वित्त विधेयक २०१७ लोकसभा में मंज़ुरी; नकद लेनदेन की सीमा २ लाख रुपये, आयटी रिटर्न के लिए आधार कार्ड आवश्यक

नवी दिल्ली, दि. २२: बुधवार को लोकसभा में वित्त विधेयक को मंज़ुरी दी गई| वित्तमंत्री ने पेश किए २९ सुधारों के साथ मंज़ूर किये इस विधेयक के अनुसार, अब १ जुलाई से आयटी रिटर्न भरने के लिए आधारकार्ड ज़रूरी होगा| साथ ही, इस कानून के अनुसार दो लाख रुपये तक के व्यवहार नकद रूप में किये जा सकते हैं| मंगलवार को यह विधेयक संसद में पेश किया गया था| बुधवार को भी इस विधेयक पर और सुधारों पर विस्तृत चर्चा की गई| इसके बाद ‘व्हॉईस वोट’ के द्वारा यह विधेयक मंजूर किया गया|

वित्त विधेयक

नया कर और कररचना में बदलाव करने के लिए वित्त विधेयक संसद में पेश किया जाता है| कररचना सरल करने के लिए ‘वस्तु और सेवा कर विधेयक-जीएसटी’ जल्द ही संसद में पेश किया जानेवाला है| जुलाई महीने से ‘जीएसटी’ की कार्रवाई पर अमल करने की सरकार की कोशिश है| इसके लिए ‘जीएसटी’ के लिए आवश्यक बदलाव वित्त विधेयक में करना ज़रूरी था| इसी कारण, इस विधेयक में रिकार्ड़ ४० संशोधन सुधार के लिए पेश किए गए थे| इनमें से २९ सुधार वित्तमंत्री ने दिए थे| लेकिन इन में से कुछ सुधारों के प्रति संसद में विरोध हुआ था| इस पृष्ठभूमि पर बुधवार को इस वित्त विधेयक पर संसद में चर्चा की गई|

वित्तमंत्री द्वारा दिए सभी सुझावों को लोकसभा में मंज़ुरी दी गई| इस विधेयक के अनुसार, अब आनेवाले समय में, आयटी रिटर्न के लिए आधार कार्ड ज़रूरी होगा| सरकार ने ये सुधार क्यो किए, इसका जवाब लोकसभा में चर्चा के समय केंद्रीय अर्थमंत्री अरुण जेटली ने दिया| कई लोग करचोरी करने के लिए एक से अधिक पॅनकार्ड का इस्तेमाल करते हैं| चार से पाँच पँनकार्ड बनवाकर इनके द्वारा कर चोरी की जाती है| अब आयटी रिटर्न भरते वक्त आधारकार्ड अनिवार्य किया जाने की वजह से, एक से ज़्यादा पॅनकार्ड का इस्तेमाल करके होनेवाली करचोरी पर लगाम कसा जायेगा, ऐसा स्पष्टीकरण वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दिया|

बदलते समय में, छिपे अर्थकारण को अर्थव्यवस्था में स्थान नहीं मिल सकता| इसके लिए ज़्यादा से ज़्यादा मात्रा में डिजिटायझेशन पर जोर दिया जा रहा है| इसके लिए रोख व्यवहार कम करने की ज़रूरत है| फरवरी महीने में अर्थसंकल्प पेश करते समय तीन लाख से ज़्यादा नकद व्यवहार को मंजुरी दी गई थी| लेकिन इसे प्रावधान में बदलाव करते हुए वित्त विधेयक में, एक अन्य सुधार के माध्यम से नकद व्यवहार की मर्यादा दो लाख तक की जा रही है, ऐसा वित्तमंत्री ने कहा| मंजूर किए गए सुधारों के अनुसार, दो लाख से ज़्यादा के नकद व्यवहार पर सही स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, तो सौ प्रतिशत जुर्माना लगने का प्रावधान है| यह जुर्माना नकद राशी लेनेवाले व्यक्ति को देना पडेगा|

इसके अलावा कंपनी कानून, कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम, तस्करी और विदेशी चलन कानून में भी इस वित्त विधेयक द्वारा कुछ सुधार किए गए हैं| ट्राय, सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम के सुधार भी बुधवार को लोकसभा में मंज़ूर किये गए| वित्त विधेयक के ये सुधार फरवरी महीने में पेश किए गए अर्थसंकल्पीय प्रावधानों के अनुसार है| इस वजह से व्यवहार में पादर्शकता बढ़ेगी| साथ ही, इन सुधारों की वजह से संबंधित विभाग और भी कार्यक्षम होंगे, ऐसा दावा भी सरकार की ओर से किया जा रहा है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.