९/११ कानून को मंज़ुरी देने के बाद अमरिकी नौसेना अधिकारी की पत्नी द्वारा सौदी के खिलाफ मुक़दमा दाखिल

वॉशिंग्टन, दि. ३ (वृत्तसंस्था)- अमरिकी संसद ने पिछले ही सप्ताह में, अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ओबामा के फ़ैसले को अनदेखा करते हुए ‘द जस्टिस अगेन्स्ट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिझम ऍक्ट’ कानून को मंज़ुरी दी थी| इस मंज़ुरी के तीन ही दिन बाद, क़ानूनी प्रावधान के आधार पर पहली याचिका अमरिकी न्यायालय में दाखिल हुई| ९/११ के आतंकी हमले में जान गँवानेवाले नौसेना अधिकारी पॅट्रिक डन की पत्नी ने यह मुक़दमा दाखिल किया है| इस मामले की वजह से अमरीका और सौदी अरेबिया में फिर से तनाव बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं|

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स्टेफनी रॉस डेसायमन ने ‘डीसी डिस्टिक्ट्र न्यायालय’ में सौदी अरेबिया के खिलाफ़ याचिका दाखिल की है, ऐसा सामने आया है| अमरिकी नौसेना में कमांडर रहनेवाले पॅट्रिक डन की, ११ सितंबर सन २००१ के दिन, रक्षा मुख्यालय ‘पेंटॅगॉन’ पर विमान गिराकर किये गए आतंकी हमले में मौत हुई थी| कमांडर डन की गलत तरीक़े से हुई मौत और उसके बाद हुई भावनिक यातना, शोक इसके लिए सौदी अरेबिया के हमलेवार ज़िम्मेदार हैं, ऐसा बयान जारी करके स्टेफनी रॉस ने मुक़दमा दायर किया है| ‘डीसी डिस्टिक्ट्र न्यायालय’ में दाखिल की गयी इस याचिका में सौदी अरेबिया को गुनाहगार ठहराते हुए मुआवज़े की माँग की गई है|

स्टेफनी रॉस के बाद, न्यूयॉर्क में ९/११ हमले में जान गँवा चुके लोगों के परिवारों द्वारा भी ‘फेडरल न्यायालय’ में मुक़दमें दाखिल किये जा रहे हैं| ऍटर्नी जेम्स क्रिंडलर ने इन मुक़दमों के बारे में जानकारी दी| ‘द जस्टिस अगेन्स्ट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिझम ऍक्ट’ कानून को मंज़ुरी दी जाने के बाद चार दिन में ही दो याचिकाएँ दाखिल हो चुकी हैं| इसके बाद अगले कुछ महिनों में, अमरिका के और भी कई न्यायालयों में सौदी अरेबिया के खिलाफ मुक़दमा दाखिल होने के संकेत सूत्रों ने दिये हैं|

नये कानून के अनुसार, अमरीका के लोगों को ‘९/११ आतंकी हमलों’ के मुद्दे पर सौदी अरेबिया पर न्यायालयीन मुक़दमा दाखिल करने का अधिकार प्राप्त हुआ है| अमरिकी संसद ने सन २००४ में प्रसिद्ध किये हुए रिपोर्ट में, ‘सौदी अरेबिया की सरकार और उनके अधिकारियों ने ‘अल-कायदा’ को आतंकी हमले के लिए मदद की, इस बात के सबूत नहीं हैं’ यह कहा था| लेकिन कुछ महीने पहले जारी किये गए गोपनीय रिपोर्ट में, ९/११ के साजिशकतार्आं को अमरीका में सौदी अधिकारी से कुछ मदद मिली होने के संकेत हैं|

इसी आधार पर, सौदी अरेबिया के अधिकारी अपराधी साबित होने के बाद, सौदी की सरकार को उनका मुआवजा देने के सिवाय और कुछ चारा नहीं होगा, यह कहा जा रहा है| सौदी अरेबिया ने इस क़ानून के खिलाफ़ अमरीका में जोर से लॉबिंग की थी| सौदी के विदेश मंत्री अल जुबैर ने इस संदर्भ में अमरीका की विशेष यात्रा भी की थी| इस यात्रा में उन्होंने, सौदी अरेबिया अमरीका में किए ७५० अरब डॉलर्स के निवेश को वापस लेकर रहेगा, ऐसी धमकी दी थी| इस क़ानून की मंज़ुरी के बाद, सौदी के खाडी के मित्रदेशों ने यह धमकी फिर से दी|

‘द जस्टिस अगेन्स्ट स्पॉन्सर्स ऑफ टेररिझम ऍक्ट’ क़ानून के अनुसार याचिकाएँ दाखिल होने की शुरूवात हो गयी है| इसी कारण सौदी द्वारा फिर से सख्त बयान आने के संकेत हैं| इस पृष्ठभूमि पर, दोनो देशों के संबंध फिर से बिगड़ सकते हैं, यह डर जताया जा रहा है|

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