बचत गुट की महिलाओं ने तैयार किए दस करोड़ ‘मास्क’

नई दिल्ली,  (वृत्तसंस्था) – कोरोना वायरस की महामारी दुनियाभर में कोहराम मचा रहीं हैं और इस महामारी का मुकाबला कर रहें डॉक्टर्स तथा अन्य मेड़िकल स्टाफ के लिए मास्क एवं अन्य ज़रूरी सामान की भारी मात्रा में कमी महसूस हो रही है। अमरीका एवं युरोप के विकसित देशों में भी इस सामग्री की किल्लत बनी है। ऐसी स्थिति में, भारत में मौजूद बचत गुट की सदस्या होनेवालीं महिलाओं ने पहल की है। डॉक्टर एवं मेड़िकल स्टाफ के लिए करीबन दो लाख प्रोटेक्टिव्ह गिअर्स, तीन लाख लीटर सैनिटायझर एवं दस करोड़ मास्क तैयार करके इन महिलाओं ने सभी लोगों को अचंबित किया हैं।

भारत में मार्च महीने में कोरोना की महामारी का फ़ैलाव शुरू हुआ और इसके बाद देश में मास्क, प्रोटेक्टिव्ह गिअर्स एवं सैनिटायझर की भारी मात्रा में कमी महसूस हो रही थी। साथ ही, देश में मास्क, प्रोटेक्टिव्ह गिअर्स की माँग में बड़ी मात्रा में बढ़ोतरी हुई थी। प्रोटेक्टिव्ह गिअर्स में एप्रेन, गाउन, फेस शिल्ड़, ग्लोव्हज्‌, कैप का समावेश रहता है। इसी की कमी महसूस हो रही थी। इसके बाद बचत गुट की महिलाओं ने दिन-रात परिश्रम करते हुए, अपनी टेलरिंग की कुशलता का इस्तेमाल करके सुरक्षा कवच, मास्क जैसे, मेड़िकल स्टाफ के लिए ज़रूरी सामान का निर्माण किया। इसके लिए उन्हें राज्य एवं ज़िला स्तर की यंत्रणाओं ने सहायता प्रदान की।

देश के विभिन्न ज़िलों की ४,००० महिलाओं ने, कोरोना वायरस के विरोध में लड़ रहें योद्धाओं के लिए रक्षा कवच का निर्माण किया। उनके इस योगदान की सभी स्तरों पर सराहना हो रही है। इससे आनेवाले दिनों में, बचत गुटों की महिलाओं के लिए व्यवसाय करने के लिए एक और दालान खुला हुआ दिखाई दे रहा है।

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