‘ओआयसी’ में भारत का समर्थन करके सौदी-यूएई ने लगाई पाकिस्तान को फटकार

दुबई – भारत पर ‘इस्लामफोबिया’ का आरोप कर रहें पाकिस्तान को बड़ी मुँह की ख़ानी पड़ी है। इस्लामिक देशों का संगठन ‘ऑर्गनायझेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन’ (ओआयसी) में भारत के विरोध में दुष्प्रचार करने के लिए मुहिम चलाने की पाकिस्तान की कोशिश, इस संगठन के प्रमुख सदस्य देशों ने ही नाकाम की है। सौदी अरब और संयुक्त अरब अमिरात (यूएई) ये दो प्रमुख सदस्य देश ‘ओआयसी’ में भारत के समर्थन में खड़े रहे। इससे पहले भारत के पड़ोसी मालदीव ने इस संगठन में भारत का जोरदार समर्थन किया था।

‘भारत इस्लामफोबिया को बढ़ावा दे रहा है। जम्मू-कश्‍मीर में भी भारत के अत्याचार शुरू हैं’ ये आरोप पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अक्रम ने संयुक्त राष्ट्रसंघ में किए थे। इसके ज़रिये इस्लामी देशों का समर्थन प्राप्त करके ‘ओआयसी’ में भारत को घेरने की चाल पाकिस्तान ने चली थी। इसके लिए पाकिस्तान ने अरब देशों के विश्‍लेषकों को पैसों की घुस देने की ख़बरें भी सामने आयी थीं। ‘ओआयसी’ में भारत के विरोध में प्रस्ताव पारित करके संयुक्त राष्ट्रसंघ में इस प्रस्ताव का बतौर हथियार इस्तेमाल करने की साज़िश पाकिस्तान ने रची थी। लेकिन, पाकिस्तान की इन कोशिशों को ‘ओआयसी’ में ही झटका लगा।

सबसे पहले मालदीव ने, पाकिस्तान ने रखें आरोप ठुकराए। भारत दुनिया में सबसे बड़ा जनतंत्र होनेवाला देश है और इस देश में बीस करोड़ से भी अधिक इस्लामधर्मी होने की बात मालदीव ने कही थी। भारत पर ऐसा आरोप रखना इस क्षेत्र की धार्मिक एकता के लिए खतरा साबित होगा, ऐसी चेतावनी भी मालदीव ने दी थी। इतना ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान अपनी भारतविरोधी भूमिका में बदलाव करें और इस क्षेत्र के देशों को साथ लेकर काम करें, यह फटकार भी मालदीव ने लगाई थी। इसके कुछ ही घंटों में, सौदी अरब एवं यूएई ने मालदीव की इसी भूमिका का समर्थन किया हुआ दिख रहा है। साथ ही, ओमान ने भी भारत के अंदरूनी मामलों में दखलअंदाज़ी करना ग़लत होगा, यह कहकर पाकिस्तान को तमाचा मारा है।

इससे पहले पाकिस्तान के पक्ष में, भारत के विरोध में आक्रामक भूमिका अपनानेवाले मलेशिया की भूमिका में भी अब बदलाव होने की बात ‘ओआयसी’ की इस बैठक में स्पष्ट हुई। कुछ महीनें पहले ही पाकिस्तान, तुर्की और मलेशिया ने एकसाथ होकर भारत के विरोध में जोरदार कैम्पेन शुरू किया था। ‘सौदी-यूएई’ का प्रभाव होनेवाले ‘ओआयसी’ को चुनौती देने के लिए मलेशिया ने स्वतंत्र बैठक का आयोजन भी किया था। इसके बाद भारत और मलेशिया के संबंधों में तनाव बना था। लेकिन, अब मलेशिया में सरकार बदल चुकी है और इस नई सरकार ने भारत के साथ पहले जैसे संबंध स्थापित करने की दिशा में सही कदम बढ़ाए हैं। ‘ओआयसी’ की बैठक में भारत के पक्ष में भूमिका अपनाकर भारत को एक और सकारात्मक संदेशा दिया गया है।

इसी बीच, वर्णित बैठक में ‘यूएई’ ने भारत का पक्ष लेकर पाकिस्तान की उम्मीदों को तोड़ा है। इससे पहले यूएई के शाही परिवार के कुछ सदस्यों ने भारत के विरोध में बयान किया था। इसे अतिरंजित पब्लिसिटी देकर पाकिस्तान के माध्यमों ने, यूएई भारत के विरोध में जाने के दावे किए थे। यूएई के साथ अब खाड़ी क्षेत्र के अन्य देश भी भारत के विरोध में खड़े होंगे और खाड़ी देशों में काम कर रहें लाखों भारतीय नागरिकों को वहाँ से वापस भेजा जायेगा, ऐसें सपने पाकिस्तानी विश्‍लेषक देखने लगे थे। लेकिन, यूएई ने ‘ओआयसी’ में भारत के पक्ष में खड़े रहकर पाकिस्तान को सच्चाई का एहसास कराया है।

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