सौदी में ९० हज़ार टन युरेनियम का भंड़ार मौजूद – ब्रिटीश समाचार पत्र की जानकारी

रियाध – सौदी अरब में कम से कम ९० हज़ार टन युरेनियम का भंड़ार मौजूद हैं। सौदी के परमाणु केंद्र के लिए आवश्‍यक परमाणु र्इंधन का निर्माण करने के लिए यह भंड़ार पर्याप्त हैं और सौदी अतिरिक्त युरेनियम का निर्यात भी कर सकता है। चीनी भूगर्भ वैज्ञानिक ने तैयार किए रपट में दर्ज़ जानकारी ब्रिटेन के शीर्ष समाचार पत्र ने प्रसिद्ध की है। ईरान के साथ परमाणु हथियारों की होड़ में उतरा सौदी इस युरेनियम का इस्तेमाल करके अपने परमाणु हथियारों के निर्माण का कार्यक्रम चला सकता है, ऐसी चिंता अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक व्यक्त कर रहे हैं। चीन की सहायता से परमाणु कार्यक्रम चला रहा सौदी परमाणु बम का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसी चिंता अमरीका ने बीते महीने में ही व्यक्त की थी।

सौदी अरब और चायना में हुए परमाणु समझौते के अनुसार इस परमाणु केंद्र के लिए आवश्‍यक युरेनियम का अनुसंधान हाल ही में पूरा हुआ। ‘बीजिंग रिसर्च इन्स्टिट्युट ऑफ युरेनियम जिओलॉजी’ और ‘चायना नैशनल न्युक्लिअर कॉर्पोरेशन’ ने सौदी की कंपनियों के साथ इस अनुसंधान का कार्य पूरा किया। सौदी में युरेनियम का पर्याप्त भंड़ार होने का ऐलान पहले ही किया गया था। लेकिन, सौदी और चीन के भूगर्भ वैज्ञानिकों ने तैयार किए रपट के अनुसार सौदी के तीन ठिकानों पर ९० हज़ार टन से अधिक युरेनियम का भंड़ार बरामद हुआ है। नियोम शहर के उत्तरी ओर युरेनियम का सबसे बड़ा खदान देखा गया है। सौदी के परमाणु कार्यक्रम के लिए यह काफी बड़ी गतिविधि है और इसके आगे सौदी को युरेनियम के लिए किसी भी देश पर निर्भर नहीं रहना होगा।

वर्ष २०१९ में किए गए सर्वे के अनुसार सौदी में बड़ी मात्रा में युरेनियम का भंड़ार होने की बात स्पष्ट हुई थी। इसमें से आवश्‍यक युरेनियम अपने परमाणु केंद्र के लिए रखकर सौदी ने अतिरिक्त युरेनियम का भंड़ार निर्यात करने के संकेत भी दिए थे। लेकिन, युरेनियम को लेकर आत्मनिर्भर बना सौदी परमाणु र्इंधन में युरेनियम की मात्रा बढ़ाकर लष्करी परमाणु कार्यक्रम चला सकता है, यह इशारा भी ‘कार्नी एन्डॉमेंट फॉर पीस’ नामक अंतरराष्ट्रीय अभ्यासगुट के वरिष्ठ विश्‍लेषक मार्क हिब्स ने दिया। तभी सौदी ने जिस आक्रामकता से अपना परमाणु कार्यक्रम चलाया है, इसे देखें तो युरेनियम का इस्तेमाल करके सौदी परमाणु हथियारों का निर्माण करने की कोशिश कर सकता है, ऐसा दावा ‘ब्रुकिंग्ज इन्स्टिट्युशन’ के अभ्यासक ब्रुस रिडल ने किया।

वर्ष २०१८ में सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने ईरान परमाणु हथियारों से सज्जित होने पर सौदी भी पीछे नहीं रहेगा, यह घोषित किया था। इस बात की याद ब्रिटीश समाचार पत्र ने ताज़ा की। चीन के साथ परमाणु सहयोग सौदी को परमाणु हथियारों से सज्जित होने की ओर ले जा सकता है, यह बात इस समाचार पत्र ने कही है। ऐसा होने पर सौदी-चीन के इस परमाणु सहयोग पर अमरीका, इस्रायल तीखी प्रतिक्रिया कर सकते हैं। संयुक्त अरब अमीरात की तरह सौदी भी अंतरराष्ट्रीय निरीक्षकों के दायरे में अपना परमाणु कार्यक्रम चलाए, यह आवाहन बीते महीने में ही अमरीका ने किया था। तथा इस्रायल ने भी सौदी-चीन परमाणु सहयोग पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की थी।

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