तालिबान के समर्थक पाकिस्तान के विरोध में विश्‍वभर हुए संतप्त प्रदर्शन

बर्लिन – अफ़गानिस्तान पर कब्ज़ा करनेवाले तालिबानी आतंकियों को हर तरह की सहायता प्रदान कर रहे और उनके प्रवक्ता बने पाकिस्तान के खिलाफ विश्‍वभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। अफ़गानिस्तान में अराजकता के लिए ज़िम्मेदार पाकिस्तान की सेना और गुप्तचर संगठन पर प्रतिबंध लगाने की माँग अमरीका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैण्ड के प्रदर्शनकारियों ने किया। इन प्रदर्शनों में अफ़गान एवं पश्‍चिमी देशों की जनता के साथ पाकिस्तानी वंश के नागरिक भी शामिल थे, यह इन प्रदर्शनों की विशेषता रही।

protests-against-taliban-pakसोशल मीडिया पर बीते हफ्ते से ही ‘सैंक्शन पाकिस्तान’ यानी पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की माँग करनेवाला ट्रेंड शुरू हुआ है। अमरीका, कनाड़ा, भारत और अफ़गानिस्तान के साथ पाकिस्तान में भी यह ट्रेंड़ जारी है। पाकिस्तान के सूचनामंत्री फवाद चौधरी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद युसूफ ने माध्यमों के सामने आकर यह जानकारी साझा की थी। सोशल मीडिया पर हो रहे इस दुष्प्रचार के पीछे अमरीका और भारत होने का आरोप पाकिस्तान के इस मंत्री ने लगाया था। लेकिन, पाकिस्तान में ही इस आरोप का मज़ाक उड़ाया गया था।

रविवार के दिन तालिबान ने अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद पाकिस्तान के खिलाफ यह प्रदर्शन सोशल मीडिया से अब सड़कों पर होने लगे हैं। अमरीका, कनाड़ा, ब्रिटेन, जर्मनी, नेदरलैण्ड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड में पाकिस्तान के विरोध में संतप्त प्रदर्शन हुए। अमरीका और यूरोपिय देशों में बसे अफ़गान नागरिकों ने इन प्रदर्शनों का नेतृत्व किया। तभी, अमरीका और यूरोपिय देशों के नागरिक भी इन प्रदर्शनों में शामिल हुए थे।

वॉशिंग्टन, लंदन, बर्लिन, एड़िलेड़ में अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के दूतावासों के सामने यह प्रदर्शन हुए। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्रसंघ के दूतावास के सामने अफ़गान नागरिक और अफ़गान समर्थक अमरिकी नागरिक प्रदर्शनों में शामिल हुए। बांगलादेश में भी पाकिस्तान के विरोध में प्रदर्शन होने की खबरें हैं। तालिबान को आश्रय देनेवाला, लष्करी सहायता प्रदान करनेवाला, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस आतंकी संगठन के पक्ष में खड़ा होनेवाला पाकिस्तान ही अफ़गानिस्तान की मौजूदा स्थिति के लिए ज़िम्मेदार होने का आरोप इन प्रदर्शनकारियों ने लगाया। इन प्रदर्शनकारियों में पाकिस्तान के पश्‍तू, बलोच, सिंधी वंश के नागरिक भी शामिल थे।

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