बच्चों के लिए अफगानिस्तान सबसे खतरनाक युद्धक्षेत्र – ‘युनिसेफ’ के रपट में रखा गया आरोप

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल – इतने वर्षों से शुरू संघर्ष के बाद भी अफगानिस्तान की स्थिति में सुधार नही हुआ है| आज भी अफगानिस्तान बच्चों के लिए इस धरती पर सबसे अधिक जानलेवा युद्धक्षेत्र बना रहा है| हर दिन इस देश में ९ बच्चे मारे जाते है या आतंकी हमलों में अपाहिज हो रहे है, यह आरोप संयुक्त राष्ट्रसंघ की युनिसेफने अपने रपट में किया है| पिछले दशक की तुलना में वर्ष २०१९ में अफगानिस्तान में बच्चों पर हो रहे हमलों में ११ प्रतिशत बढोतरी होने की चेतावनी युनिसेफने जारी की है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ की युनिसेफ चाईल्ड अलर्टगुट ने एक रपट तैयार की है| ‘प्रिझर्व्हिंग होप इन अफगानिस्तान प्रोटेक्टिंग चिल्ड्रन इन द वर्ल्डस् मोस्ट लिथल कन्फ्लिक्टइस रपट के जरिए युनिसेफ ने अफगानिस्तान में बनी स्थिति के लिए इस देश में संघर्ष कर रहे हर एक गुट को जिम्मेदार कहा है| शीतयुद्ध के समय से लगभग ४० वर्षों से अफगानिस्तान में संघर्ष कर रहे हर एक गुट ने वहां के बच्चों की सुरक्षा का दायित्व कभी भी नही निभाया, यह आरोप भी युनिसेफने रखा है

 

पिछले चालिस वर्षों में से वर्ष २००९ से २०१८ के दौरान अफगानिस्तान बच्चों के लिए दुनिया का सबसे खतरनाक युद्धक्षेत्र साबित हुआ है| इस दौरान ६,५०० बच्चे मारे गए है और १५ हजार बच्चे जख्मी हुए| इनमें से कई बच्चे आगे का आयुष्य अपाहिज होकर जीने के लिए मजबूर हुए है, इस स्थिति पर युनिसेफकी कार्यकारी संचालिका हेन्हीटा फोर ने ध्यान आकर्षित किया| वर्तमान का वर्ष २०१९ तो अफगान बच्चों के लिए पहले के दशक से भी अधिक जानलेवा साबित हुआ है, यह आलोचना भी फोर ने की|

फिलहाल अफगानिस्तान में हो रहे आतंकी हमलें एवं अफगान सेना की आतंकी संगठनों के साथ हो रही मुठभेड में बच्चों की मौत होने की मात्रा काफी रही है| पिछले दशक की तुलना में वर्ष २०१९ में अफगान संघर्ष में मारे गए बच्चों की मात्रा में ११ प्रतिशत बढोतरी हुई है और इस देश की सुरक्षा व्यवस्था और भी कमजोर होने की चिंता इस रपट में जताई गई है|

अफगान सुरक्षा यंत्रणा और आतंकियों के बीच हो रहे संघर्ष की वजह से इस देश के बच्चे, उनका परिवार और समाज को हररोज गंभीर परिणामों का सामना करना पड रहा है| इन बच्चों को पाठशाला में जाना भी मुमकिन नही रहा, वह इन बच्चों का भविष्य नही बना सकते| पुरे दुनिया को इन बच्चों के समर्थन में खडे होेन की जरूरत है, यह निवेदन कार्यकारी संचालिका फोर ने किया| इसके अलावा अफगानिस्तान के बच्चों को अन्य जगहों पर भी संकटों का सामना करना पड रहा है, यह एहसास फोर ने दिलाया|

इसमें बच्चे और युवकों पर भुखमरी का सबसे बडा संकट बना होने की बात भी युनिसेफके रपट में रखी गई है| अफगानिस्तान में करीबन छह लाख युवक भूखमरी का शिकार साबित हो रहे है, यह बात युनिसेफने कही है| अफगानिस्तान में शांतिव्यवस्था स्थापित करना या संघर्ष के दौरान बच्चों की सुरक्षा को प्रधानता देने की चुनौती अफगान सरकार एवं आतंकियों को स्वीकारनी होगी, यह निवेदन भी युनिसेफने किया|

इस दौरान अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के लिए अमरिका ने तालिबान के साथ बातचीत शुरू की थी| इसी दौरान तालिबान ने अफगानिस्तान में हमलें करना भी शुरू रखा है| अमरिकी एवं अफगान सैनिकों को लक्ष्य करने के लिए हो रहे हमलों का बडा सत्र तालिबान ने शुरू किया था| तालिबान के इन हमलों पर गुस्सा व्यक्त करके राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने तालिबान के साथ हो रही बातचीत से पीछे हटने का निर्णय भी किया था| अभी भी अफगानिस्तान के अलग अलग हिस्सों में तालिबान के हमलें हो रहे है और इन हमलों में सबसे अधिक जान का नुकसान आम नागरिकों का ही हो रहा है|

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