सुरक्षा के लिए ‘यूएई’ किसी एक देश पर निर्भर नहीं रहेगा – यूएई के वरिष्ठ अधिकारी के स्पष्ट संकेत

दुबई – ‘अमरीका और यूएई का सहयोग रचनात्मक और कभी भी तोड़ना मुमकिन नहीं होगा ऐसा है। लेकिन, महासत्ताओं की स्पर्धा में यूएई किसी भी एक के पक्ष में खड़ा नहीं होगा। इसी वजह से आर्थिक और सुरक्षा के मुद्दों पर किसी एक देश पर बनी निर्भरता यूएई कम कर रहा है। रक्षा तैयारी बढ़ाने वाला और क्षेत्रीय तनाव कम करने के लिए सहायता करने वाला सहयोगी देश की यूएई को उम्मीद है’, ऐसें सटिक शब्दों में यूएई ने अमरीका को संदेश दिया।

चार दिन पहले अमरिकी गुप्तचर विभाग ने विदेशी ताकते अमरीका की सियासत मे हस्तक्षेप कर रही हैं, ऐसी रपट बनायी थी। राज घराने की व्यवस्था होने वाले और अभी भी अमरीका के नज़रिये से अनुदार सामाजिक व्यवस्था के यूएई पर अमरीका से आलोचना ना हो, इसके लिए यूएई सियासत मे हस्तक्षेप कर रहा हैं, ऐसा आरोप अमरीका के ‘नैशनल इंटेलिजेन्स काउंसिल’ की रपट में लगाया गया था। अमरिकी अभ्यासगुट, युनिवर्सिटी के अनुसंधान पर प्रभाव बनाने के लिए यूएई ने करोड़ डॉलर्स खर्च किए हैं, यह आरोप भी इस रपट में लगाया गया था।

अमरीका के करीबी सहयोगी देश यूएई पर गुप्तचर विभाग ने लगाए इन आरोपों की वजह से दोनों देशों के संबंध बिगड़ेंगे, ऐसा इशारा अमरिकी माध्यमों ने दिया था। यह रपट जारी होने के कुछ ही घंटे बाद यूएई के वरिष्ठ राजनीतिक अधिकारियों ने किए ऐलान से अमरीका में दूरी निर्माण होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। ‘एमिरातस्‌‍ पॉलिसी सेंटर अबू धाबी स्ट्रैटेजिक डिबेट’ नामक चर्चा में बोलते हुए यूएई के राष्ट्राध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अन्वर गरगाश ने यह स्पष्ट किया कि, हमारा देश अमरीका पर बनी निर्भरता कम करेगा।

‘राजे शेख मोहम्मद बिन झाएद अल नह्यान ने यूएई के लिए कुछ नीति तय की है। यूएई के लिए काफी हम मौसम के बदलाव, जल और अन्न सुरक्षा जैसें मुद्दों पर अन्य देशों से सहयोग बढ़ाने की सूचना शेख मोहम्मद ने की है’, ऐसा गरगाश ने कहा। ‘एक ही देश पर निर्भर रहने पर यूएई सुरक्षित नहीं रहेगा। इसी वजह से यूएई ने सुरक्षा के मुद्दे पर विभिन्न देशों से चर्चा शुरू की है। साथ ही दूसरे देश के लिए यूएई अपनी संप्रभुता दांव पर नहीं लगाएगा, ऐसा ध्यान आकर्षित करनेवाला बयान भी गरगाश ने किया।

‘पूरे विश्व का ध्रूवीकरण जारी हैं और वैश्विक महासत्ताओं के बीच तनाव बढ़ रहा है। मध्य आकार की सत्ता के तौर पर यूएई की विदेश नीति बड़ी सावधानी से निर्धारित होगी। इससे किसी भी मुद्दे पर खुलेआम आलोचना करने से दूर रहकर यूएई शांति से कुटनीति का प्रयोग करेगा। इसके लिए समय के अनुसार अप्रिय लोगों के साथ ही सहयोग स्थापीत करना पड़ सकता हैं, इसका अहसास यूएई ने रखा है, ऐसा गरगाश ने स्पष्ट किया है।

इसी बच, पिछले कुछ महीनों में ईरान का परमाणु कार्यक्रम, येमन के हौथी विद्रोही, मानव अधिकार और अन्य मुद्दों के कारण अमरीका-यूएई के संबंधों में तनाव बना  है। शस्त्र निर्यात रोक रहे बायडेन प्रशासन के इरादों पर यूएई ने सवाल किए थे। इसी वजह से आनेवाले दौर में यूएई अपनी सुरक्षा के लिए किसी भी एक देश पर निर्भर नहीं रहेगा, ऐसा कहकर यूएई बायडेन प्रशासन पर अविश्वास व्यक्त कर रहा हैं। इसके लिए इस्रायल, चीन और भारत जैसें देश के साथ सहयोग बढ़ाकर यूएई ने रशिया के साथ भी सहयोग स्थापित करने की तैयारी की है। यूएई के राष्ट्राध्यक्ष के राजनीतिक सलाहकार अन्वर गरगाश यही बात राजनीतिक भाषा में रखते दिखाई दे रहे है।

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