ईरान से बातचीत करते समय पश्‍चिमी देश खाड़ी देशों के हितों को अहमियत दें – गल्फ को-ऑपरेशन काउन्सिल का आवाहन

लंदन/तेहरान – खाड़ी देशों की सुरक्षा और स्थिरता संबंधित चिंता पर पश्‍चिमी देश ध्यान दें और वियना में ईरान के साथ बातचीत करें, ऐसा आवाहन गल्फ को-ऑपरेशन काउन्सिल (जीसीसी) ने किया है। ‘युरेनियम संवर्धन से संबंधित ईरान ने किया ऐलान खतरनाक है। इस क्षेत्र की एवं अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ईरान का यह ऐलान चिंता बढ़ानेवाला मुद्दा है’, ऐसा इशारा ‘जीसीसी’ ने दिया है। तभी, ‘जीसीसी’ यह बातचीत प्रभावित करने की कोशिश में होने का आरोप ईरान के विदेश मंत्रालय ने लगाया है।

iran-talks-western-gulf-countriesवियना में अमरीका के साथ संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य, यूरोपिय महासंघ और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत जारी है। इस बातचीत की पृष्ठभूमि पर ‘जीसीसी’ और ‘अरब लीग’ की अहम बैठक हाल ही में हुई। इसके बाद ‘जीसीसी’ के प्रमुख नईफ अल हजराफ ने सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य देशों के विदेशमंत्रियों को खत लिखा है। इस खत में ‘जीसीसी’ के प्रमुख ने खाड़ी देशों के मुद्दे दर्ज़ किए हैं।

‘खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता के लिए ‘जीसीसी’ का बड़ा योगदान रहा है’, यह बात इस खत में दर्ज़ की गई है। ‘वियना में जारी बातचीत मात्र ईरान के परमाणु कार्यक्रम तक सीमित रखना संभव नहीं है। इसके अलावा, ईरान ने इस क्षेत्र में निर्माण की हुई अस्थिरता, बैलेस्टिक मिसाइल और ईरान से जुड़े सशस्त्र संगठनों के मुद्दे का भी वियना की बातचीत में समावेश हो’, यह कहकर इस खत में पश्‍चिमी देश इस समस्या की ओर व्यापक नज़रिये से देखें’, ऐसा इशारा दिया गया है।

ईरान ने कुछ दिन पहले ही अपने परमाणु कार्यक्रम से संबंधित युरेनियम संवर्धन के मुद्दे पर किए ऐलान की ओर ‘जीसीसी’ के प्रमुख ने ध्यान आकर्षित किया। ‘ईरान ने युरेनियम संवर्धन की मात्रा ६० प्रतिशत तक बढ़ाई है। ईरान का यह ऐलान क्षेत्रिय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरनाक और चिंताजनक होने के संकेत हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन खतरनाक गतिविधियों के विरोध में भूमिका अपनाएगा’, ऐसी उम्मीद ‘जीसीसी’ के प्रमुख अल हजराफ ने इस खत के माध्यम से व्यक्त की है।

iran-talks-western-gulf-countries‘जीसीसी’ के प्रमुख की तरह ही अरब लीग के प्रमुख अहमद अबोल घैत ने भी ईरान के युरेनियम संवर्धन की आलोचना की है। ‘ईरान ने परमाणु अस्त्रों के निर्माण की दिशा में स्पष्ट और विशेष तरीके से कदम बढ़ाया हैं, यही बात इस युरेनियम संवर्धन से दिख रही है। साथ ही इस वजह से ईरान के परमाणु कार्यक्रम के उद्देश्‍य को लेकर आशंका बढ़ रही है’, ऐसा आरोप घैत ने लगाया। इसके अलावा अरब देशों के अंदरुनि कारोबार में ईरान और ईरान से जुड़े गुटों द्वारा जारी दखलअंदाज़ी पर भी बातचीत होनी चाहिए, ऐसा आवाहन घैत ने किया।

इसी बीच, सौदी अरब और यूएई ने ईरान के साथ होनेवाली बातचीत में खाड़ी देशों का समावेश हो, ऐसी माँग अमरीका के सामने पहले ही की थी। फ्रान्स ने इस माँग का स्वागत किया था। लेकिन, अमरीका के बायडेन प्रशासन ने खाड़ी देशों की इस माँग को पूरी तरह से नजरअंदाज किया हुआ दिखाई दे रहा है।

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