‘आयएनएफ’ से बाहर निकल रहे अमरिका को रशिया करारा जवाब देगा – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

Third World Warमास्को: अमरिका ने एटमी हथियारों से संबंधित ‘आयएनएफ’ समझौते से पीछे हटने का निर्णय लिया है| अमरिका के इस फैसले को रशिया से पुख्ता जवाब मिलेगा, यह वह ध्यान में रखे| साथ ही, इस मुद्दे पर अमरिका से और चर्चा करने के लिये रशिया ने अभी दरवाजे बंद नही किये है और यह बात वह जिम्मेदारी से ध्यान करेंगे, यह उम्मीद है’, ऐसी चेतावनी रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन इन्होंने दी है| पुतिन इन्होंने रशियन रक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक के दौरान यह चेतावनी दी और साथ ही संभाव्य कार्यवाही के विषय में? भी चर्चा की है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है|

आयएनएफ, बाहर निकल, रहे, अमरिका, रशिया, करारा जवाब, राष्ट्राध्यक्ष, व्लादिमीर पुतिन, मास्कोपिछले महिने में ही अमरिका का राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प इन्होंने रशिया के साथ हुए ‘एटमी’ समझौते से अमरिका पीछे हट रहा है, यह ऐलान किया था| अमरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन इन्होंने रशिया को भेंट देकर इस निर्णय की जानकारी सीधे रशियन नेतृत्त्व तह पहुचाई थी, यह भी स्पष्ट हुआ था| उसके बाद बातचीत करने के लिये रशियाने शुरू की कोशिशों पर अमरिका ने खास प्रतिक्रिया नही दी है और ट्रम्प इन्होंने अपनी भुमिका पर कायम रहने का निर्णय किया है|

इस कारण अब रशिया ने भी अधिक आक्रामक भूमिका अपनाने की शुरूआत की है और राष्ट्राध्यक्ष पुतीन इन्होंने दी हुई चेतावनी और रक्षा अधिकारियों की बैठक इसी का हिस्सा दिखता है| राष्ट्राध्यक्ष के साथ ही रशिया के अन्य नेते और पूर्व एवं कार्यरत सेना अधिकारी भी अमरिका के साथ कठोरता से पेश आ रहे है| यह समस्या सीधे युद्ध के लिये कारण बन सकती है, यह संकेत भी देना शुरू किया है|

आयएनएफ, बाहर निकल, रहे, अमरिका, रशिया, करारा जवाब, राष्ट्राध्यक्ष, व्लादिमीर पुतिन, मास्कोरशिया के पूर्व सेना अधिकारी ‘एव्हगेनी बुझिन्स्की’ इन्होंने अमरिका का एटमी समझौते से पीछे हटने का निर्णय यह जंग की ओर ले जानेवाली राह है, ऐसी चेतावनी दी है| अमरिका एक समझौते से बाहर पडने से दोनों देशों में हुए अन्य समझौतों के लिये भी खतरा होगा, ऐसा भी बुझिन्स्की इन्होंने कहा है| साथ ही अमरिका की कार्यवाही को जवाब देने के लिये रशियन राष्ट्राध्यक्ष पुतीन फिर एक बार क्युबा में एटमी हथियार भेजने का निर्णय करेंगे और इस में से ‘सेकंड क्युबन मिसाइल क्रायसिस’ सामने आ सकता है, यह डर भी उन्होंने जताया|

दुसरे विश्‍व युद्ध के बाद अमरिका और रशिया के बीच संघर्ष का विस्फोट होने की संभावना ‘क्युबन मिसाइल क्रायसिस’ के कारण निर्माण हुई थी| १९६२ में सोव्हिएत रशिया ने क्युबा में अपनी बैलेस्टिक प्रक्षेपास्त्र तैनात किये थे| अमरिका ने इटली और तुर्की इन देशों में प्रक्षेपास्त्र तैनात करने के बाद रशिया से सामने आयी यह प्रतिक्रिया समझी जा रही थी|

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