पाकिस्तान तालिबान की सहायता से ‘डेथ स्क्वाड’ चला रहा है – तालिबान के पूर्व प्रवक्ता का दावा

इस्लामाबाद – पाकिस्तान की सरकार और सेना आतंकियों की सहायता से विरोधकों की आवाज़ दबाने के लिए ‘डेथ स्क्वाड’ चलाने की जानकारी सामने आई है। तालिबान का प्रवक्ता रहा एहसानुल्लाह एहसान ने प्रसिद्ध किए नए वीडियो में यह आरोप किया। पाकिस्तानी सेना ने अपने विरोधकों की हिटलिस्ट तैयार करके हमें दी थी, यह जानकारी एहसान ने दी है। इस वजह से पाकिस्तान और आतंकियों के बीच हो रही सांठगांठ फिर से स्पष्ट हुई है।

ehsanullah-ehsanएहसानुल्लाह एहसान ने दो दिन पहले ही 12 मिनिटों का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया था। इस वीडियो में पाकिस्तान की सेना के साथ रहें संबंध, उन्होंने दी हुई हिटलिस्ट और आगे हुए पलायन की जानकारी एहसान ने साझा की है। ‘पाकिस्तान की सरकार और सेना ने विरोधियों को ख़त्म करने के लिए हिटलिस्ट तैयार की थी। इस लिस्ट में खैबर-पख्तून प्रांत के नेता, अधिकारी और पत्रकारों का समावेश था। इस डेथ स्क्वाड का नेतृत्व अपने हाथ में दिया था’, यह जानकारी भी एहसान ने साझा की।

इसके लिए पाकिस्तानी सेना की गुप्तचर यंत्रणा के अधिकारी अपने संपर्क में थे, यह बात भी एहसान ने कही है। लेकिन, आतंकवाद छोड़कर शांति से जीने की मंशा थी, इसी वजह से इस ‘डेथ स्क्वाड’ का नेतृत्व करने से इन्कार किया था, यह बात भी एहसान ने स्पष्ट की। आगे पाकिस्तानी सेना के साथ हुए समझौते के अनुसार कोई भी आरोप रखे बिना हमें नज़रबंद किया गया। साथ ही पाकिस्तानी सेना की आर्थिक सहायता भी प्राप्त होती रही, यह दावा एहसान ने इस वीडियो में किया है। अगले कुछ दिनों में ही अपनी इस नज़रबंदी से रिहाई होने की बात उसने कही।

फिलहाल एहसान कहां पर है, यह स्पष्ट नहीं हो सका है। पाकिस्तानी सेना ने उसे तुर्की में छुपाया है, यह दावा पाकिस्तान के कुछ माध्यम कर रहे हैं। तभी पाकिस्तानी सेना एहसान ने रखे आरोप ठुकरा रही है। आतंकवाद के विरोध में कार्रवाई करने के दौरान एहसान हमारी कैद से फरार होने का दावा पाकिस्तानी सेना कर रही है। इस वजह से तालिबान के भूतपूर्व कमांडर ने किया हुआ दावा बेबुनियाद होने का बयान पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने किया है।

इसी बीच, पाकिस्तान की सरकार और सेना अपने विरोधकों को ख़त्म कर रहे हैं या उन्हें गायब कर रहे हैं यह आरोप फिलहाल जोर पकड़ रहा है। बीते महीने में दो पाकिस्तानी पत्रकारों के खिलाफ़ हुई कार्रवाई से यह आलोचना और भी तीव्र हुई है। तभी पाकिस्तानी सेना और गुप्तचर यंत्रणा ‘आयएसआय’ सिंध, बलोचिस्तान और खैबर पख्तूनवाला में शुरू विरोधीयों की मुहीम कुचलने की कोशिश कर रहे है, यह आरोप हो रहा है। बीते कुछ दिनों से इस प्रांत की जनता भी पाकिस्तानी यंत्रणा के विरोध में रास्तों पर उतरकर प्रदर्शन कर रही है।

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