श्रीलंका के बाद पाकिस्तान का आर्थिक संकट तीव्र हुआ

इस्लामाबाद – अगले कुछ महीनों में पाकिस्तान की स्थिति आज के श्रीलंका की तरह होगी, इस चिंता ने पाकिस्तान को परेशान किया है। पाकिस्तान पर कर्ज़ का भार प्रचंड़ बढ़ा है और ऐसे में देश चलाने के लिए ज्यादा ब्याजदर से नया कर्ज़ लेना पड़ रहा है। इस कर्ज़ की अधिकतम राशि पहले उठाए गए कर्ज़ का भुगतान करने के लिए इस्तेमाल करनी पड़ रहा है। इस वजह से अपने देश की स्थिति शायद श्रीलंका से अधिक पेचीदा होगी, ऐसा दावा खुद पाकिस्तानी माध्यम कर रहे हैं।

साल २०२०-२१ के पूरे आर्थिक वर्ष में पाकिस्तान ने १३.३८ अरब डॉलर्स कर्ज़ पाया था। लेकिन, २०२१-२२ के आर्थिक वर्ष के दौरान पहले तीन महीनों में पाकिस्तान को तकरीबन १०.८८६ अरब डॉलर्स कर्ज़ उठाना पड़ा। इस तरह पाकिस्तान के कर्ज़ का भार प्रचंड़ बढ़ रहा है। इसका कारण पाकिस्तान को पहले प्राप्त किए कर्ज़ का भुगतान करने के लिए ही नए कर्ज़ की काफी रकम खर्च करनी पड़ रही है। साथ ही इस देश के कर्ज़ का पहाड़ देखकर कर्ज़ देनेवाले खतरा बढ़ने का कारण बताकर पाकिस्तान को अधिक ब्याजदर से कर्ज दे रहे हैं।

ऐसी स्थिति में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से पाकिस्तान को काफी उम्मीद थी। मुद्राकोष से पाकिस्तान ने कुल छह अरब डॉलर्स के बेलआऊट पैकेज की माँग की थी। लेकिन, मुद्राकोष ने कर्ज़ देने से इन्कार कर दिया क्योंकि, पाकिस्तान ने चीन से पुख्ता कितना और कितने ब्याजदर से एवं किन शर्तों पर कर्ज़ उठाया है, इसकी जानकारी सार्वजनिक करने की सूचना मुद्राकोष ने की थी। इसके साथ ही पाकिस्तान अपना महसूल बढ़ाने के लिए रक्षाखर्च कम करे, बिजली और ईंधन की कीमतें बढ़ाए, ऐसी शर्ते मुद्राकोष ने करने की बात कही जाती है।

यह शर्तें स्वीकारने के लिए पाकिस्तान की सरकार तैयार नहीं है। इसी वजह से पाकिस्तान ने फिर से चीन के सामने कर्ज़ के लिए हाथ फैलाए दिख रहे हैं। जल्द ही पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ इसके लिए चीन का दौरा करेंगे, ऐसा कहा जा रहा है। फिलहाल पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंड़ार में १० अरब डॉलर्स से कम राशि बची है। इसमें भी अन्य देशों से पाए गए कर्ज़ का ही समावेश है। यह देश किसी भी क्षण पाकिस्तान से यह निधि माँग सकते हैं।

ऐसी स्थिती में एक ही समय पर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष और चीन के सामने हाथ फैलाकर पाकिस्तान सरकार देश को बचाने की कोशिश कर रही है। लेकिन, पाकिस्तान को इसके आगे सहायता ना प्रदान करने का सख्त निर्णय मुद्राकोष ने किया हैं। इस वजह से वैश्विक बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक ने भी पाकिस्तान की आर्थिक सहायता रोक दी है। अब बेबस हुए पाकिस्तान का चीन पूरा लाभ उठा रहा है और ब्याजदर बढ़ाकर पाकिस्तान को कर्ज़ प्रदान कर रहा है।

यही स्थिति कायम रही तो देश की संपत्ति चीन को बेचकर पाकिस्तान को कर्ज़ का भुगतान करना पडेगा। पाकिस्तान के माध्यम इसकी कबूली देने लगे हैं और पाकिस्तानी समाचार चैनलों पर अपने देश की स्थिति श्रीलंका से अधिक भयंकर होगी, ऐसी चेतावनी दे रहे हैं। भारत जैसा पड़ोसी देश श्रीलंका को अरबों डॉलर्स की आर्थिक सहायता दे रहा है। अफ़गानिस्तान में हज़ारों मेट्रिक टन गेहूं की आपूर्ति कर रहा है। लेकिन, पाकिस्तान एक अरब डॉलर्स कर्ज़ पाने के लिए मुद्राकोष की धुन पर नाच रहा है। फिर भी मुद्राकोष पाकिस्तान को कर्ज़ देने के लिए तैयार नहीं है, ऐसा अफसोस इस देश के अंदरुनि रक्षा मंत्री राणा सनाउल्लाह ने व्यक्त किया।

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