‘ईस्ट चायना सी’ में चीन के ईंधन खनन पर जापान की आलोचना

टोकियो – चीन ने ‘ईस्ट चायना सी’ में शुरू किए ईंधन खनन पर जापान ने तीव्र नाराज़गी जतायी है। चीन की एकतरफा हरकतें निंदा का विषय हैं और जापान यह बात कभी स्वीकार नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी जापान के प्रधानमंत्री फुमिओ किशिदा ने दी। जापान के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर चीन के सामने राजनीतिक स्तर पर शिकायत दर्ज़ करने की बात भी सामने आयी है। अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के जापान दौरे की पृष्ठभूमि पर जापान और चीन के बीच शुरू हुआ यह विवाद ध्यान आकर्षित कर रहा है।

ईंधन खननपिछले कुछ सालों में चीन ने ‘साऊथ चायना सी’ के साथ ही ईस्ट चायना सी में अपनी गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। चीन के विमान, पनडुब्बियाँ, गश्तपोत एवं युद्धपोत जापान के समुद्री सीमा में लगातार घुसपैठ करते देखे गए हैं। कुछ दिन पहले चीन के विमान वाहक ‘लिओनिंग’ युद्धपोत और आठ विध्वंसकों ने जापान के ओकिनावा द्विप के करीब यात्रा की थी। इससे पहले चीन और रशिया के संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान चीन के युद्धपोतों ने जापान के समुद्री क्षेत्र के करीब गश्त लगायी थी। चीन की यह गतिविधियाँ जापान को चेतावनी देने का हिस्सा है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है।

ईंधन खननकुछ दिन पहले चीन के दल ने ‘ईस्ट चायना सी’ के विवादित समझे जा रहे क्षेत्र में ईंधन खनन की गतिविधियाँ शुरू की थीं। इस क्षेत्र पर जापान और चीन दोनों ने हक जताया है। साल २००८ में इस मुद्दे पर हल निकालने के लिए समझौता भी हुआ था। लेकिन, इसके कार्यान्वयन को लेकर विवाद होने से तनाव बना था। इसके बावजूद चीन ने ‘ईस्ट चायना सी’ में लगभग १७ ठिकानों पर ईंधन खनन के लिए यंत्रणाएँ लगायी थी। जापान के लगातार विरोध के बावजूद चीन ने अपनी गतिविधियाँ बंद नहीं की हैं।

इस वजह से जापान ने अब अधिक आक्रामक भूमिका अपनाने के संकेत दिए हैं। अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष जापान दौरा शुरू कर रहे हैं और इसी बीच जापान के प्रधानमंत्री ने चीन की आलोचना करके तीव्र नाराज़गी व्यक्त करना इसी का हिस्सा बनता है। बायडेन के जापान दौरे में चीन की गतिविधियाँ ही प्रमुख मुद्दा रहेगा। इस पृष्ठभूमि के मद्देनज़र जापान के प्रधानमंत्री ने बड़ी आग्रहता से चीन की हरकतों पर ध्यान आकर्षित किया है, ऐसा माना जा रहा है।

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