‘एलएसी’ पर भारत-चीन के बीच काफी तनाव है – अमरीका के इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख का दावा

वॉशिंग्टन/नवी दिल्ली/बीजिंग – भारत और चीन के लद्दाख की ‘एलएसी’ पर विवाद पिछले चार दशकों में कभी नहीं था उतना बढा हैं, ऐसा अमरीका कह रही है| अमरिकी नौसेना के ‘इंडो-पैसिफिक’ कमांड के प्रमुख एडमिरल जॉन ऐक्विलिनो ने अमरिकी संसद के सामने सुनवाई के दौरान यह जानकारी साझा की| एक ओर चीन जल्द ही भारत के साथ होनेवाले चर्चा के १५ वें दौर में ‘एलएसी’ का तनाव खत्म होगा, यह दावा कर रहा है, तो दूसरी ओर अमरीका चीन का भारत के लिए खतरा रेखांकित कर रहा है| यूक्रैन में युद्ध जारी है और इसी बीच भारत का सहयोग अमरीका और चीन को भी अहम महसूस होने के संकेत मिल रहे हैं|

‘एलएसी’ पर भारत-चीन के बीच काफी तनाव है - अमरीका के इंडो-पैसिफिक कमांड के प्रमुख का दावालद्दाख सीमा विवाद का हल निकालने के लिए भारत और चीन की सेनाओं की चर्चा का १५ वां दौर शुक्रवार से शुरू हो रहा है| इस चर्चा से पहले चीन ने भारत को लेकर आक्रामक भूमिका छोड़कर कुछ हद तक नरमी बरती हुई दिख रही है| सोमवार को चीन के विदेशमंत्री वैंग ई ने सीमा विवाद का व्यापक द्विपक्षीय संबंधों पर असर नहीं होना चाहिये, यह आवाहन किया था| इसके बाद भारत और चीन के हित समान हैं और दोनों देशों के सहयोग के लिए काफी बड़े अवसर उपलब्ध हैं, यह दावा चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने किया था| साथ ही इस चर्चा से दोनों देशों के लिए सहमत हल निकलेगा, यह विश्‍वास भी उन्होंने व्यक्त किया था|

चीन में आए यह बदलाव यूक्रैन के युद्ध से संबंधित होने की बात दिख रही है| अमरीका ने यूक्रैन में सेना घुसाने पर रशिया के खिलाफ काफी सख्त प्रतिबंध लगाए हैं| इसका रशिया की अर्थव्यवस्था के अलावा रशिया से कारोबार करनेवाले अन्य देशों को नुकसान पहुँच सकता है| चीन रशिया का बड़ा व्यापारी भागीदार देश है| इस वजह से रशिया के साथ व्यापारी सहयोग रखनेवाली चीनी कंपनियों को भी लक्ष्य करने की धमकी अमरीका दे रही है| इस वजह से चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग विचलित होने के दावे किए जा रहे हैं|

इसके बावजूद रशिया के साथ जारी सहयोग तोड़ने का निर्णय चीन नहीं कर सकता| साथ ही अमरीका के प्रतिबंधों को अनदेखा करना भी चीन के लिए संभव नहीं होगा| इसलिए अमरीका में चीन से हो रहा अरबों डॉलर्स का निर्यात पर असर पड सकता है| ऐसी स्थिति में भारत जैसे प्रमुख देश से सहयोग जारी रखना चीन के हित में होगा| इसका अहसास होने पर चीन ने लद्दाख के सीमा विवाद का समझदारी से हल निकालना मुमकिन होगा, यह संदेश भारत को दिया है| लेकिन, भारत का चीन के साथ जारी तनाव अमरीका के

हित में रहेगा और इससे अमरीका के रणनीतिक सहयोग को भारत अधिक अहमियत देगा, यह विचार अमरीका रखती हैं| इसी कारण अमरीका पिछले कुछ दिनों से भारत के लिए चीन से होनेवाला खतरा बढ़ रहा है, ऐसे संकेत दे रही है|

अमरिकी नौसेना के ‘इंडो-पैसिफिक’ कमांड के प्रमुख एडमिरल जॉन ऐक्विलिनो का यह बयान यही बात रेखांकित कर रहा है| अमरिकी संसद की सुनवाई के दौरान रक्षा विभाग के अधिकारी एली रैटनर ने भी भारत और चीन के एलएसी पर जारी तनाव की ओर अमरीका बारिकी से नज़र रखकर होने की बात कही| साथ ही सीमा पर तनाव होने की स्थिति में चीन की वजह से भारत को कठिन स्थिति का मुकाबला करना होगा, यह दावा रैटनर ने किया और चीन के खिलाफ अमरीका ने तुरंत भी भारत को खुफिया जानकारी एवं अन्य ज़रूरी सामान की आपूर्ति की थी, ऐसा सूचक बयान रैटनर ने किया हैं|

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