भारतीय विदेश मंत्री ने रशिया से की यूक्रेन युद्ध रोकने की गुहार

मास्को – कोरोना की महामारी के कारण पूरे विश्‍व के सामने खड़े रहे संकट के बाद यूक्रेन युद्ध के बड़े गंभीर परिणाम विश्‍व को भुगतने पड़ रहे हैं। खास तौर पर ‘ग्लोबल साऊथ’ यानी दक्षिणी देशों पर इसका बुरा असर हो रहा हैं, ऐसा कहकर भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने यूक्रेन युद्ध रोककर राजनीतिक बातचीत शुरू करने की गुहार रशिया से की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन को यह सलाह दी थी कि, यह युद्ध का समय नहीं हैं। विदेशमंत्री जयशंकर ने ने रशियन विदेश मंत्री को इसकी भी याद दिलाई। साथ ही भारत और रशिया की भागीदारी आनेवाले समय में कसौटी पर कायम खड़ी रही है और कई दशकों से यह भागीदारी स्थिर भी रही है, इसका ज़िक्र विदेश मंत्री जयशंकर ने किया।

यूक्रेन युद्धविदेश मंत्री जयशंकर का रशिया दौरा सोमवार से शुरू हुआ। रशिया के विदेश मंत्री सर्जेई लैव्हरोव्ह से उनकी द्वीपक्षीय चर्चा हुई। इस चर्चा की शुरुआत ही यूक्रेन समस्या से हुई। कोरोना की महामारी के कारण पूरे विश्‍व के सामने संकट खड़ा हुआ था। इस संकट से विश्‍व संभल रहा था, तभी यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ। अबतक विश्‍व एक-दूसरें पर निर्भर रहा है और एक ही जगह पर शुरू संघर्ष के बुरे परिणाम अन्य देशों को भुगतने पड़ते ही हैं। रशिया-यूक्रेन युद्ध का सबसे भीषण परिणाम ‘ग्लोबल साऊथ’ यानी विश्‍व के दक्षिणी देशों को भुगतने पड़ रहे हैं, इसका अहसास भारतीय विदेश मंत्री ने इस दौरान कराया।

इसी वजह से यूक्रेन युद्ध रोककर रशिया राजनीतिक बातचीत शुरू करें, ऐसी भारत की मांग हैं, ऐसा बयान जयशंकर ने इस चर्चा के दौरान किया। भारत शांति के पक्ष में होने की बात पर भी जयशंकर ने इस दौरान फिर से ध्यान आकर्षित किया। साथ ही यूक्रेन युद्ध के कारण उभरी अनाज़ और खाद की यातायात की समस्या दूर करने के लिए ज़रूरी पहल करने के लिए भारत तैयार हैं, यह प्रस्ताव भी उन्होंने इस दौरान रखा। इस वजह से वैश्‍विक अर्थव्यवस्था के लिए होनेवाले खतरे यकिनन कम होंगे, यह विश्‍वास विदेश मंत्री जयशंकर ने व्यक्त किया हैं।  लेकिन, रशिया को यूक्रेन युद्ध पर आवाहन करने के साथ ही दूसरी ओर भारतीय विदेशमंत्री ने मित्रता से भरें भारत-रशिया सहयोग का भी दाखिला दिया।

भारत और रशिया संबंध कई दशकों से स्थिर हैं और दोनों देशों की भागीदारी आनेवाले समय में अधिक से अधिक विकसित होगी, यह भरोसा भी जयशंकर ने व्यक्त किया। ऐसे में रशिया के विदेश मंत्री सजेई लैव्हरोव्ह ने भारत-रशिया द्विपक्षीय व्यापार जल्द ही 30 अरब डॉलर्स का मुकाम हासिल करेगा, यह दावा भी किया है। साथ ही र्इंधन क्षेत्र का सहयोग बढ़ाने पर भी दोनों नेताओं की इस चर्चा में सहमति हुई। इसी बीच विदेश मंत्री जयशंकर के इस रशिया दौरे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बड़ी अहमियत प्राप्त होती दिख रही है। यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए भारत लगातार रशिया से आवाहन करके चर्चा करने के लिए पहल करने की मांग कर रहा है। इसकाअसर जल्द ही दिखाई देगा, यह दावा कुछ विश्‍लेषकों ने किया था। इस वजह से विदेश मंत्री जयशंकर ने रशिया में किए बयान की भी अहमियत बढ़ी है।

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