अरुणाचल प्रदेश में तवांग के ‘एलएसी’ पर चीनी सेना की घुसपैठ की साज़िश नाकाम की गई

नई दिल्ली – अरुणाचल प्रदेश में तवांग के ‘एलएसी’ पर चीन के सैनिकों ने दस दिन पहले घुसपैठ करने की कोशिश की। लेकिन, भारतीय सैनिकों ने चीनी सैनिकों को रोका और इस दौरान वहां पर दोनों देशों के सैनिकों की मुठभेड़ होने की जानकारी स्थानीय नागरिकों ने साझा की। इस दौरान भारतीय सैनिकों ने कुछ समय के लिए चीन के सैनिकों को हिरासत में रखा था, यह जानकारी भी कुछ वृत्तसंस्थाओं ने प्रदान की है। लेकिन, अभी इसकी पुष्टी नहीं हुई है। इस घटना की हमें कुछ भी जानकारी ना होने का बयान करके चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन ने अपना पक्ष संभाल लिया। इसी बीच लद्दाख के ‘एलएसी’ के करीब चीन ने तैनात किए वरिष्ठ सेना अधिकारी की वहां का मौसम बर्दाश्‍त ना होने के कारण बिमार होने से मौत की खबरें प्राप्त हुई हैं।

तवांगलद्दाख के ‘एलएसी’ पर विवाद कम करने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ सेना अधिकारीयों की जल्द ही बातचीत होगी। इस तरह की चर्चा से पहले चीन की सेना भारतीय सीमा में घुसपैठ करके वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रही है। दस दिन पहले चीन की सेना ने अरुणाचल प्रदेश में तवांग की सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की। वहां पर भारतीय सेना ने निर्माण किए बंकर्स नष्ट करने की साज़िश चीनी सैनिकों ने करने की बात कुछ वृत्तसंस्थाओं ने कही है। लेकिन, इस कोशिश में उन्हें सफलता हासिल नहीं हुई। भारतीय सैनिकों ने चीन के सैनिकों को रोका और इस बीच दोनों सैनिकों की मुठभेड़ भी हुई। कुछ वृत्तसंस्थाओं के दावों के अनुसार भारतीय सेना ने चीन के सैनिकों को कुछ समय के लिए हिरासत में रखा था। लेकिन, कुछ समय बाद उन्हें रिहा किया गया, यह जानकारी इन वृत्तसंस्थाओं ने प्रदान की है।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिआन से माध्यमों ने इस घटना को लेकर सवाल किए थे। लेकिन, इसकी हमें कुछ भी जानकारी ना होने का बयान करके लिजिआन ने पक्ष संभाला। इस वजह से चीन संबंधित घटना की जानकारी छुपा रहा है या इसका ज़िक्र करके चीन को अपने पीछे हटने की जानकारी सार्वजनिक नही करनी है, यह स्पष्ट हो रहा है। अगस्त के अन्त में चीन के सैनिकों ने उत्तराखंड़ के बाराहोटी की सीमा से घुसपैठ करके एक पुल को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की थी। लेकिन, इस दौरान भारतीय सैनिकों से अपना सामना नहीं होगा, इसका ध्यान चीन के सैनिकों ने रखने की बात भी सामने आयी थी। क्योंकि, भारतीय सैनिक वहां पर दाखिल होने से पहले ही चीनी सैनिक वहां से भाग खड़े हुए थे।

बीते कुछ महीनों से लद्दाख के सीमा विवाद में अपनी सेना भारत के सामने कमज़ोर साबित होने का अहसास चीन को बेचैन कर रहा है। इसी दौरान चीन के नेतृत्व ने लद्दाख के ‘एलएसी’ का ज़िम्मा देकर विशेष नियुक्ति पर रवाना किए हुए जनरल झैंग शुदौंग की मौत होने का वृत्त है। लद्दाख का मौसम बर्दाश्‍त ना होने से उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया और इसी से उनकी मौत होने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही उनके स्थान पर चीनी सेना के वेस्टर्न कमांड़ का ज़िम्मा संभालने के लिए जनरल शू किलिंग की नियुक्ति हुई। उन्हें भी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा कहा जा रहा है। इस वजह से उनके स्थान पर अब जनरल वैंग हायजियांग की नियुक्ति होगी, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं।

केवल यह वरिष्ठ अधिकारी ही नहीं, बल्कि लद्दाख क्षेत्र में तैनात चीनी सेना के कनिष्ठ अधिकारी और भारी संख्या में सैनिक भी बिमार होने की बात चीन के लष्करी विश्‍लेषक झाओ चेनमिंग ने स्वीकार की है। चीन के अखबार को दिए गय साक्षात्कार में उन्होंने इस बात को स्वीकार किया। इस वजह से लद्दाख के ‘एलएसी’ पर भारतीय सेना से टकराने की क्षमता ही चीनी सेना नहीं रखती, यह बात अब पूरे विश्‍व में फैल चुकी है। चीनी सैनिकों के मनोबल पर भी इसका असर पड़ा है और इस पर हावी होकर ‘एलएसी’ पर बड़ा पराक्रम करने का आभास चीन की सेना को निर्माण करना है। यह चीन के नेतृत्व की प्रतिष्ठा का मुद्दा बना है और इस मोर्चे पर भारत के खिलाफ कुछ भी करना चीन की सेना को मुमकिन नहीं हुआ हैं। इसी वजह से चीनी सेना घुसपैठ करने की कोशिश करके अपनी प्रतिष्ठा दोबारा प्राप्त करने जुटी हुई है।

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