अफगानिस्तान के आतंकवादी कजाखस्तान के जरिए रशिया में घुसपैंठ करेंगे – रशिया के सिक्युरिटी काऊन्सिल के उपप्रमुख की चेतावनी

मॉस्को – ‘अफगानिस्तान में मचे अराजक तथा आतंकवादी हमलों के कारण अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों की सीमा को होनेवाला ख़तरा बढ़ता चला जा रहा है। इससे कट्टरपंथी और आतंकवादी मध्य एशियाई देशों के जरिए रशिया में घुसपैंठ करेंगे और आतंकवादी हमले करेंगे’, ऐसी चेतावनी रशियन सिक्युरिटी काऊन्सिल के उपप्रमुख अलेक्झांडर ग्रेबेन्कीन ने दी। ये आतंकवादी शरणार्थियों के समूहों की आड़ में भी रशिया में घुसपैंठ कर सकते हैं, इसपर ग्रेबेन्कीन ने गौर फरमाया है।

afghan-terrorists-russiaतालिबान के आतंकवादियों ने अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करके तीन महीने हो चुके हैं। इस दौर में अफगानिस्तान में सुरक्षा विषयक परिस्थिति अधिक से अधिक बिगड़ती चली जा रही होने की बात सामने आ रही है। तालिबान सत्ता में आने के बाद आईएस-खोरासन इस आतंकवादी संगठन के अफगानिस्तान में हो रहे हमले बढ़े होकर, आईएस के आतंकवादी अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के लिए तालिबान के साथ संघर्ष कर रहे हैं। इसका ठेंठ परिणाम अफगानिस्तान के पड़ोसी होनेवाले मध्य एशियाई देशों की सीमा पर हो रहा है, यह आरोप रशियन सिक्युरिटी काऊन्सिल के उपप्रमुख ग्रेबेन्कीन ने किया।

‘अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन तालिबान काबुल में सत्ता में आने के बाद, अफगानिस्तान की हर गतिविधि पर रशिया कड़ी नजर रखे हुए है। इस आतंकवादी संगठन से रशिया को कोई भी उम्मीद नहीं है’, ऐसी आलोचना ग्रेबेन्कीन ने की। ‘तालिबान सत्ता में आने के बाद अफगानिस्तान की सामाजिक-राजनीतिक परिस्थिति अधिक ही बिगड़ी होकर परिणामस्वरूप अफगानिस्तान में ग़रीबी बढ़ती चली जा रही है। तालिबानी अपने ही देश के नागरिकों की हत्या करवा रहे होकर, उससे अनियंत्रित स्थलांतरण तथा नशीले पदार्थों की तस्करी में उल्लेखनीय वृद्धि होने का ख़तरा बढ़ा है’, ऐसी चेतावनी ग्रेबेन्कीन ने दी।

‘इस अस्थिरता के कारण शरणार्थियों के समूहों की आड़ में अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी और कट्टरपंथी मध्य एशियाई देशों में दाखिल होंगे। रशिया-कजाखस्तान की सीमा में से आतंकवादी रशिया में दाखिल होंगे और हमले करेंगे’, ऐसी चिंता ग्रेबेन्कीन ने ज़ाहिर की। इन स्थलांतरितों की आड़ में हथियारों की तस्करी भी बढ़ेगी, इस पर ग्रेबेन्कीन ने रशिया के सरकारी अख़बार से बातचीत करते समय गौर फरमाया। सोवियत रशिया से बाहर निकले मध्य एशियाई देशों के ‘कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडंट स्टेट्स-सीआयएस’ की बैठक में भी यह चेतावनी दी गई थी, इस पर ग्रेबेन्कीन ने ध्यान आकर्षित किया।

इसी बीच, पिछले कुछ हफ्तों में रशिया ने अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के लिए तालिबान के साथ चर्चा करने के लिए पहल की थी। लेकिन अब रशिया का भ्रम टूटा हुआ दिख रहा है। पिछले कुछ दिनों से रशिया ने यह आरोप करना शुरू किया है कि अफगानिस्तान अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादियों का केंद्र बनता चला जा रहा है।

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