इन मामलों के कारण अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय में तीव्र असंतोष है। चीन की आक्रामकता और विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ पश्चिमी देशों ने कदम उठाना शुरू किया होकर, उनमें चीन के विरोध में व्यापक प्रतिबंधों का समावेश है। उसका जवाब देने की तैयारी चीन ने भीशकी होने के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन उसके बहुत बड़े परिणाम चीन को भी चुकते करने पड़नेवाले हैं। ऑस्ट्रेलिया के साथ चल रहे व्यापारयुद्ध में चीन ने ऑस्ट्रेलिया को सबक सिखाने के लिए किए फैसले से चीन का ही बड़ा नुकसान होने की बात सामने आई थी।

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