चीन द्वारा कोरोना का सच छिपाने की कोशिश – ऑस्ट्रेलियन अख़बार का आरोप

कॅनबेरा – चीन अभी भी कोरोना महामारी के फैलाव की जानकारी छिपाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा दावा ऑस्ट्रेलियन अख़बार ने किया। एक वैद्यकीय संशोधनविषयक वेबसाईट पर प्रकाशित हुई जानकारी के आधार पर यह दावा किया गया है। अमेरिकन संशोधकों द्वारा यह लेख प्रकाशित किया गया होकर, उसमें मृतदेहों पर किये जानेवाले अंतिम संस्कारों से संबंधित जानकारी का इस्तेमाल किया गया, ऐसा बताया गया है। इस लेख में, कोरोनावायरस का उद्गमस्थान होनेवाले वुहान शहर में महामारी के कारण कम से कम ३६ हज़ार लोगों की जानें गयीं होंगी, ऐसा खलबलीजनक दावा किया गया है।

China-Coronaऑस्ट्रेलिया के ‘ग्लॅडस्टोन ऑब्झर्व्हर’ इस अख़बार ने चीन ने कोरोना महामारी के संदर्भ में छिपायी जानकारी की ख़बर दी है। उसके लिए, वैद्यकीय संशोधनविषयक वेबसाईट ‘मेड अर्काईव्ह’ पर प्रकाशित हुए लेख का आधार लिया है। चार संशोधकों ने लिखे इस लेख में, दिसम्बर २०१९ से मार्च २०२० इस कालावधि की जानकारी का इस्तेमाल किया गया है। चीन के नियमों के अनुसार, मृतदेहों पर अंतिम संस्कार करने के स्थान दिन में केवल चार घंटें खुले रहते हैं।

वुहान की उपलब्ध संख्याओं के अनुसार, शहर में अंतिम संस्कार करने के आठ स्थान हैं। आम हालातों में, इन आठ स्थानों में प्रतिदिन औसत १३६ मृत व्यक्तियों पर अंतिम संस्कार किये जाते थे। लेकिन इस साल जनवरी महीने से वुहानस्थित ये आठों स्थान पूरे २४ घंटें कार्यरत थे। चीन की यंत्रणाओं द्वारा वुहान के संदर्भ में दी जानेवाली जानकारी और सामने आनेवाली यह वास्तविकता, इनकी तुलना करें, तो चीन सरकार कितनी भारी मात्रा में जानकारी छिपा रही थी, इसका खुलासा हो जाता है।

अमेरिकन संशोधकों ने अपने लेख में, वुहान के कोरोना महामारी के मृतकों का आँकड़ा कम से कम ३६ हज़ार होना चाहिए, ऐसा दावा किया है। चीन की सरकारी यंत्रणाओ ने, वुहान के मृतकों की संख्या सिर्फ़ ढ़ाई हज़ार दिखाई है। वुहान के मरीज़ों की संख्या भी चिनी यंत्रणाओं ने सिर्फ़ ५० हज़ार के क़रीब बतायी है। लेकिन अमरिकी संशोधकों ने अपने लेख में, यह संख्या कम से कम तीन लाख हो सकती है, ऐसा कहा जाता है।

इससे पहले भी विभिन्न माध्यम तथा संशोधकों ने लिखे लेखों से, कोरोना महामारी के संदर्भ में चीन के झूठ की पोल खुली थी। कोरोनावायरस की महामारी से चीन में ४,६३३ लोगों ने दम तोड़ा और ८२,९४१ कोरोनाबाधित अपने देश में थे, ऐसा चीन ने घोषित किया था। लेकिन कोरोनावायरस का संक्रमण चीन के लगभग २३० शहरों में फ़ैला था और इस संक्रमण के लगभग साढ़े छ: लाख मरीज़ पाये गए थे, ऐसी रुग्ण आढळले होते, ऐसी चौंका देनेवाली जानकारी चीन के ही लष्करी विश्वविद्यालय के रजिस्टरबुक के ज़रिये दुनिया के सामने आयी थी। कुछ दिन पहले अमरीका की हार्वर्ड युनिव्हर्सिटी ने, चीन में कोरोना संक्रमण पिछले वर्ष अगस्त महीने में ही शुरू हुआ होने की बात कही थी।

ऑस्ट्रेलियन अख़बार की इस ख़बर से, चीन से जानकारी छिपायी गयी होने की फिर एक बार पुष्टि हुई है।

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