भारत-यूएई ने किया मुक्त व्यापार समझौता

नई दिल्ली – भारत और संयूक्त अरब अमीरात ‘यूएई’ ने मुक्त व्यापार समझौता किया है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के क्राऊन प्रिन्स ‘मोहम्मद बिन ज़ाएद अल नह्यान’ की मौजूदगी में आयोजित वर्चुयल समारोह में यह समझौता हुआ| इस वजह से भारत और यूएई का व्यापार अगले पांच वर्षों में बढ़कर १०० अरब डॉलर्स तक पहुँचेगा, यह विश्‍वास जताया जा रहा है| मई के पहले हफ्ते से इस समझौते का कार्यान्वयन शुरू होगा|

मुक्त व्यापार समझौतायूएई, भारत का तीसरे स्थान का व्यापारी भागीदार देश है| तो, भारत से सबसे अधिक निर्यात हो रहे देशों की सूचि में यूएई दूसरे स्थान पर होने की बात कही जाती है| वर्ष २०१९-२० के वित्तीय वर्ष में भारत और यूएई का द्विपक्षीय व्यापार ५९.११ अरब डॉलर्स तक पहुँचा था| कोरोना की महामारी के कारण कारोबार ठंड़ा पडने के बावजूद वर्ष २०२०-२१ में दोनों देशों के बीच ४३ अरब डॉलर्स का व्यापार हुआ| इस साल भारत ने यूएई को १६ अरब डॉलर्स से अधिक का निर्यात किया था|

पिछले वर्ष सितंबर में भारत और यूएई की मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा का ऐलान किया गया था| यह चर्चा कामयाब रही और शुक्रवार को दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता हुआ| भारत के वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल एवं यूएई के मिनिस्टर ऑफ इकॉनॉमी ‘अब्दुला बिन तौक अल मारी’ ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए| इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान किया कि, कोरोना की महामारी के बावजूद यूएई ने अपने देश में भारतीय नागरिकों का विशेष ध्यान रखा था| इस पर प्रधानमंत्री ने यूएई के प्रति आभार व्यक्त किया|

इसके अलावा भारत के साथ यूएई के ताल्लुकात सुधारने के लिए क्राऊन प्रिन्स ‘मोहम्मद बिन ज़ाएद अल नह्यान’ ने निजी स्तर पर कोशिश की है, ऐसा कहकर उनकी सराहना की गई| यह समझौता संतुलित है और यह दोनों देशों को काफी बड़े व्यापारी अवसर उपलब्ध कराएगा| इस समझौते की वजह से भारत-यूएई व्यापारी सहयोग का सूवर्ण पर्व शुरू हुआ है, ऐसा भारत के वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल ने कहा| इसके अलावा भारतीय विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने इस समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि, इस समझौते की वजह से दोनों देश गौरवशाली भविष्य के भागीदार बनेंगे|

ईंधन और ईंधन वायु के निर्यात पर निर्भर खाड़ी देशों को आनेवाले दिनों में ईंधन के निर्यात पर निर्भर रहना संभव नहीं होगा, इसका अहसास हुआ है| इसी वजह से इन देशों ने अपनी अर्थव्यवस्था की क्षमता और दायरा बढ़ाने की जोरदार कोशिश शुरू की है और इसमें यूएई सबसे आगे है| यूएई का भारत के साथ यह सहयोग केवल व्यापारी नहीं है बल्कि, रणनीतिक स्तर पर भी दोनों देश एक-दूसरे की सहायता कर रहे हैं| भारत, अमरीका, इस्रायल और यूएई का स्वतंत्र गुट स्थापित हुआ है और इसे पश्‍चिमी एशिया का ‘क्वाड’ कहा जा रहा है| इस संगठन पर भारत और यूएई के मुक्त व्यापारी समझौते का सकारात्मक असर होता दिखाई देगा, यह विश्‍वास भारत के विदेशमंत्री ने व्यक्त किया|

यूएई ने भारत में तकरीबन ७५ अरब डॉलर्स निवेश करने का ऐलान किया था| इसके अलावा, दोनों देश रक्षा, प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष एवं सायबर क्षेत्र में एक-दूसरे की सहायता कर रहे हैं| ऐसी स्थिति में दोनों देशों के बीच यह मुक्त व्यापार समझौता आनेवाले दिनों में काफी अहम भूमिका निभाएगा| यूएई को अफ्रीका का प्रवेशद्वार माना जाता है| इसकी वजह से यूएई के संबंध से भारत और अफ्रीकी देशों के व्यापार को भी लाभ होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं|

ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, कैनाड़ा और इस्रायल के अलावा ही भारत की मुक्त व्यापार समझौता पर बातचीत जारी है| यूरोपिय महासंघ भी भारत से मुक्त व्यापार समझौते पर चर्चा कर रहा है| अगले वित्तीय वर्ष में तकरीबन ४५० से ५०० अरब डॉलर्स निर्यात का ध्येय भारत ने निर्धारित किया है| यूएई की तरह इन देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता हुआ तो भारत को यह ध्येय प्राप्त करने में आसानी होगी| अगले आठ वर्षों में भारत का निर्यात एक ट्रिलियन डॉलर्स तक पहुंच सकता है, यह दावा ‘कॉन्फेड़रेशन ऑफ इंड़ियन इंडस्ट्री’ (सीआईआई) ने हाल ही में किया था| इस मुद्दे पर जारी की गई रपट में ‘सीआईआई’ के प्रमुख ने विभिन्न देशों के साथ होनेवाले मुक्त व्यापारी समझौते की अहमियत रेखांकित की थी|

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