ईरान के कुद्स फोर्सस के अधिकारियों पर अमेरिका के प्रतिबंध

वॉशिंग्टन – ईरान के साथ प्रमाणु समझौते पर दृढ होने के दावे करने वाले बायडेन प्रशासन ने ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स पर प्रतिबंध लगाना शुरु किया है। अमेरिका के कोषागार विभाग ने रिवोल्युशनरी गार्ड्स के कुद्स फोर्सेस के अधिकारियों को इन प्रतिबंधों के अंतर्गत लक्ष्य किया। इसके अलावा अमेरिका ने ’आयएस’, बोको हराम जैसे आतंकी संघटनों के सदस्यों को भी प्रतिबंधों की सूचि में रखा है।

अमेरिका के कोषागार विभाग से संबंधित ’टेररिस्ट फाइनान्सिंग टार्गेटिंग सेंटर- टीएफटीसी’ विभाग ने अफ्रीका और खाडी के आतंकी कार्यवाईयों से जुडे हुए संघटन एवं लोगों पर प्रतिबंधों की घोषणा की। टीएफटीसी विभाग आतंकी संघटनों को मिलने वाले पैसों पर ध्यान रखता है। खाडी स्थित अमेरिका के सहयोगी देश जैसे अरेबिया, युएई, बाहरीन, ओमान, कुवैत और कतार द्वारा इससे संबंधित जानकारी के आधार पर टीएफटीसी का अहवाल बनाया जाता है।

इस पृष्ठभूमि पर, टीएफटीसी ने घोषित किए हुए प्रतिबंधों की नई सूचि में १६ लोगों को शामिल किया गया है। इसमें ईरान के कुद्स फोर्सेस से संबंधित अली कासिर, मघदाद अमिनी और मुर्तज़ा हाशेमी का समावेश है। कासिर कुद्स फोर्सेस के खाडी की यंत्रणा में मुख्य अधिकारी माना जाता है। कासिर और मघदाद कुद्स फोर्सेस के आर्थिक व्यवहार संभालते हैं। मुर्तज़ा हाशेमी चीन स्थित ईरानी व्यापारी है। हाशेमी ने दो चीनी नागरिकों के नेटवर्क का इस्तेमाल करके अमेरिकन बनावट के साहित्य की खरीदारी की थी, ऐसा टीएफटीसी का कहना है।

तथा, बाहरीन के ईरान समर्थक सराया अल-अश्तर और सराया अल-मुख्तार नामक दोनों संघटनाओं पर भी प्रतिबंधों की कार्यवाही की। इसके अलावा इराक-सिरिया में प्रभाव वाले आयएस और नाइनेरिया के बोको हराम पर भी नए प्रतिबंध लगाए। पर अमेरिका के कोषागार विभाग की इस सूचि में ईरान संलग्न संघटनों का समावेश ध्यान आकर्षित कर रहा है।

पिछले पंद्रह दिनों में अमेरिका के कोषागार विभाग ने रिवोल्युशनरी गार्ड्स के कुद्स फोर्सेस पर दूसरी बार प्रतिबंध लगाए हैं। इस डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्राध्यक्ष के दौर में अमेरिका ने ईरान पर रिवोल्युशनरी गार्ड्स को आतंकी संघटन की सूचि में रखा था। अमेरिका के इस निर्णय पर ईरान ने टीका की थी। पर पिछले वर्ष से बायडेन प्रशासन ने प्रमाणु करार के लिए कदम उठाने के बाद ईरान ने रिवोल्युशनरी गार्ड्स को आतंकी संघटनों की सूचि से निकालने की मांग की थी। प्रमाणु करार के लिए ईरान की मांग मानने के संकेत बायडेन प्रशासन ने दिए थे। पर पिछले को दिनों से अमेरिका ने ईरान पर लगाए हुए प्रतिबंध अलग संकेत दे रहे हैं।

ईरान के प्रमाणु कार्यक्रम की गति भीषण पैमाने पर बढने का दावा अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणुऊर्जा आयोग कर रहा है। तो परमाणु करार के लिए ईरान ने बायडेन प्रशासन के समक्ष रखी हुई शर्तें निहायत कठोर हैं। इन्हें मानना बायडेन प्रशासन के लिए फिलहाल संभव नहीं है। क्योंकि, विरोधि पक्ष के साथ ही राष्ट्राध्यक्ष बायडेन के सत्ताधारी पक्ष के संसद सदस्य भी ईरान के खिलाफ कठोर भूमिका स्वीकारने की मांग कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में अमेरिका के कोषागार विभाग ने ईरान पर लगाए प्रतिबंध महत्वपूर्ण साबित हो रहे हैं।

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