पश्चिमी देशों ने भारत को नकारकर पाकिस्तानी तानाशाहों को हथियार प्रदान किये – विदेशमंत्री एस. जयशंकर

कॅनबेरा – पाकिस्तान के हवाई बल के ‘एफ-16’ विमानों के लिए 45 करोड़ डॉलर्स का पैकेज प्रदान करनेवाली अमरीका को भारत के विदेशमंत्री ने फिर से खरी-खरी सुनाई है। अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे में बात करते समय विदेशमंत्री जयशंकर ने ठेंठ नामोल्लेख करना टालते हुए, आजतक अमरीका ने पाकिस्तान के तानाशाहों को हथियारों की सप्लाई करने का फ़ैसला किया था, इसकी याद दिला दी। अमरीका की इन नीतियों के वजह से ही भारत को रशिया से मिलनेवाले हथियारों पर निर्भर रहना पड़ा, इसका एहसास विदेशमंत्री जयशंकर ने करा दिया। रशिया के साथ का यह सहयोग भारत के हितसंबंधों के लिए उपकारी साबित हुआ, ऐसा ताना भी विदेशमंत्री ने मारा।

विदेशमंत्री जयशंकर इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं। ऑस्ट्रेलिया की विदेशमंत्री पेनी वाँग समेत पत्रकार परिषद को संबोधित करते समय विदेशमंत्री जयशंकर ने भारत के रशिया के साथ के रक्षाविषयक सहयोग की पृष्ठभूमि गिने-चुने शब्दों में प्रस्तुत की। भारत ने माँगे हुए हथियारों की आपूर्ति ना करते हुए पश्चिमी देशों ने भारत के पड़ोसी देश के तानाशाहों को हथियार प्रदान किये। उस दौर में भारत को रशिया से मिलनेवाले हथियारों पर निर्भर रहना पड़ा था। इसलिए भारत की रशिया के साथ बनी रक्षाविषयक साझेदारी को पश्चिमी देश ज़िम्मेदार हैं, यह बताकर जयशंकर ने अमरीका को फिर एक बार आईना दिखाया है। कुछ दिन पहले जयशंकर ने लगभग ऐसे ही शब्दों में अमरीका की नीतियों की आलोचना की थी।

अमरीका ने पाकिस्तान के हवाई बल के एफ-16 विमानों के लिए लगभग 45 करोड़ डॉलर्स के पैकेज का ऐलान किया था। पाकिस्तान को प्रदान की जानेवाली यह सहायता भारतविरोधी ना होने का यक़ीन अमरीका ने दिलाया था। और तो और, इन विमानों का इस्तेमाल आतंकवादियों के खिलाफ़ किया जायेगा, भारत के विरोध में नहीं, ऐसे हास्यास्पद दावे भी अमरीका ने किये थे। लेकिन ऐसे दावों से अमरीका भारत को मूर्ख नहीं बना सकती, ऐसा विदेशमंत्री जयशंकर ने अमरीका को डटकर कहा था।

पाकिस्तान को एफ-16 विमान अद्यतन करने के लिए अमरीका जो सहायता कर रही है, यह अमरीका ने भारत को दी हुई चेतावनी होने का दावा विश्लेषक कर रहे हैं। केवल एफ-16 विमान ही नहीं, बल्कि पाकिस्तानव्याप्त कश्मीर की अमरिकी राजदूत ने की भेंट तथा इस भूभाग का ‘आज़ाद काश्मीर’ ऐसा किया हुआ उल्लेख, यह सब भी अमरीका ने अपनाईं भारतविरोधी नीतियों का भाग माना जा रहा है। उसके बाद के दौर में अमरीका ने पाकिस्तान में स्थित अपने नागरिकों के लिए ट्रॅव्हल ऍडव्हाइझरी लागू करके, भारत भी अमेरिकन नागरिकों के लिए ख़तरनाक बना होने का दावा किया था। इस प्रकार पाकिस्तान समेत भारत को एक ही श्रेणि में वर्ग करके अमरीका भारत को सबक सिखाना चाहती है। भारत रशिया से ईंधन की ख़रीद कर रहा है, साथ ही, रशिया के साथ रुपया-रूबल में कारोबार कर रहा है, यह बात अमरीका को चुभ रही है।

भारत की विदेश नीति की सार्वभौमिकता को बायडेन प्रशासन अमरीकाविरोध मानकर चल रहा है। इसके लिए एक के बाद एक भारतविरोधी फ़ैसले बायडेन प्रशासन कर रहा होकर, आनेवाले समय में बायडेन प्रशासन द्वारा और कुछ भारतविरोधी कदम उठाये जा सकते हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं। इसपर भारत की ओर से प्रतिक्रिया आ रही होकर, विदेशमंत्री जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में आयोजित पत्रकार परिषद में अमरीका को भारत की नाराज़गी का एहसास करा दिया। लोकतंत्रवादी भारत को हथियार प्रदान करने के बजाय, पाकिस्तान जैसे आतंकवाद के लिए कुविख्यात होनेवाले देश को हथियार तथा रक्षासामग्री के मोरचे पर सहायता करनेवाली अमरीका की नीति के इस दोगलापन पर विदेशमंत्री जयशंकर ने इस पत्रकार परिषद में गिने-चुने शब्दों में उँगली रखी है।

विदेशमंत्री ने कनाडा को भी लगाई फ़टकार

लोकतंत्र में प्राप्त स्वतंत्रता का, हिंसक और कट्टरपंथी ताकतें दुरूपयोग ना करें इसके लिए चौकन्ना रहना आवश्य है, यह बताकर विदेशमंत्री जयशंकर ने कनाडा को फ़टकार लगाई है। भारत का विघटन करना चाहनेवाले खलिस्तानवादियों को कनाडा में मनमानी करते दिखाई दे रहे हैं। इस पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री जयशंकर ने कनाडा को यह चेतावनी दी।

कनाडा के विदेशमंत्री के सात्थ हमने कई बार चर्चा की और समय समय पर इस मुद्दे को हमने उनके सामने उपस्थित किया था। हिंसा और कट्टरवाद का पुरस्कार करनेवालीं विघटनवादी ताकतों को, लोकतंत्र में मिलनेवाली स्वतंत्रता का दुरूपयोग करने का मौक़ा नहीं मिलना चाहिए, ऐसा आवाहन हमने कनाडा के विदेशमंत्री से किया था, ऐसी जानकारी जयशंकर ने कैनबेरा में आयोजित पत्रकार परिषद में दी।

‘अपने देश में लोकतंत्र सुचारु रूप से काम कर रहा है इसपर ध्यान देने के साथ ही, अन्य देशों के लोकतंत्र को अपने देश से चुनौती नहीं मिलेगी इसकी भी ज़िम्मेदारी हमें उठानी होगी’, इन शब्दों में विदेशमंत्री जयशंकर ने कनाडा को फटकार लगाई। कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम को संबोधित करते समय जयशंकर ने, कनाडास्थित वोट बैंक पर नज़र रखकर कुछ लोग भारतस्थित विघटनवादी ताकतों को बढ़ावा दे रहे हैं, ऐसी आलोचना की है। लेकिन तुम्हारी अंदरूनी राजनीति को अपने तके ही रखो, भारत को उसकी आँच नहीं लगनी चाहिए, ऐसी चेतावनी हमने कनाडा के नेताओं को दी थी, ऐसी जानकारी जयशंकर ने इस कार्यक्रम में दी थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.