एलएसी पर भारत-चीन चर्चा का प्रभाव हुआ नहीं दिख रहा है – विदेश मंत्री एस. जयशंकर

अमरावती – लद्दाख की एलएसी पर बना तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच अब तक चर्चा के ९ सत्र संपन्न हुए हैं। इस चर्चा का प्रभाव एलएसी पर हुआ नहीं दिख रहा है, ऐसा विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया। चीन भारत के साथ भले ही चर्चा कर रहा हो, लेकिन चीन लद्दाख की एलएसी पर तैनात अपने जवानों को वापस बुलाने के लिए तैयार नहीं है, इस कारण तनाव खत्म होने की संभावना नहीं है, ऐसा विदेशमंत्री जयशंकर अलग शब्दों में बता रहे हैं। इससे पहले वर्तमान और पूर्व लष्करी अधिकारियों ने भी यह निष्कर्ष दर्ज किया था कि लद्दाख की एलएसी पर बना तनाव इतनी जल्दी कम नहीं होगा।

गत ९ महीने से भी अधिक समय से लद्दाख की एलएसी पर विवाद जारी है। अब तक इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों देशों के बीच चर्चा के ९ सत्र संपन्न हुए हैं। फिर भी उससे कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी है। चर्चा का नौंवा सत्र खत्म होने के बाद भी एलएसी पर उसका प्रभाव हुआ नहीं दिख रहा है, ऐसा कहकर विदेशमंत्री ने ये संकेत दिए कि चीन भारत के साथ सहयोग की नहीं, बल्कि अड़ियल भूमिका अपना रहा है। जब तक लद्दाख की एलएसी पर अप्रैल महीने से पहले की स्थिति निर्माण नहीं होगी, तब तक भारत इस क्षेत्र से सेना वापस नहीं लेगा, ऐसी भारत की भूमिका है। इस बारे में समझौता संभव नहीं है, ऐसा भारत ने समय-समय पर चर्चा में स्पष्ट किया था।

लेकिन भारत लद्दाख की एलएसी से इकतरफा सेना वापस ले लें, ऐसी मांग चीन द्वारा की जा रही है। इस कारण, अब तक हुई चर्चा से कुछ भी निष्पन्न नहीं हो सका है। उल्टा चर्चा की प्रक्रिया शुरू रहते समय, लद्दाख की एलएसी पर बड़े पैमाने पर टैंकों की तैनाती करके और उनकी गतिविधियां करके चीन भारत पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा सामने आया था। लेकिन भारत ने चीन को उसी भाषा में प्रत्युत्तर देने की पूरी तैयारी कर रखी है। विदेशमंत्री जयशंकर ने इस बात का पुनरुच्चार किया।

पिछले साल लद्दाख की एलएसी पर जो कुछ हुआ, उसके बाद भारत ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सेना तैनाती की है। चीन की चुनौती का सामना करने के लिए भारत ने यह फैसला किया है ऐसा बताकर, चीन लष्करी ताकत पर एलएसी की परिस्थिति बदल नहीं सकेगा, ऐसा संदेश विदेशमंत्री जयशंकर ने दिया है। इससे पहले भी भारत के रक्षा मंत्री ने, चीन की हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, यह जताया था। वहीं, वायुसेनाप्रमुख आरकेएस भदौरिया ने, भारत के विरोध में पाकिस्तान से हाथ मिलाने की तैयारी में होने वाले चीन को अपनी ताकत पर विश्वास नहीं रहा, ऐसी फटकार लगाई थी।

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