इराकी सेना के मोसूल पर के हमले रोकने के लिए ‘आयएस’ ने किया केमिकल प्लान्ट में विस्फोट

बगदाद, दि. २४ (वृत्तसंस्था) – इराक के मोसूल में करीब ३०० लोगों की कूरतापूर्वक हत्या करने के बाद ‘आयएस’ के आतंकियों ने इस शहर में सल्फर गॅस से भरे हुए केमिकल प्लान्ट को विस्फोट के जरिए ध्वस्त किया| इराकी और अमरिकी सेना के मोसूल की ओर बढ़ते कदमों को रोकने के लिए ‘आयएस’ ने यह विस्फोट किया| इसमें दो लोग मारे गये होकर, हज़ार से भी अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया हैं| ‘आयएस’ मोसूल में रासायनिक हमले करेगा, ऐसी चेतावनी इससे पहले ही दी गई थी|

मोसूलइराकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, मोसूल शहर के ‘मिसराक’ इलाके के केमिकल प्लान्ट में रखे गये सल्फर को आतंकियों ने जलाया| इस कारण पीले रंग के धुएँ की मोटी परत तैयार हुई, जिससे स्थानिकों को साँस लेने में तकलीफ़ हुई| कुछ लोगों की नाक से खून बहने लगा; वहीं, कुछ लोगों को खाँसी की बड़ी तकलीफ़ हुई| मोसूल शहर से बाहर निकलनेवाले इन नागरिकों को जल्द ही पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया|

इन परिस्थितियों के कारण इराकी और अमरिकी सैनिकों को ‘गॅस मास्क’ लगाकर आगे की कार्रवाई करनी पड़ रही है| ‘आयएस’ के इन रासायनिक हमलों से मोसूल में इराकी सेना की कार्रवाई की गति धीमी पड़ गई है, ऐसी जानकारी इराकी सेना के वरिष्ठ अधिकारी जनरल ‘कुसे हमीद काधेम’ ने दी| इससे पहले भी ‘आयएस’ ने इस प्रकार से रासायनिक हमले किए थे| इराकी जनता और इराकी तथा कुर्द सैनिकों को निशाना बनाते हुए ‘आयएस’ ने मस्टर्ड गॅस के हमले किए थे| मोसूल के अस्पतालों, विद्यापीठों से रासायनिक द्रव्य ‘आयएस’ द्वारा चुराए गए हैं|

साथ ही, सद्दाम हुसेन के समय इस्तेमाल किए गए, रासायनिक बमनिर्माण किए जानेवाले ठिकाने पर भी ‘आयएस’ ने कब्जा कर लिया, ऐसी जानकारी सामने आई थी| इन रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल कर ‘आयएस’ इराक में बड़ा आतंक मचाने की तैयारी में है, ऐसी चेतावनी भी दी गई थी| लेकिन ‘आयएस’ रासायनिक हथियारों से लैस है, इस मुद्दे पर अमरीका में ही दोराय प्रदर्शित हो रही है|

तुर्की की सेना भी इराक के मोसूल संघर्ष में शामिल हुई है| तुर्की के तोपों ने सोमवार को मोसूल स्थित ‘आयएस’ के ठिकानों को निशाना बनाया, ऐसी जानकारी तुर्की सरकार ने प्रकाशित की| मोसूल के ‘वशिका’ इलाके पर हमले किए गए|  तुर्की सेना ‘आयएस’विरोधी संघर्ष में सहभागी हों, ऐसी माँग कुर्द सेना द्वारा की गई थी| उसी के बाद तुर्की ने ये हमले किए, ऐसा तुर्की के प्रधानमंत्री ‘बिनाली यिल्दिरीम’ ने कहा है| लेकिन तुर्की की इस कार्रवाई को इराक सरकार का विरोध कायम है|

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