‘जी २० समिट’ की पृष्ठभूमि पर अमरीका और चीन के राष्ट्राध्यक्ष की सांठगांठ

बाली – चीन यह अमरीका का घातक प्रतिद्वंद्वी होने के दावे ‘पेंटॅगॉन’ और ‘सीआईए’ की रपट मे किए जा रहे हैं और तभी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने सोमवार को इंडोनेशिया में चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग से मुलाकात की। ‘जी २० समिट’ की पृष्ठभूमि पर हुई बैठक मे दोनों राष्ट्राध्यक्ष के साथ उच्चस्तरीय शिष्टमंड़ल की तीन घंटों से अधिक लंबी चर्चा होने की जानकारी माध्यमों ने प्रदान की। अमरीका और चीन इन दोनों देशों ने एक-दूसरें से हो रही स्पर्धा सही ढ़ंग से संभालकर चर्चा के मार्ग खुले रखने होंगे, ऐसी भूमिका बायडेन ने रखी ऐसा व्हाईट हाऊस ने कहा है।

सांठगांठअमरीका के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प सरकार में थे तब उन्होंने चीन के विरोध में आक्रामक व्यापार युद्ध शुरू किया था। इसके बाद ताइवान और कोरोना की महामारी समेत अन्य कई मुद्दों पर ट्रम्प ने चीन को झटके देने वाले निर्णय किए थे। अमरीका के बाद यूरोपिय देश एवं इंडो-पैसिफिक के प्रमुख देशों ने भी चीन को खुली चुनौती देना शुरू किया था। अमरीका के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की जारी हरकतों के विरोध मे तीव्र असंतोष निर्मा होने पर ट्रम्प के बाद बागड़ोर संभालने वाले बायडेन भी चीन को लेकर सख्त नीति बरकरार रखने के लिए मज़बूर हुए थे। अमरीका की नीति में हुआ बदलाव और चीन में जिनपिंग के बढ़ते एकाधिकार के कारण अमरीका और चीन के संबंध नीचले स्तर पर पहुँचने की बात कही जा रही है।

रशिया-यूक्रेन युद्ध में चीन ने रशिया का समर्थन करने से अमरीका एवं पश्चिमी देश अधिक नाराज़ हुए हैं। अमरीका एवं यूरोप की कई यंत्रणा चीन को ही प्रतिद्वंद्वी होने के दावे करने वाले रपट जारी कर रही हैं। लेकिन, इसी बीच यह देश चीन के साथ आर्थिक और व्यापारी संबंध बढ़ाकर चर्चा जारी रखने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं। कुछ दिन पहले यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था जर्मनी के चान्सलर ओलाफ शोल्झ ने हाल ही मे चीन का दौरा किया था। इसके बाद अब अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने भी जिनपिंग से मुलाकात करके तीन घंटे से अधिक लंबी बातचीत करने की बात सामने आ रही है।

सांठगांठइन दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष की हुई चर्चा मे कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। अमरीका की ओर से एंथनी ब्लिंक, वित्त मंत्री जेनेट येलेन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीन में नियुक्त अमरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स इस बैठक में मौजूद थे। चीन की ओर से विदेश मंत्री वैंग यी के साथ जिनपिंग ने हाल ही में नियुक्त किए पोलिटब्युरो के तीन वरिष्ठ ने इस बैठक का हिस्सा बने थे। इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के साथ कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होने की जानकारी व्हाईट हाऊस ने साझा की।

बायडेन ने इस चर्चा में झिंजियांग, तिब्बत और हाँगकाँग के साथ ताइवान का मुद्दा उठाए, ऐसे दावे व्हाईट हाऊस ने किए हैं। लेकिन, इसकी तीव्रता चीन को चुभने इतनी नहीं थी, यह स्पष्ट हो रहा है। साथ ही यूक्रेन में परमाणु अस्त्र का प्रयोग ना हो, इसपर दोनों देशों की सहमति होने की जानकारी भी अमरीका ने साझा की।

जिनपिंग ने पिछले महीने स्वयं को कम्युनिस्ट पार्टी के साथ चीन के सर्वेसर्वा घोषित किया था। इसपर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी थी। जिनपिंग के नेतृत्व में चीन अधिक से अधिक आक्रामक और एक सूत्री हुकूमत की ओर झुकेगा और चीन की जंगबाज़ महत्वाकांक्षा को रोकना मुमकिन नहीं होगा, ऐसा स्वर आलापा गया था। चीन की महत्वाकांक्षा पर नकेल कसने के लिए पश्चिमी देशों ने साथ मिलकर भूमिका अपनानी होगी, ऐसें दावे भी किए गए थे। लेकिन, वास्तव में ऐसे दावे करने वाले देश जिनपिंग की हुकूमत के साथ सहयोग और संवाद जारी रखने की कोशिश में होने की बात अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने की हुई यह मुलाकात दर्शाती है।

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